कांग्रेस नेता दानसिंह हत्याकांड के 5 दोषियों को उम्रकैद:बेटा बोला- मैं पापा के साथ था, घेर कर गोलियां बरसाईं थीं; एक महिला बरी
कांग्रेस नेता दानसिंह हत्याकांड के 5 दोषियों को उम्रकैद:बेटा बोला- मैं पापा के साथ था, घेर कर गोलियां बरसाईं थीं; एक महिला बरी

भरतपुर : भरतपुर के चर्चित दान सिंह हत्याकांड में गुरुवार को फैसला आ गया। अपर जिला एवं सेशन कोर्ट नंबर-2 ने एक महिला समेत 5 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हत्याकांड में 7 लोगों के खिलाफ ट्रायल चला था। एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। बाकी बचे 6 में से एक महिला को बरी कर दिया गया जबकि 5 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

लोक अभियोजक भगत सिंह सुरौता ने बताया- डीग जिले के कुम्हेर थाना इलाके के साबोरा गांव निवासी दान सिंह भरतपुर ब्लॉक अध्यक्ष और पूर्व सरपंच थे। उन्हीं के गांव के रतन सिंह से उनकी राजनीतिक रंजिश थी। 11 सितंबर 2017 को रतन सिंह ने शूटर्स भेजकर भरतपुर के सिविल लाइंस इलाके में दान सिंह पर फायरिंग करा दी थी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया। इनमें मुख्य आरोपी रतन सिंह, तीन शूटर प्रहलाद सिंह, रविंद्र व शाकिर और अनेक सिंह, गुड्डी और ओमवती थे। गुरुवार को सेशन कोर्ट के जज सीताराम मीणा ने फैसला सुनाया।
रतन सिंह की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। छह आरोपियों के खिलाफ आज फैसला सुनाया गया। इनमें से गुड्डी को बरी कर दिया गया और बाकी पांच को उम्र कैद की सजा और 50-50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

बेटे ने कहा- मैं भी पापा के साथ था, मुझे भी गोली लगी
दान सिंह के बेटे गजेंद्र सिंह ने फैसला आने के बाद कहा- मेरी मां उस वक्त सरपंच थी। मेरे पिता पूर्व सरपंच थे। रविंद्र सिंह हमसे राजनीतिक रंजिश रखता था। 11 सितंबर 2017 को मैं और पापा साबोरा गांव से सिविल लाइंस (भरतपुर) स्थित घर जाने के लिए कार से निकले थे। हम कुम्हेर होते हुए आ रहे थे। हमें कुम्हेर थाने में काम था।
कार में हम बात करते आ रहे थे। शूटर्स हमारा पीछा करते हुए सिविल लाइंस कॉलोनी तक पहुंच गए। जैसे ही हमारी कार कॉलोनी में एंटर हुई, बाइक और कारों में आए बदमाशों ने चारों तरफ से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी।

अंधाधुंध फायरिंग में पापा की ऑन स्पॉट ही मौत हो गई। मैं भी बुरी तरह जख्मी हुआ। मुझे भी गोलियां लगीं। वारदात के तुरंत बाद कॉलोनी वाले आ गए। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मुझे इलाज के लिए मथुरा (यूपी) के हॉस्पिटल ले जाया गया। मेरी जान बच गई।
इसके बाद हम रतन सिंह और अन्य के खिलाफ केस लड़ते रहे। वकील ने अच्छी पैरवी की। कांग्रेस नेता विश्वेंद्र सिंह ने साथ दिया। तत्कालीन सीओ ग्रामीण धर्मेंद्र ने भी ईमानदारी से योगदान दिया। कोर्ट ने रतन सिंह के भाई लालसिंह की पत्नी गुड्डी को बरी कर दिया है। इससे हम खुश नहीं है। हम ऊंची अदालत में जाएंगे। मुख्य आरोपी रतन सिंह की 2020 जेल में मौत हो गई। गुड्डी जमानत पर चल रही थी। अनेक सिंह रतन सिंह का बेटा है। ओमवती अनेक सिंह की पत्नी है।
रतन सिंह विरोधी पार्टी से अटैच था। हम पर फर्जी केस लगवाए गए। रतन सिंह को विरोधी पार्टी ने पैसा दिया। पार्टी के सात-आठ आदमी आज फैसला सुनने के लिए आए थे। ऐसे ही लोग लड़ाई झगड़े को बढ़ावा देते हैं।

दान सिंह की मौत के दूसरे दिन 12 सिंतबर 2017 को भरतपुर के मथुरा गेट थाने में गजेंद्र सिंह ने हत्या का मामला दर्ज कराया। इस मामले में 43 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। दो आरोपियों विजय पाल और डूंगर सिंह को भगौड़ा घोषित किया गया। 145 दस्तावेज पेश किए गए। गुड्डी के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले।