जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
शिमला : क्षेत्र में स्थित दुधवा व बसई नदी में बजरी के अवैध खनन का धंधा जोरों पर है। दिन दहाड़े सरेआम बजरी का अवैध खनन हो रहा है। दोनों जगह से ही अवैध खनन की बजरी भरकर ओवरलोड ट्रैक्टर व डंपर सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं। लेकिन वन विभाग ये सब आंख मूंद कर देख रहा है। कोई कार्यवाही करना तो दूर टोका टाकी तक नही की जा रही है। अवैध खनन की वजह से नदी में हजारों की संख्या में शीशम जैसे कीमती पेड़ बलि चढ़ चुके हैं। नदी में सैकड़ों फीट गहरे गड्ढे हो गए है। लेकिन कोई कहने सुनने वाला नहीं है। नदी में दोनों जगह दुधवा व बसई में अवैध खनन की वजह से शीशम जैसे कीमती पेड़ धड़ाधड़ काटे जा रहे हैं। खनन व वन विभाग को बार बार शिकायत के बावजूद भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मिलीभगत के चलते ये सब दिनदहाड़े बेखौफ चल रहा है। लगातार अवैध खनन की वजह से क्षेत्र में जलस्तर बुरी तरह से गिर रहा है।
यहां 1500 फिट तक पानी नहीं मिल रहा है। बोरवेल सूखते जा रहे है। जिसकी वजह से क्षेत्र में पेयजल का भी संकट पैदा हो गया है। यही नहीं पेड़ो के कटने से लगातार प्रदूषण भी बढ़ रहा है। अवैध खनन की बजरी दुधवा व बसई नदी से भरकर गुरुग्राम, दिल्ली, सहित अनेक जगह ऊंचे दामों पर बेची जा रही है। भामाशाह ने दुधवा नदी में खेल व टंकी का निर्माण करवाया था लेकिन बजरी माफियाओं ने इस जगह को भी नहीं बक्शा। उसके आसपास की पूरी बजरी निकाल ली तथा इसका रास्ता भी अवरूद्ध कर दिया। प्रशासन ने इस तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया। यही नहीं इस नदी में अवैध बजरी खनन पर ग्राम दुधवा के ग्रामीणों ने हाईकोर्ट जयपुर में एक जनहित याचिका भी दायर की थी। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पाबंद भी किया था तथा उपखंड अधिकारी को भी इस मामले में पाबंद करने व बजरी दोहन पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी बजरी का दोहन दिन- रात निरंतर जारी है खनन व वन विभाग इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। नदी से निकलने वाले रास्तों को भी अवरुद्ध कर दिया है।