कई साल से घर से दूर विकास अधिकारी-कनिष्ठ सहायक:गृह जिले में जाने की नहीं खुल रही राह, नियम बना आफत
कई साल से घर से दूर विकास अधिकारी-कनिष्ठ सहायक:गृह जिले में जाने की नहीं खुल रही राह, नियम बना आफत

झुंझुनूं : कई साल से घर से कोसों दूर बैठे ग्राम विकास अधिकारी व कनिष्ठ सहायक की गृह जिले जाने की राह नहीं खुल रही है। एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर को रोकने के लिए 7 साल पहले सरकार पर दबाव से बनाया गया नियम अब उन्हीं के लिए परेशानी बन गया है।
नियम के चलते उनका गृह जिले में स्थानान्तरण नहीं हो पा रहा है। प्रदेशभर में करीब 1146 ग्राम विकास अधिकारी व 1764 कनिष्ठ सहायक वर्षों से अपने घर परिवार से दूर हैं। अकेले झुंझुनूं मे ही 32 ग्राम विकास अधिकारी व 38 कनिष्ठ सहायक हैं जो अपने घर जाने की बाट जोह रहे हैं।
तत्कालीन सरकार से हुआ था समझौता
पिछली सरकार के मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते में ग्राम विकास अधिकारियों व कनिष्ठ सहायकों को 45 दिवस के भीतर उनके गृह जिले में नियुक्ति देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सरकार ही बदल गई और हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं। प्रोबेशन में चल रहे ग्राम विकास अधिकारी व कनिष्ठ सहायक भी इस नियम के चलते एक जगह फंस कर रह गए हैं, उनका भी अन्य जगह स्थानान्तरण नहीं हो पा रहा है।
दरअसल सरकार की ओर से ग्राम विकास अधिकारियों की मांग पर वर्ष 2016 में सरकार की ओर से नियम बनाकर एक जिले से दूसरे जिले में स्थानान्तरित करने पर रोक लगा दी गई थी।
ग्राम विकास अधिकारी संघ ने सात वर्ष पहले यह सोचते हुए सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा कि कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि उन्हें प्रताड़ित करने के उद्देश्य से जिलाबदर नहीं करें। इस प्रस्ताव पर सरकार न तो मुहर लगाकर अन्यत्र जिले में स्थानान्तरण पर रोक के नियम भी बना दिए, लेकिन यह नियम उन लोगों के लिए आफत बन गए जो दूसरे जिलों के हैं।
आश्वासन मिलता रहा
कई बार पिछली भाजपा एवं कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिम्मेदार मंत्री व ग्राम विकास अधिकारी संघ के बीच उनकी मांगों पर लिखित समझौते हुए। लिखित समझौते में मंत्रियों की ओर से वर्षों से अपने गृह जिले से दूर लगे ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति उनके गृह जिले में करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ता में आए एक साल हो चुका, लेकिन ग्राम विकास अधिकारियों एवं कनिष्ठ सहायकों को अपने घर वापसी का इंतजार है।