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लद्दाख में शहीद चूरू के जवान का अंतिम संस्कार:पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर बिलख पड़ा बड़ा भाई; 17KM की तिरंगा यात्रा निकाली


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लद्दाख में शहीद चूरू के जवान का अंतिम संस्कार:पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर बिलख पड़ा बड़ा भाई; 17KM की तिरंगा यात्रा निकाली

लद्दाख में शहीद चूरू के जवान का अंतिम संस्कार:पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर बिलख पड़ा बड़ा भाई; 17KM की तिरंगा यात्रा निकाली

सादुलपुर : लद्दाख में शहीद हुए सादुलपुर (चूरू) के जवान सतीश स्वामी (24) का मंगलवार शाम करीब 4 बजे अंतिम संस्कार किया गया। पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी में शहीद के बड़े भाई रविंद्र स्वामी ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के दौरान पिता बुद्धराज स्वामी और बड़ा भाई रविंद्र बिलख पड़े।

इससे पहले, सादुलपुर में शहीद स्मारक से जवान के पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी तक 17 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में बाइक पर सवार युवा भी थे और शहीद अमर रहे के नारे लगा रहे थे। जवान की पार्थिव देह मंगलवार सुबह फ्लाइट से बीकानेर लाई गई थी। इसके बाद सादुलपुर लेकर आए थे।

द्रास ग्लेशियर में पेट्रोलिंग के दौरान 19 जनवरी की रात को सतीश स्वामी शहीद हो गए थे। जानकारी के अनुसार, पहाड़ी से उनका पैर फिसल गया था। सतीश स्वामी 5 (GR) गोरखा राइफल रेजिमेंट (फ्रंटियर फोर्स) में नायक की पोस्ट पर थे।

शहीद सतीश स्वामी का मंगलवार शाम अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई रविंद्र ने नम आंखों से शहीद को मुखाग्नि दी।
शहीद सतीश स्वामी का मंगलवार शाम अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई रविंद्र ने नम आंखों से शहीद को मुखाग्नि दी।
पिता बुद्धराज स्वामी ने शहीद बेटे को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वे फफक पड़े।
पिता बुद्धराज स्वामी ने शहीद बेटे को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वे फफक पड़े।

5 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे सतीश

शहीद के चचेरे भाई प्रमोद स्वामी ने बताया कि सतीश के पिता बुद्धराज स्वामी उदयपुर सिटी पैलेस में जॉब करते थे, लेकिन पिछले कुछ साल से घर पर ही हैं।

मां सुमित्रा देवी गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र पर काम करती हैं। बड़े भाई रविंद्र स्वामी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। दोनों भाइयों की अभी शादी नहीं हुई। सतीश करीब 5 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।

वे फरवरी में छुट्‌टी पर घर आने वाले थे। पूर्व सैनिक संघ के तहसील अध्यक्ष जगत सिंह ने बताया- सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि पेट्रोलिंग के दौरान पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण वे शहीद हुए हैं।

शहीद और उनकी अंतिम यात्रा से जुड़ी PHOTOS…

लद्दाख में शहीद हुए चूरू के जवान सतीश स्वामी का मंगलवार शाम पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी में अंतिम संस्कार किया गया।
लद्दाख में शहीद हुए चूरू के जवान सतीश स्वामी का मंगलवार शाम पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी में अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम संस्कार से पहले शहीद सतीश स्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
अंतिम संस्कार से पहले शहीद सतीश स्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के दौरान बड़ा भाई रविंद्र रोने लगा। परिवार के लोगों ने उसे संभाला।
शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि देने के दौरान बड़ा भाई रविंद्र रोने लगा। परिवार के लोगों ने उसे संभाला।
अंत्येष्टि स्थल पर शहीद के अंतिम संस्कार से पहले पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान बड़े भाई रविंद्र स्वामी बिलख पड़े।
अंत्येष्टि स्थल पर शहीद के अंतिम संस्कार से पहले पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान बड़े भाई रविंद्र स्वामी बिलख पड़े।
घर पर अंतिम दर्शन के बाद शहीद की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए अंत्येष्टि स्थल लेकर जाते जवान।
घर पर अंतिम दर्शन के बाद शहीद की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए अंत्येष्टि स्थल लेकर जाते जवान।
चूरू में सादुलपुर के गांव ठिमाऊ बड़ी पिता बुद्धराज स्वामी ने शहीद बेटे के अंतिम दर्शन किए।
चूरू में सादुलपुर के गांव ठिमाऊ बड़ी पिता बुद्धराज स्वामी ने शहीद बेटे के अंतिम दर्शन किए।
शहीद सतीश स्वामी की पार्थिव देह तिरंगा यात्रा के रूप में पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी लाई गई।
शहीद सतीश स्वामी की पार्थिव देह तिरंगा यात्रा के रूप में पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी लाई गई।
जवान की तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में युवा बाइकों पर चल रहे थे। शहीद अमर रहे और भारत माता की जय के नारों के बीच यात्रा निकाली गई।
जवान की तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में युवा बाइकों पर चल रहे थे। शहीद अमर रहे और भारत माता की जय के नारों के बीच यात्रा निकाली गई।
शहीद सतीश स्वामी की तिरंगा यात्रा में शामिल हुए युवाओं का कहना था कि शेखावाटी हमेशा से वीर जवानों की भूमि रही है। हम सभी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
शहीद सतीश स्वामी की तिरंगा यात्रा में शामिल हुए युवाओं का कहना था कि शेखावाटी हमेशा से वीर जवानों की भूमि रही है। हम सभी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।
शहीद सतीश स्वामी के घर मंगलवार सुबह भी माहौल सामान्य दिखा।
शहीद सतीश स्वामी के घर मंगलवार सुबह भी माहौल सामान्य दिखा।
सतीश स्वामी (सफेद टी-शर्ट) आखिरी बार जून 2024 में घर आए थे। इन्हीं छुटि्टयों में सतीश ने अपने भाई के साथ बर्थडे भी सेलिब्रेट किया था।
सतीश स्वामी (सफेद टी-शर्ट) आखिरी बार जून 2024 में घर आए थे। इन्हीं छुटि्टयों में सतीश ने अपने भाई के साथ बर्थडे भी सेलिब्रेट किया था।
शहीद सतीश स्वामी को बचपन से सेना में जाने का जज्बा था। वे जब केवल 19 वर्ष के थे, तब भी सेना में उनका चयन हो गया।
शहीद सतीश स्वामी को बचपन से सेना में जाने का जज्बा था। वे जब केवल 19 वर्ष के थे, तब भी सेना में उनका चयन हो गया।
अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे ग्रामीणों का कहना है कि सतीश ने देश के लिए प्राण न्यौछावर किए, ये उनके गांव के लिए गर्व की बात है।
अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे ग्रामीणों का कहना है कि सतीश ने देश के लिए प्राण न्यौछावर किए, ये उनके गांव के लिए गर्व की बात है।

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