नीमकाथाना : राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने नीमकाथाना में विद्युत कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए प्रदर्शन किया। इस दौरान समिति के सदस्य सहायक अभियंता और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने पहुंचे।
सहायक अभियंता को अतिरीक्त मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग के नाम और तहसीलदार अभिषेक सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मांग की गई कि विद्युत कंपनियों में हो रहे निजीकरण को तत्काल रोका जाए और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाए।
प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र काजला ने बताया कि वर्तमान में तीनों विद्युत कंपनियों में अधिकतर कार्य आउटसोर्स, एफआरटी, ठेके और सीएलआरसी के नाम पर निजी कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 33/11 केवी सब स्टेशन के फीडर सेग्रीगेशन और सोलराईजेशन के तहत कार्यों को भी निजी हाथों में दिया जा रहा है और स्मार्ट मीटर लगाने के लिए किए गए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि, राज्य सरकारों ने बिहार, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के काम पर रोक लगा दी है, ऐसे में राजस्थान में भी इस दिशा में विचार किए जाने की आवश्यकता है।
नरेंद्र काजला ने बताया कि कर्मचारियों और अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत फार्म भरवाए गए थे, लेकिन सीपीएफ की कटौती अब तक बंद नहीं हुई और जीपीएफ की कटौती शुरू नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा है।
इस दौरान संदीप अग्रवाल, नरेश यादव, सीताराम यादव, राजपाल जाट, सुभाष जाट, सत्य प्रकाश, अनिल सैनी, रघुवीर सैनी, दीपक कुमावत, अशोक कुमावत, देवेंद्र कुमार, संदीप शर्मा, मुकेश कुमार, राजकुमार जाखड़, बल्लू राम यादव, सुरेंद्र राजपूत और संकेत कुमार मौजूद थे