[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

जिले का डिजिटल मानचित्र तैयार:प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में ग्रामीणों को मिलेगा संपत्ति कार्ड, शिविर लगाकर बांटे जाएंगे कार्ड


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

जिले का डिजिटल मानचित्र तैयार:प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में ग्रामीणों को मिलेगा संपत्ति कार्ड, शिविर लगाकर बांटे जाएंगे कार्ड

जिले का डिजिटल मानचित्र तैयार:प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में ग्रामीणों को मिलेगा संपत्ति कार्ड, शिविर लगाकर बांटे जाएंगे कार्ड

झुंझुनूं : भूमि पर मालिकाना देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत झुंझुनूं जिले के लगभग सभी गांवों का ड्रोन से सर्वे हो चुका है। डिजिटल मानचित्र तैयार भी हो चुके हैं। अब जल्द ही शिविर लगाकर सम्पत्ति के कार्ड बांटे जाएंगे। इससे ग्रामीणों को बड़ा फायदा होगा। कार्ड वितरण से पहले लाभार्थी को उनके मोबाइल पर भी सूचना दी जाएगी। जिले में 943 गांव है। कुछ खसरों का सर्वे नेटर्वक गड़बडी के कारण नहीं हो सका। इसके लिए वापस सर्वे करवाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2020 में पंचायत दिवस पर राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासों से ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि में स्थित संपत्ति का मालिकाना हक दिलवाने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की थी। योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग की ओर से सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजिटल मानचित्र तैयार कर सम्बन्धित ग्राम पंचायतों को सौंपा जाएगा।

गांवों के आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण एवं मानचित्र का कार्य पूर्ण होने पर स्वामित्व धारियों को पंचायती राज नियमों के तहत उनके स्वामित्व की आबादी भूमि का विधिक दस्तावेज भौतिक रूप से देने के साथ उस दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर लाभार्थी के मोबाइल नम्बर पर भेजी जाएगी।

पंचायतों के पास सम्पूर्ण रिकॉर्ड होगा

स्वामित्व योजना में राजस्व विभाग की तर्ज पर प्रत्येक पंचायत स्तर पर आबादी भूमि पर मालिकाना हक का सम्पूर्ण रिकॉर्ड होगा। इससे पहले पंचायत के पास आबादी भूमि का रिकॉर्ड तो रहता था, लेकिन उस भूमि में किसके पट्टे हैं, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाती थी। गलत पट्टे जारी होने व अनियमितता होने की संभावना बनी रहती थी।

योजनांतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर पटवारी द्वारा गांव की आबादी भूमि का सीमांकन कर दो चरण में अंतिम नक्शा तैयार किया गया। फिर पंचायतों की ओर से आपत्ति नोटिस निकाला गया। जिसमें ग्रामीणों को अपनी भूमि का रिकार्ड देखकर कोई संशोधन होने पर सुधार के लिए सूचित किया गया।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश चन्द्र ने बताया की पंचायतों के सभी गांवों के आबादी भूमि के डिजिटल नक्शे बन चुके हैं। शीघ्र लाभार्थियों को उनके मालिकाना हक के संपत्ति कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Related Articles