श्री सीमेंट कंपनी विवाद में नया मोड़, झुंझुनूं पुलिस ने किसान को ₹10 लाख का नोटिस भेजा
किसान को इच्छा मृत्यु का ऐलान भारी पड़ा:पुलिस ने सुरक्षा में खर्च 9.91 लाख रुपए जमा कराने का दिया आदेश, 7 दिन का टाइम दिया

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : रविंद्र पारीक
नवलगढ़ : झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ में श्री सीमेंट कंपनी और किसान विद्याधर यादव के बीच चल रहे विवाद ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। किसान विद्याधर यादव, जिन्होंने कंपनी पर जबरन मकान तोड़ने और मुआवजा न देने के आरोप लगाए थे, को झुंझुनूं पुलिस ने ₹9,91,577 का नोटिस भेजा है। यह नोटिस पुलिस बल पर हुए व्यय की भरपाई के लिए भेजा गया है, जो किसान के विरोध प्रदर्शन के दौरान तैनात किया गया था।
क्या है मामला?
गोठड़ा गांव के किसान विद्याधर यादव ने श्री सीमेंट कंपनी पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने जबरन उनका मकान तोड़ दिया और जमीन का उचित मुआवजा भी नहीं दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की थी। इस मामले के सार्वजनिक होने के बाद किसान के समर्थन में सैकड़ों ग्रामीण और किसान एकत्र हो गए।
किसान विद्याधर यादव आरोप लगाया था कि उसकी गोठड़ा गांव में सीमेंट फैक्ट्री के माइनिंग क्षेत्र में जमीन और मकान है। सीमेंट कंपनी व प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उनके परिवार को बंधक बनाकर उनके स्थाई आवास को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया था। सीमेंट कंपनी द्वारा उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया। लगातार विरोध करने पर कंपनी की ओर से उन्हें धमकियां दी जा रही थी। लगातार अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते उनका परिवार न्याय प्राप्ति के लिए थक चुका है। अब ऐसे में पूरा परिवार इच्छा मृत्यु चाहता है।

11 दिसंबर को, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने श्री सीमेंट कंपनी के गेट के सामने धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान किसान विद्याधर यादव अपने परिवार के साथ चिता पर बैठ गए, जिसे पुलिस ने हटाया। कंपनी को सात दिन का अल्टीमेटम देने के बाद किसान वापस लौटे। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन किसान को मनाने में सफल हो गया। और एसडीएम कार्यालय में नवलगढ़ एसडीएम जयसिंह ने श्री सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किसान को मुआवजा राशि का चेक सौंप दिया।
कंपनी ने किसान पर लगाया था आरोप
सीमेंट कंपनी ने खनन क्षेत्र में आने वाले विद्याधर और सुखदेव के घर को सुरक्षा कारणों से हटाने की आवश्यकता जताई थी। सीमेंट कंपनी के यूनिट हैड एचसी गुप्ता ने बताया कि था कि वे सीमेंट कंपनी समझौते के अनुसार मुआवजा राशि देने के लिए तैयार थे, लेकिन किसान मुआवजा राशि लेने को तैयार नहीं है, वे बार- बार डिमांड बदल रहा था।
किसान को मिला पुलिस प्रशासन का नोटिस
हालांकि, 17 दिसंबर को झुंझुनूं पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी नोटिस ने मामले को फिर गरमा दिया। नोटिस में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन को संभालने और पुलिस बल की तैनाती में जो खर्च हुआ, उसकी भरपाई के लिए किसान को ₹9,91,577 की राशि सात दिन के भीतर जमा करनी होगी।
किसान का पक्ष
किसान विद्याधर यादव ने नोटिस को अस्वीकार करते हुए कहा है कि उन्होंने पुलिस को नहीं बुलाया था और वह किसी भी राशि का भुगतान नहीं करेंगे। उनका कहना है कि यह नोटिस उन्हें और उनके परिवार को परेशान करने की साजिश है।
समर्थन और राजनीतिक रंग
किसान को मिले इस नोटिस ने मामले को फिर गरमा दिया है। आपको बता दें मामले में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने श्री सीमेंट कंपनी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे संभालता है और किसान विद्याधर यादव इस नोटिस का क्या जवाब देता है।
ये था विवाद
गोठड़ा गांव में खसरा नंबर 1225, 1226, 1243 और 1241 की 3.118 हेक्टेयर भूमि सीमेंट कंपनी के खनन क्षेत्र में आती है। इस भूमि में से 1/3 हिस्सा विद्याधर यादव और उसके भाई सुखदेव यादव का है। इसके लिए राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 89 के तहत अतिरिक्त जिला कलेक्टर झुंझुनूं ने पांच जनवरी 2021 को निर्णय पारित किया, जिसमें भूमि का मुआवजा 22,47,773 रुपए प्रति बीघा तय किया गया था। बाद में 13 अक्टूबर 2023 को किसानों और सीमेंट कंपनी के बीच समझौता हुआ, जिसमें मुआवजा राशि को बढ़ाकर 26 लाख रुपए प्रति बीघा कर दिया गया। इसके अलावा, निर्माण लागत और अन्य मुआवजा मिलाकर कुल राशि 3 करोड़ 5 लाख 10 हजार 909 रुपए तय की गई थी।