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छोटा भाई बना CHO, बड़े भाई ने दी जान:बीटेक पास युवक 7 साल से था बेरोजगार; मां ने फंदे से लटका देखा शव


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छोटा भाई बना CHO, बड़े भाई ने दी जान:बीटेक पास युवक 7 साल से था बेरोजगार; मां ने फंदे से लटका देखा शव

छोटा भाई बना CHO, बड़े भाई ने दी जान:बीटेक पास युवक 7 साल से था बेरोजगार; मां ने फंदे से लटका देखा शव

चूरू : चूरू में छोटे भाई की नौकरी लगने से तनाव में आए बीटेक पास युवक ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया। युवक रात को खाना खाकर कमरे में सोया था। गुरुवार सुबह पंखे से लटका देखकर मां चिल्लाई तो आसपास के लोग एकत्रित हो गए। छोटे भाई का हाल में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) में चयन हुआ था।

कोतवाली थाना के एएसआई राजेश कुमार ने बताया कि वार्ड 51 निवासी राजेंद्र ने रिपोर्ट दी कि उसका बड़ा भाई नंदकिशोर कानखेड़िया (28) पुत्र सुभाष कानखेड़िया बीटेक पास किया हुआ था। वह काफी समय से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। नौकरी नहीं लगने और बेरोजगारी से परेशान होकर उसने घर के कमरे में फंदा लगा लिया।

डीबी अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर पोस्टमॉर्टम का इंतजार करते परिजन।
डीबी अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर पोस्टमॉर्टम का इंतजार करते परिजन।

कमरे में जली लाइट देखकर पहुंची मां

ASI राजेश कुमार ने बताया- नंदकिशोर रात को खाना खाकर कमरे में सोया था। सुबह सुबह करीब साढ़े पांच बजे उसके कमरे की लाइट जली देखकर मां कमरे की तरफ गई। कमरे का दरवाजे खोलकर देखा और चिल्लाने लगी। इस पर छोटा भाई राजेंद्र कमरे की तरफ आया तो देखा तो नंदकिशोर पंखे के हुक पर लटका पड़ा था। आसपास के लोग एकत्रित हो गए।

सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया। परिजनों की सहायता से शव को नीचे उतरवाकर डीबी अस्पताल पहुंचाया, जहां शव को मॉर्च्युरी में रखवाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।

छोटे भाई का CHO में चयन

अस्पताल में परिजनों ने बताया- नंदकिशोर ने 2018 में भीलवाड़ा से बीटेक किया था। वह काफी दिनों से नौकरी की तैयारी कर रहा था, लेकिन बेरोजगार होने के कारण परेशान था। इसी दौरान छोटे भाई राजेंद्र का कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) में चयन होने से वह तनाव में रहने लगा था। मृतक के पिता घर में ही आटा चक्की लगाकर चलाते हैं।

घर से बाहर नहीं निकलता था

पड़ोसी गौरीशंकर ने बताया कि नौकरी नहीं लगने के कारण वह डिप्रेशन में आ गया था। इस कारण घर से बाहर भी नहीं निकलता था। छोटे भाई की नौकरी लगने से वह ज्यादा ही तनाव में आ गया था।

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