अजमेर दरगाह उर्स 28 से:दरगाह प्रकरण में केंद्र का रुख तय करेगा उर्स, मंत्री रिजिजू खुद लाएंगे पीएम मोदी की चादर
अजमेर दरगाह उर्स 28 से:दरगाह प्रकरण में केंद्र का रुख तय करेगा उर्स, मंत्री रिजिजू खुद लाएंगे पीएम मोदी की चादर

अजमेर : दरगाह में श्री संकट मोचन शिव मंदिर के दावे पर सुनवाई के बीच 28 दिसंबर से उर्स शुरू हो रहा है। कई मायनों में अबकी उर्स अलग है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान, उस पर सेवा दल के अध्यक्ष का कटाक्ष और हिंदू सेना प्रमुख की दलील सियासत में अलग तड़का लगा रहे हैं।
इन सबके बीच केंद्र का रुख इस मुद्दे पर नजरिया साफ कर सकता है। सूत्रों का कहना है अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरन रिजिजू पीएम की चादर लेकर दरगाह आएंगे। इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी चादर लेकर आए थे।
उधर, दरगाह प्रकरण केस के दोनों पक्षों की ओर से माहौल खराब करने जैसी नौबत नहीं आए, सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। पहली बार बाॅडी वाॅर्न कैमरे और हाईटेक ड्रोन से पूरे दरगाह क्षेत्र की निगहबानी की जाएगी।
बदजुबानी आग ना लगाए.. इसलिए बाॅडी वाॅर्न कैमरे से वाॅयस रिकॉर्डिंग
उर्स में इस बार सुरक्षा व्यवस्था काे ज्यादा पुख्ता किया गया है। पिछली बार से डेढ़ गुना ज्यादा पांच हजार पुलिस अफसर और जवान तैनात रहेंगे। रेपिड एक्शन फोर्स के 600 जवान भी लगाए गए हैं। सीआरपीएफ को भी रिजर्व में रखा गया है। खास बात ये है कि दरगाह के भीतर और बाहर भीड़ वाली जगहाें पर सादे कपड़ों में 70 पुलिस जवान बाॅडी वार्न कैमरे से लैस रहेंगे। उन्हें संवेदनशील स्थान के साथ-साथ कुछ संदिग्ध लोगों और गतिविधियों पर निगरानी के लिए भी लगाया जाएगा। नागाैर, भीलवाड़ा, टाेंक से भी पुलिस जाप्ता मंगाया गया है।
दरगाह में मंदिर के दावे की अर्जी… सियासत, संघ, सरकार और विपक्ष
वादी: दरगाह में मंदिर के दावे की अर्जी, पीएम से चादर नहीं भेजने की अपील
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 23 सितंबर को अजमेर कोर्ट में याचिका लगाई। कई किताबों का हवाला देते हुए दरगाह में महादेव मंदिर होने का दावा किया। गुप्ता ने याचिका लगाने के बाद लगातार धमकियां मिलने की शिकायत कर रखी है। मामले में दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, एएसआई काे प्रतिवादी बनाया गया है। गुप्ता ने पीएम को पत्र लिखकर उर्स में चादर नहीं भेजने का आग्रह भी किया है।
भाजपा: मंदिर के दावे वाली अर्जी सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दरगाह परिसर में शिव मंदिर होने के दावे को खारिज किया। बोले- मंदिर होने के दावे में सच्चाई होती तो पीएम मोदी भी उर्स में चादर नहीं भेजते। सिद्दीकी ने कहा कि विष्णु गुप्ता ने अदालत में वाद दायर किया है। यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का बहुत ही घटिया तरीका है। आम लोगों को सब्र से काम लेना चाहिए।
कांग्रेस: आरएसएस खुद भ्रमित, भागवत कुछ कहते हैं, शंकराचार्य कुछ और ही
कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष लालचंद देसाई ने दरगाह में मंदिर के दावे के मामले में कहा कि इस बारे में आरएसएस प्रमुख माेहन भागवत से चर्चा करनी चाहिए, क्याेंकि इस मसले पर आरएसएस में कन्फ्यूजन की स्थिति है। शंकराचार्य कुछ कहते हैं ओर मोहन भागवत कुछ कहते हैं। देसाई ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री और आरएसएस के लोगों की सोच में जहर भरा हुआ है। ये बांटने की राजनीति करते हैं।
आरएसएस: कुछ लोग हिंदू नेता बनने मंदिर-मस्जिद का विवाद उठा रहे हैं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के जिस बयान को लेकर कांग्रेस तूल दे रहा है…दरअसल वो ऐसे लोगों के खिलाफ है, जो मंदिर के दावे जैसी अर्जियां लगा रहे हैं। भागवत ने 16, 19 और 22 दिसंबर को महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर दिए अपने बयानों में कहा था कि अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोग मानते हैं कि वे ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे।