मतदाता सूचियों के अपडेशन और चुनावी आंकड़ों के संधारण कार्य पूरी तरह पारदर्शी: नवीन महाजन
राजस्थान में सभी विधान क्षेत्रों की अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन 7 जनवरी को होगा

जयपुर : भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन विभाग, राजस्थान मतदाता सूचियों को तैयार करने और उन्हें समय-समय पर अपडेट करने, मतदान के लिए ईवीएम मशीनों के उपयोग और रख-रखाव तथा चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी आंकड़ों का संकलन और संधारण का काम पारदर्शिता के साथ करता है. उक्त गतिविधियां निर्धारित समयसीमा के अनुक्रम में लगातार चलती रहती हैं और इनमें हर स्तर पर आम नागरिकों, राजनैतिक दलों, गैर-सरकारी स्वयंसेवी संगठनों आदि के साथ नियमित रूप से समन्वय और उनकी सक्रिय भागीदारी रहती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि इस क्रम में प्रदेश में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन का कार्य अंतिम चरण में है. आयोग के निर्देश पर अगस्त 2024 में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यक्रम-2025 के रूप में शुरू हुई यह गतिविधि अंतिम मतदाता सूचियों के प्रकाशन के साथ 7 जनवरी को पूरी होगी. प्रारूप सूचियों के प्रकाशन के बाद उन पर प्राप्त दावों और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया 24 दिसम्बर को पूरी हो चुकी है. अब सूचियों का प्रकाशन 7 जनवरी को होगा।
महाजन के अनुसार, मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण, संशोधन और अपडेशन के काम में पूरे प्रदेश के मतदान केन्द्रों तक मतदाताओं और राजनैतिक दलों सहित अन्य सभी हितधारकों की भागीदारी रहती है।
बीएलओ द्वारा मतदाताओं का घर-घर सत्यापन
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में प्रक्रियाधीन एसएसआर कार्यक्रम-2025 के तहत पुनरीक्षण पूर्व गतिविधियों के दौरान नए मतदाताओं के पंजीकरण के साथ ही आम लोगों से अपील की गई की वे प्रचलित सूचियों में अपने नाम सुनिश्चित करने, नाम जोड़ने, हटाने और पते तथा फोटो आदि जानकारी में संशोधन करवाने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने. अगस्त 2024 से निर्वाचन विभाग के बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) ने घर-घर सर्वे के जरिए मतदाता सूचियों का सत्यापन किया तथा नए मतदाताओं और सूचियों में मौजूद मतदाताओं की जानकारी प्राप्त करने के बाद अक्टूबर 2024 में प्रारूप सूचियों का प्रकाशन किया।
राजनैतिक दलों को प्रारूप सूचियां निशुल्क उपलब्ध
नवीन महाजन के अनुसार, प्रकाशित प्रारूप सूचियां सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट और जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में सार्वजनिक रूप से देखने के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं. अंतिम सूचियां भी प्रकाशन के बाद मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को तथा वेबसाइट पर निशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं।
हितधारकों के साथ सभी स्तर पर निरंतर संवाद
महाजन ने बताया कि सूचियों के प्रकाशन के बाद आम नागरिकों तथा अन्य हितधारकों से दावे-आपत्तियां, सुझाव तथा नए नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए. संवाद के इस क्रम में, 9 और 23 नवम्बर को विशेष ग्राम सभा और वार्ड सभाओं का आयोजन कर इन सूचियों का सार्वजनिक पठन किया गया. इसी प्रकार, 10 एवं 24 नवम्बर को भी मतदान केन्द्रों पर बीएलओ सहित अन्य अधिकरियों ने मतदाताओं, राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों सहित अन्य हितधारकों के साथ प्रारूप सूचियों पर चर्चा की गई. उक्त गतिविधियों के बारे में समय-समय पर आम नागरिकों को विभिन्न माध्यमों से जानकारी दी गई, ताकि अधिक से अधिक लोग अपना नाम जुडवा सकें अथवा सूचियों में संशोधन करवा सकें।
प्रारूप सूचियों पर 26.97 लाख आवेदन प्राप्त
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, एसएसआर कार्यक्रम की अवधि में 20 अगस्त से 24 दिसम्बर तक निर्वाचन विभाग को प्रदेशभर में कुल 26,97,085 आवेदन, दावे आदि प्राप्त हुए. इनके आधार पर मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने के 13.83 लाख, नाम हटाने के 5.62 लाख और नाम, पते, फोटो आदि विसंगतियों में संशोधन के 5.22 लाख आवेदनों का निस्तारण कर दिया गया है।
अब अंतिम सूचियों का प्रकाशन 7 जनवरी को
महाजन ने बताया कि 7 जनवरी को अंतिम मतदाता सूचियों के प्रकाशन के साथ एसएसआर कार्यक्रम का समापन होगा. पहले सूचियों का प्रकाशन 6 जनवरी को होना था, लेकिन इस दिन गुरु गोविन्द सिंह जयंती के अवसर पर सार्वजनिक राजकीय अवकाश होने के चलते निर्वाचन आयोग ने सूचियों का प्रकाशन 7 जनवरी को करने के निर्देश जारी किए हैं।