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रींगस से खाटूश्यामजी रेल मार्ग बनाने का विरोध:ग्रामीण बोले- किसान परिवार बेघर हो जाएंगे, आंदोलन की चेतावनी दी


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रींगस से खाटूश्यामजी रेल मार्ग बनाने का विरोध:ग्रामीण बोले- किसान परिवार बेघर हो जाएंगे, आंदोलन की चेतावनी दी

रींगस से खाटूश्यामजी रेल मार्ग बनाने का विरोध:ग्रामीण बोले- किसान परिवार बेघर हो जाएंगे, आंदोलन की चेतावनी दी

सीकर : सीकर के रींगस से खाटूश्यामजी तक प्रस्तावित रेल मार्ग को निरस्त करने की मांग को लेकर आस-पास के सैकड़ों ग्रामीणों ने सीकर सांसद अमराराम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ग्रामीणों ने ढ़ाका भवन के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन भी किया।

ढाका भवन में सांसद से बातचीत करते हुए ग्रामीण।
ढाका भवन में सांसद से बातचीत करते हुए ग्रामीण।

खाटूश्यामजी धाम ग्रामीणों का आस्था स्थल

जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव अशोक धायल ने बताया कि खाटूश्यामजी धाम ग्रामीणों की आस्था का धार्मिक स्थल है। यहां पर पूरे भारतवर्ष से लाखों श्रद्धालु श्यामबाबा के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालु हाथों में बाबा के निशान लेकर रींगस से खाटूश्यामजी मंदिर तक पदयात्रा कर बाबा को निशान चढ़ाते हैं और दर्शन करते हैं। इन्हीं पदयात्रियों के भरोसे आस-पास के लोग रींगस से खाटूश्यामजी तक निशान, प्रसाद की दुकानें एवं गेस्ट हाऊस संचालित कर अपनी आजीविका चलाते हैं।

हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए रींगस से खाटूश्यामजी तक रेल चलाने की घोषणा की गई है। जिसके आधार पर रेलवे के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित रेल मार्ग का प्लान-3 जगह से अलग-अलग बनाया गया है। तीनों ही जगह रेलमार्ग के लिए भूमि अवाप्ति के लिए जगह-जगह निशान भी लगाए गए हैं और भूमि अवाप्ति के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

ग्रामीणों का मांगपत्र।
ग्रामीणों का मांगपत्र।

रेल मार्ग से परिवार बेघर होंगे

इस प्रस्तावित रेलमार्ग में रींगस एवं खाटूश्यामजी क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोटड़ी धायलान, तपिपल्या, लांपुआ, आभावास एवं लामिया के किसानों की भूमि को एक्वायर किया जाना प्रस्तावित है। इन किसानों की हालत बहुत ही दयनीय है। सभी किसान खेती एवं पशुपालन पर निर्भर है तथा प्रति किसान का कृषि जोत का क्षेत्रफल भी काफी कम है और किसानों की जमीन बहुत ही उपजाऊ है। जिससे यहां फसलों की अच्छी उपज होती है।

यहां अगर प्रस्तावित रेलमार्ग बनता है तो यह सभी किसान परिवार बेघर हो जाएंगे। जगह-जगह इनके कच्चे एवं पक्के मकान तोड़े जाएंगे। पानी के लिए जो किसानों ने ट्यूबवेल व कुएं बना रखे है वह बंद हो जाऐंगे तथा प्रस्तावित रेलमार्ग के बीच में जगह-जगह आस-पास के गांवों को जोड़ने के लिए सड़कें बनी हुई है। उन सड़कों को क्रॉस करने के लिए रेलवे विभाग द्वारा अंडरपास बनाए जाएंगे। जिससे प्रस्तावित रेलमार्ग से इन सभी ग्राम पंचायतों के किसान बर्बाद हो जाएंगे।

ऐसे में ग्रामीणों की मांग है कि रींगस से खाटूश्यामजी प्रस्तावित रेलमार्ग (रींगस, खाटूश्यामजी, तपिपल्या, लांपुआ, आभावास, लामिया ग्राम पंचायत क्षेत्र) को निरस्त किया जाए। ग्रामीण में चेतावनी देते हुए कहा अगर इन गांव में रेल मार्ग बनाया गया ग्रामीण आंदोलन करेंगे और भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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