सीकर में गुरु गोबिंद जयंती पर नगर कीर्तन:गतका पार्टियों ने दिखाए हैरतअंगेज कारनामे, 3 जिलों से पहुंचे सेवादार
सीकर में गुरु गोबिंद जयंती पर नगर कीर्तन:गतका पार्टियों ने दिखाए हैरतअंगेज कारनामे, 3 जिलों से पहुंचे सेवादार

सीकर : सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 359 वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष में सीकर शहर में भव्य नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन में गतका अखाड़ों ने हैरतअंगेज करतब भी दिखाए। इससे पहले सुबह गुरुद्वारा सिंह सभा में निशान साहिब के चोला चढ़ाया गया।

पंज प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन चल रहा था। आगे आगे नगर कीर्तन में पंज प्यारे चल रहे थे और पीछे पीछे नगर कीर्तन आ रहा था। ऊंट व घोड़ों पर सवार बच्चे भी आकर्षित कर रहे थे। नगर कीर्तन पोलो ग्राउंड स्थित गुरुद्वारा साहिब से रवाना होकर रेलवे स्टेशन रोड, तापड़िया बगीची, जाट बाजार, रामलीला मैदान होते हुए वापस गुरुद्वारा में पहुंचा। नगर कीर्तन का लोगों द्वारा पुष्पवर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया गया।

गुरुद्वारा साहिब में सुबह 9 बजे से अटूट लंगर बरताया जा रहा है। गुरुद्वारा कमेटी के डॉ. सतीश अरोड़ा ने बताया- दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश दिहाड़े के उपलक्ष में 4 जनवरी से गुरुद्वारा साहिब में अनेक धार्मिक कार्यक्रम हो रहे हैं। सेवा करने के लिए संगतें, स्कूली बच्चे भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। इसके साथ ही बीकानेर, सवाईमाधोपुर व जयपुर से भी सेवादार आए हुए हैं। गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन व गुरुबाणी के माध्यम से संगतों को निहाल किया गया।

उन्होनें बताया- गुरु गोबिंद सिंह जी सरबंस दानी भी है। गोबिंद सिंह ने मुगलों से लोहा लेने और आततायियों से कमजोरों को बचाने के लिए अपना पूरा परिवार ही न्योछावर कर दिया था। उनके लिए कहा जाता है, ‘चार पुत वारे, पंचवीं मां वारी, छठा बाप वारया और सतवां आप वारया। सत्त वार के कहदां- भाणा मीट्ठा लागे तेरा, सरबंस दानिया वे देना कौन दउगा तेरा।’ यही नहीं अपने 4 पुत्रों के बलिदान पर भी गुरु गोबिंद सिंह ने कहा था, ‘इन पुतन के सीस पर वार दिए सुत चार। चार मुए तो क्या हुआ, जीवत कई हज़ार।’

अरोड़ा ने कहा- सीकर में आज निकाला गया नगर कीर्तन ऐतिहासिक था। गुरु के जीवन पर अनेक पाठी साहिबान में भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर सोमनाथ त्रिहन, गुरदास अरोड़ा, सूरज तनेजा, हरीश कालड़ा, केके तनेजा, महेंद्र छाबड़ा, दीपक पंजाबी, दिलीप अरोड़ा, अर्जुन सिंह वाधवा, चरण सिंह, रतन सिंह, महेश पंजाबी, नरेश खुराना रमेश लाल वाधवा, कंवलजीत कौर, अमृतकौर, सोनिया साहनी, तेजेन्द्र कौर, शालू खुराना, सीमा वधवा, साक्षी खुराना, परविंदर कौर, विनीता कालरा व साधना सेठी सहित अनेक सेवादार मौजूद थे जिन्होंने सेवा की।
