[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

नरेश मीणा छात्र राजनीति से जुड़े मामले में बरी हुए:थप्पड़ कांड में जमानत याचिका लगाकर कहा- हिंसा में कोई हाथ नहीं


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

नरेश मीणा छात्र राजनीति से जुड़े मामले में बरी हुए:थप्पड़ कांड में जमानत याचिका लगाकर कहा- हिंसा में कोई हाथ नहीं

जयपुर : देवली-उनियारा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे नरेश मीणा को आज जयपुर मैट्रो प्रथम की एमएम-6 कोर्ट ने छात्र राजनीति से जुड़े करीब 20 साल पुराने मामले में बरी कर दिया। अदालत ने कहा- नरेश के खिलाफ इस मुकदमें में कोई सबूत नहीं हैं। ऐसे में आरोपी को बरी किया जाता है।

वहीं, छात्र राजनीति से ही जुड़े एक अन्य मामले में जयपुर मैट्रो प्रथम की एसीएमएम-16 कोर्ट ने नरेश मीणा को न्यायिक अभिरक्षा (जेल) में भेज दिया। इस मामले में नरेश मीणा फरार चल रहा था। अदालत ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर रखे थे। नरेश मीणा के प्रार्थना पत्र ही कोर्ट ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर तलब किया था।

एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में भी आज हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई। इसमें कहा- उसका हिंसा में कोई हाथ नहीं है।

छात्र नेता ने ही कराया था मामला दर्ज

नरेश मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने बताया- जिस मामले में नरेश मीणा को आज अदालत ने बरी किया है। वो छात्रसंघ चुनाव के दिन 21 अगस्त 2004 को छात्र नेता सुखविंदर सिंह ने दर्ज कराया था। एफआईआर में आरोप था कि नरेश मीणा और उसके साथियों ने पीड़ित के साथ मारपीट की है।

इसे लेकर नरेश मीणा की ओर से कहा गया कि छात्रसंघ चुनाव में वह महासचिव के पद पर लड़ रहा था। जब घटना हुई, तब वह काउंटिंग हॉल में मौजूद था। घटना यूनिवर्सिटी के बाहर हुई है। उसके पास मोबाइल भी नहीं था। उसका किसी भी व्यक्ति से उस समय कोई संपर्क नहीं था। ऐसे में उसे इस मामले में गलत फंसाया गया हैं।

घटना के बाद पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था। इसमें से दो छात्र अनिल और जितेन्द्र ने जुर्म स्वीकार करके प्रोबेशन का लाभ ले लिया था। वहीं, चार आरोपी आज भी फरार चल रहे हैं।

छात्र राजनीति से जुड़े दूसरे मामले में भेजा जेल

वहीं, नरेश मीणा के खिलाफ छात्र राजनीति से जुड़े दूसरे मामले में अदालत ने उसे जेल भेज दिया है। इस मामले में नरेश मीणा के खिलाफ कोर्ट ने स्थायी वारंट जारी कर रखे थे। पुलिस ने नरेश को फरार बताते हुए उसके खिलाफ चालान पेश किया था।

इस मामले में नरेश मीणा की ओर से कहा गया कि वह फरार नहीं था। पुलिस ने उसके खिलाफ चालान पेश करने से पहले उसे कोई सूचना नहीं दी गई थी। चार्जशीट के अनुसार 3 दिसम्बर 2011 को नरेश मीणा, अभिषेक और संदीप छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन का विरोध कर रहे थे। पुलिस को अभिषेक के पास से हथियार भी बरामद हुआ था।

13 नवंबर को मतदान के दिन निर्दलीय नरेश मीणा ने मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों के जबरन वोट दिलाने के मामले को लेकर SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
13 नवंबर को मतदान के दिन निर्दलीय नरेश मीणा ने मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों के जबरन वोट दिलाने के मामले को लेकर SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।

समरावता मामले में भी जमानत पर पेश

वहीं, एसडीएम को थप्पड़ मारने और समरावता गांव में हिंसा मामले में भी नरेश मीणा की ओर से हाईकोर्ट मे जमानत याचिका दायर की गई है। इसमें नरेश की ओर से कहा गया है कि उसका हिंसा में कोई हाथ नहीं है। जब गांव में हिंसा हुई, तब नरेश पहले से ही पुलिस की कस्टडी में था। बता दे कि ट्रायल कोर्ट और जिला एवं सत्र न्यायालय टोंक से नरेश मीणा की जमानत पहले ही खारिज हो चुकी हैं।

Related Articles