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झुंझुनूं के सूबेदार का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि:बोला- पापा ने कहा था डॉक्टर बनना है; अंतिम दर्शन करते ही बिलख पड़ी पत्नी


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झुंझुनूं के सूबेदार का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि:बोला- पापा ने कहा था डॉक्टर बनना है; अंतिम दर्शन करते ही बिलख पड़ी पत्नी

झुंझुनूं के सूबेदार का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि:बोला- पापा ने कहा था डॉक्टर बनना है; अंतिम दर्शन करते ही बिलख पड़ी पत्नी

पिलानी : के जवान संदीप श्योराण (40) का बुधवार को हिसार (हरियाणा) में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वे आर्मी की 633 ईमई बटालियन में हिसार में सूबेदार के पद पर तैनात थे। पैतृक गांव सुखराम का बास में गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया। 13 साल के बेटे क्रिस्टल ने उन्हें मुखाग्नि दी।

पत्नी अनार देवी के साथ शहीद सूबेदार संदीप श्योराण। (फाइल फोटो)
पत्नी अनार देवी के साथ शहीद सूबेदार संदीप श्योराण। (फाइल फोटो)

सूबेदार संदीप श्योराण के पिलानी के राजपुरा स्थित घर से पैतृक गांव सुखराम का बास तक 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। इससे पहले, उनकी पार्थिव देह गुरुवार दोपहर 3:30 बजे हिसार से पिलानी के राजपुरा स्थित उनके घर पर लाई गई थी।

उनकी पत्नी अनार देवी गृहिणी हैं। संदीप का इकलौता बेटा क्रिस्टल आठवीं कक्षा में पढ़ता है। दोनों झुंझुनूं के रीको एरिया में रहते हैं।

पिलानी के राजपुरा स्थित घर पर गुरुवार दोपहर 3:50 बजे पत्नी अनार देवी को सूबेदार की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कराए गए। इस दौरान वे बिलख-बिलख कर रोने लगीं।
पिलानी के राजपुरा स्थित घर पर गुरुवार दोपहर 3:50 बजे पत्नी अनार देवी को सूबेदार की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कराए गए। इस दौरान वे बिलख-बिलख कर रोने लगीं।
संदीप श्योराण के पैतृक गांव सुखराम का बास में शाम करीब साढ़े पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
संदीप श्योराण के पैतृक गांव सुखराम का बास में शाम करीब साढ़े पांच बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बेटा बोला- पापा मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे

संदीप श्योराण ने 2001 में आर्मी जॉइन की थी। 23 वर्ष की सर्विस के बाद वे जेसीओ कैडर तक पहुंचे थे।

सूबेदार संदीप श्योराण के बेटे क्रिस्टल ने बताया- बुधवार को पिता से बात हुई थी। तब उन्होंने बताया था कि दर्द हो रहा है। इसके बाद पता चला कि वे नहीं रहे।

बेटे ने कहा- पापा घर आने पर कहते थे कि डॉक्टर बनना है। इसके लिए उन्होंने मेरा एडमिशन झुंझुनूं के स्कूल में करवाया था।

सूबेदार को अंतिम विदाई की तस्वीरें…

हरियाणा के करनाल की रहने वाली रोनी रमन ने सूबेदार संदीप श्योराण को कविता के जरिए श्रद्धांजलि दी। रोनी काजड़ा (सूरजगढ़) के शहीद विनोद सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देने के लिए झुंझुनूं आई थीं। विनोद सिंह 24 नवंबर को मणिपुर में शहीद हुए थे।
हरियाणा के करनाल की रहने वाली रोनी रमन ने सूबेदार संदीप श्योराण को कविता के जरिए श्रद्धांजलि दी। रोनी काजड़ा (सूरजगढ़) के शहीद विनोद सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देने के लिए झुंझुनूं आई थीं। विनोद सिंह 24 नवंबर को मणिपुर में शहीद हुए थे।
गांव सुखराम का बास में 13 साल के बेटे क्रिस्टल ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी।
गांव सुखराम का बास में 13 साल के बेटे क्रिस्टल ने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी।
गुरुवार शाम 4:35 बजे चिड़ावा-लोहारू बाइपास से गुजरती हुई तिरंगा यात्रा।
गुरुवार शाम 4:35 बजे चिड़ावा-लोहारू बाइपास से गुजरती हुई तिरंगा यात्रा।
पिलानी के राजपुरा स्थित उनके आवास से गुरुवार शाम 4:10 बजे पैतृक गांव सुखराम का बास के लिए तिरंगा यात्रा रवाना की गई।
पिलानी के राजपुरा स्थित उनके आवास से गुरुवार शाम 4:10 बजे पैतृक गांव सुखराम का बास के लिए तिरंगा यात्रा रवाना की गई।
गुरुवार दोपहर 3:30 बजे पिलानी के राजपुरा स्थित घर पर सूबेदार संदीप श्योराण की पार्थिव देह लाई गई। यहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गुरुवार दोपहर 3:30 बजे पिलानी के राजपुरा स्थित घर पर सूबेदार संदीप श्योराण की पार्थिव देह लाई गई। यहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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