जयपुर : स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट करने वाले साइबर ठगों की गैंग के 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों ने अजमेर की रिटायर्ड टीचर को 23 से 30 नवंबर के बीच डिजिटल अरेस्ट कर 80 लाख रुपए ठग लिए थे। महिला की शिकायत पर अजमेर में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस पर एसओजी ने यह कार्रवाई की।
एडीजी एसओजी वीके सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से मामला एसओजी जयपुर में ट्रांसफर किया गया था।
एएसपी मोहेश चौधरी के नेतृत्व में टीम ने ठगी गई राशि की जांच की तो पता चला पैसा 150 खातों में ट्रांसफर हुआ। सभी खातों की जांच करने पर संदिग्ध खाता धारकों को चिह्नित किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि खातों से नकदी निकाल कर साइबर ठगों के मार्फत यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में बदली जा रही है।
टीम जांच करते हुए आरोपियों तक पहुंची और अलग-अलग जगह से 15 बदमाशों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से 13 लाख रुपए, 27 मोबाइल, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक, 15 चैक बुक, 16 सिम कार्ड, 13 पेन कार्ड-आधार कार्ड, एक लैपटॉप, एक कार बरामद किए गए।
इन बदमाशों को पकड़ा
राकेश गंवारिया (31), निवासी मकान नं 237 जामडोली जयपुर, दिलीप कुमार मीणा (25) निवासी गांव हमीरपुर टोडारायसिंह टोंक, संजीत कुमार (22) निवासी बौंली सवाई माधोपुर, सुमर्थ (18) निवासी डीडवाडा मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, रजनेश गुर्जर (18) निवासी डीडवाडा मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, अंकित मीणा (21) निवासी पुनेता बौंली सवाई माधोपुर, राहुल शर्मा (19) निवासी लोहरवाडा सूरवाल सवाई माधोपुर, मनराज गुर्जर (28) निवासी गुर्जरों का मोहल्ला डीडवाडा मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, चैन सिंह गुर्जर निवासी गुर्जर मोहल्ला डीडवाडा मलारना डूंगर सवाई माधोपुर, संदीप (22) निवासी वार्ड नंबर1 किशनपुरा उतरादा, संगरिया हनुमानगढ़, तरुण वर्मा (31) निवासी प्लाट नंबर 2 चांदपोल बाजार जयपुर, देवेंद्र सिंह (38) निवासी वार्ड नंबर 20, व्यापारियों का मोहल्ला भादरा,हनुमानगढ़, दिलखुश मीणा (22) निवासी दोसाडा महारिया लालसोट दौसा, विनेश कुमार निवासी गांव हरपालु हमीरवास चूरू,ब्रज किशोरी तेमानी (64) निवासी मकान नंबर 42 शिव शंकर नगर श्याम नगर जयपुर को अरेस्ट किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में खाते उपलब्ध कराने वाले भी
गिरफ्तार आरोपियों में राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, अंकित, राहुल शर्मा, मनराज खाते उपलब्ध करवाते थे। दिलखुश इन खाता धारकों से खाते के किट इकट्टा कर संजीत, चैन सिंह, संदीप को देता था। संजीत और चैन सिंह ठगी के पैसे को कैश में प्राप्त कर तरुण, देवेंद्र सिंह, विनेश कुमार, बृज किशोर को देकर क्रिप्टो करेंसी करवाते थे। साइबर ठगों की ओर से ठगी के पैसों के कमीशन को अपने महंगे शौक पूरा करने पर खर्च किया जाता था।