पंचायत चुनाव स्थगित करने का मामला:कोर्ट ने कहा- संविधान के विपरीत सरपंचों का कार्यकाल कैसे बढ़ाया
पंचायत चुनाव स्थगित करने का मामला:कोर्ट ने कहा- संविधान के विपरीत सरपंचों का कार्यकाल कैसे बढ़ाया

जयपुर : हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत चुनाव स्थगित कर निवर्तमान सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने और प्रशासक नियुक्त करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि संविधान के प्रावधानों के विपरीत जाकर ऐसा क्यों किया गया है?
मामले में पंचायती राज सचिव व आयुक्त, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजस्थान, कलेक्टर जयपुर व एसडीएम चौमूं से 4 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और वीके भारवानी ने यह निर्देश गिर्राज सिंह देवंदा और सुरेश बाजिया की पीआईएल पर दिया।
अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा और अंकित स्वामी ने बताया कि सरकार ने 16 जनवरी की नोटिफिकेशन के जरिए संविधान के अनुच्छेद 243 ई व 243 के और राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1994 की धारा 17 का उल्लंघन कर प्रदेश की 6759 पंचायतों के आम चुनाव पर रोक लगाई है।
निवर्तमान सरपंचों का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी पंचायत चुनाव को स्थगित कर उन्हें ही पंचायतों में प्रशासक नियुक्त किया है। संविधान एवं पंचायत राज के प्रावधानों के अनुसार पंचायतों का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें स्थगित नहीं कर सकते। निवर्तमान सरपंचों का कार्यकाल 17 जनवरी को पूरा हो चुका है, वे अब जनप्रतिनिधि नहीं हैं।