[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

लेपर्ड के हमले से बचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा:लाठी लेकर तलाश करने निकले थे, घर से बाहर आते ही निकलकर भागा लेपर्ड


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
उदयपुरवाटीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

लेपर्ड के हमले से बचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा:लाठी लेकर तलाश करने निकले थे, घर से बाहर आते ही निकलकर भागा लेपर्ड

लेपर्ड के हमले से बचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा:लाठी लेकर तलाश करने निकले थे, घर से बाहर आते ही निकलकर भागा लेपर्ड

उदयपुरवाटी : झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी कस्बे के जहाज गांव में मंगलवार सुबह आबादी क्षेत्र में घुसे लेपर्ड ने ग्रामीणों, पुलिस प्रशासन और वन अधिकारियों को शाम तक खूब परेशान किया। रात होते ही लेपर्ड वापस जंगल की ओर भाग गया। जयपुर से आई रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन विफल रहा।

इस दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा भी हाथ में लाठी लेकर ग्रामीणों के साथ लेपर्ड की तलाश करने निकले थे। एक घर में सर्च के बाद गुढा जैसे ही बाहर निकले, लेपर्ड बाहर निकल कर भाग गया। इस दौरान वे बाल-बाल बच गए।

एक दिन पहले सांभर का किया था शिकार

ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार देर शाम जहाज गांव में लोक देवता हीरामलजी के स्थान से थोड़ी दूर नदी इलाके में लेपर्ड ने एक सांभर का शिकार किया था। इस दौरान खेतों की रखवाली कर रहे एक बावरिये ने लेपर्ड को देखकर शोर मचाया, जिसके बाद तेंदुआ एक घर में घुस गया।

जानकारी के अनुसार जहाज गांव के लोकदेवता हीरामलजी देवस्थान के पास बोकन्या वाली ढाणी में तेजपाल सैनी के घर पर मंगलवार सुबह करीब 6 बजे लेपर्ड को देखा गया। सूचना पर सैकड़ों ग्रामीण, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी तथा वनकर्मी मौके पर पहुंच गए। पूर्व मंत्री राजेंद्रसिंह गुढा भी पहुंचे। वन विभाग के अधिकारियों ने लगभग 20 मीटर की दूरी से लेपर्ड को झाड़ियों में छिपा देखा और गुढा को दिखाया।

डीएफओ ने विनती करके गुढा को वापस बुलाया

गुढा ने लेपर्ड के पास जाने की इच्छा जताई, लेकिन वन अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। लेपर्ड वहां से भागकर दूसरी जगह चला गया। नजदीक से देखने के लिए पूर्व मंत्री गुढा वहां तक पहुंच गए, जबकि रेस्क्यू टीम और वन विभाग के अधिकारी भी वहां नहीं जा रहे थे। वन विभाग के डीएफओ बनवारीलाल नेहरा ने विनती करके गुढा को वापस बुलाया।

तीसरी बार तेंदुआ भागकर एक घर के पशुओं को बांधने वाले ढारे में घुस गया। पशु के घर में लेपर्ड है या नहीं, इसे सुनिश्चित करने के लिए कोई भी जाने को तैयार नहीं था। पूर्व मंत्री गुढा ने बचाव जैकेट पहना और हाथ में लकड़ी लेकर घर में घुस गए। इतना ही नहीं, पशु बांधने के जिस मकान में लेपर्ड छुपा था, उसके बाहर जाकर गुढा ने लेपर्ड की आंख से आंख मिलाई और लोगों को बताया कि लेपर्ड इसी मकान में छिपा हुआ है। महज 5 सेकेंड में तेंदुआ उस मकान से निकलकर दूसरी तरफ भाग गया। तेंदुआ भागते हुए गुढ़ा से महज 2 मीटर की दूरी पर था।

गांव में लेपर्ड आने की सूचना पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा और वर्तमान विधायक भगवानाराम सैनी मौके पर पहुंचे।
गांव में लेपर्ड आने की सूचना पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा और वर्तमान विधायक भगवानाराम सैनी मौके पर पहुंचे।

दोपहर बाद पहुंची रेस्क्यू टीम

ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। भीड़ अधिक होने के कारण उदयपुरवाटी सीआई भी जाप्ते के साथ वहां पहुंचे। दोपहर बाद जयपुर से रेस्क्यू टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई। प्रधानमंत्री की जयपुर रैली में ड्यूटी होने के कारण टीम करीब तीन बजे मौके पर पहुंची। टीम ने लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास किया।

देर शाम तक डटी रही रेस्क्यू टीम

तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए आई टीम देर शाम तक मौके पर रुकी रही। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी वहीं तैनात रहे। पुलिस और प्रशासन की टीम भी पूरे समय मौके पर मौजूद रही। सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक सैकड़ों ग्रामीण तमाशबीन बने रहे। बोकन्या वाली ढाणी के लोग तेंदुए के डर से भयभीत हो रहे थे।

लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज करने के लिए गन लोड करते हुए अधिकारी।
लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज करने के लिए गन लोड करते हुए अधिकारी।

पूर्व मंत्री और विधायक भी पहुंचे मौके पर

लेपर्ड की सूचना पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा के अलावा विधायक भगवानाराम सैनी भी मौके पर पहुंचे। दोनों नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ स्थिति का जायजा लेते रहे। इनके अलावा भाजपा नेता यतेन्द्र सैनी, पूर्व सरपंच रामनिवास सैनी, एडवोकेट जितेंद्र सिंह गिरावड़ी, रामावतार स्वामी, कृष्ण सिंह, सरपंच पति कैलाश चंद्र सैनी, रामकरण सैनी, बनवारीलाल और राजेंद्र सैनी सहित सैकड़ों ग्रामीण मौके पर मौजूद थे।

डीएफओ बनवारीलाल ने बताया कि सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू करने का प्रयास किया गया था। काफी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर थे। रात के समय तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।

दिनभर लाठी डंडे के साथ लेपर्ड के पीछे दौड़ते रहे ग्रामीण।
दिनभर लाठी डंडे के साथ लेपर्ड के पीछे दौड़ते रहे ग्रामीण।

गुढा बोले- मुझे देखकर चलते जाते है खतरनाक जानवर

राजेंद्र सिंह गुढा ने कहा कि जंगली जानवर तब तक इंसान पर हमला नहीं करते जब तक इंसान उन्हें नुकसान न पहुंचाए। मैं अक्सर जंगल में घूमता हूं और कई बार तेंदुआ और अन्य खतरनाक जानवरों से सामना होता है, लेकिन वे मुझे देखकर चले जाते हैं। मनसा क्षेत्र में पहले शेर भी रहा था, लेकिन उसने भी कभी किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाया।

रेस्क्यू टीम ने रातभर पहरा दिया

जहाज गांव की बोकन्या वाली ढाणी में वन विभाग की टीम रातभर तैनात रही। डीएफओ बनवारीलाल नेहरा, रेंजर विजय कुमार फगेड़िया, फोरेस्टर रघुवीर सिंह, सुरेश बाई, रेस्क्यू टीम के डॉ. अशोक तंवर, विनोद यादव, बीट प्रभारी अमित यादव आदि रातभर मौके पर तैनात रहे।

गुढा ने वन अधिकारियों को दी सलाह

पूर्व मंत्री गुढा ने वन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में सलाह दी। उन्होंने कहा कि लेपर्ड को नुकसान नहीं होना चाहिए और किसी भी इंसान को भी नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने वन अधिकारियों से कहा कि भीड़ से जानवर को बचाना और जानवर से भीड़ को बचाना बड़ी चुनौती है, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। लेपर्ड से किसी भी इंसान को या इंसान से लेपर्ड को नुकसान होने पर उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। वन अधिकारियों ने सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने का आश्वासन दिया। पूर्व मंत्री गुढा पूरे समय तक रेस्क्यू टीम के साथ रहे और पूरी कार्रवाई पर नजर बनाए रखी।

Related Articles