माकपा ने प्रदर्शन किया:न्यायिक अधिकारी से जांच करवाने की मांग की, जिंदा युवक के पोस्टमार्टम का मामला
माकपा ने प्रदर्शन किया:न्यायिक अधिकारी से जांच करवाने की मांग की, जिंदा युवक के पोस्टमार्टम का मामला

झुंझुनूं : राजकीय बीडीके अस्पताल में जिंदा युवक को मृत बताकर फर्जी पोस्टमार्टम कर श्मशान भेजने के मामले में सोमवार को माकपा ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर को पत्र सौंपकर मामले की जांच न्यायिक अधिकारी से करवाने की मांग की।
डीवाईएफआई के तहसील सचिव योगेश कटारिया ने बताया कि मृतक युवक को संदिग्ध परिस्थिति में अस्पताल लाया गया था। हमें शक है कि युवक के साथ मारपीट की गई थी, बेहोश होने पर उसे भर्ती करवाया गया था। संस्था संचालन की जांच करवाई जाए।
बता दे कि मां सेवा संस्थान के बगड़ स्थित आश्रय गृह में रहने वाले मंदबुद्धि युवक रोहिताश (25) की 21 नवबंर की दोपहर को तबीयत बिगड़ गई थी।
उसे बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पोस्टमार्टम के लिए बॉडी का मॉर्च्युरी में रखवाया दिया था।
इसके बाद पुलिस को बुलाकर पंचनामा बनाया गया और शव को एंबुलेंस की मदद से श्मशान घाट ले गए थे। यहां रोहिताश की बॉडी को चिता पर रखा तो उसकी सांस चलने लगी और शरीर हिलने लगी थी।
यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग डर गए थे। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को अस्पताल लाया गया था। कुछ घंटो के बाद युवक को गंभीर हालात में जयपुर रेफर कर दिया था। जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में जिला कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया था।
युवक की पहचान झुंझुनूं पुलिस के लाइन के पास रहने वाले बीरबल (22) पुत्र मांगीलाल जोधपुरिया की रूप में हुई थी। वह मानसिक रूप से विमंदित था। उसके पिता मांगीलाल का निधन हो चुका है। मां देखभाल करती थी। जनवरी 2024 में बीरबल घर से निकल गया था। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। उसका कोई पता नहीं चल पाया था।
28 सितंबर को बगड थाना पुलिस ने उसे आदर्श नगर स्थित विमंदित पुनर्वास केंद्र में छोडा था। तब से वह पुनर्वास केंद्र में ही रह रहा था। मामले सामने आने के बाद उसके भाइयों ने अन्य रिश्तेदारों ने पहचान की थी।
इस दौरान महिपाल पूनियां, पंकज गुर्जर, रामचन्द्र, दीपक, कृष्ण, बिलाल, विजय यादव सहित मृतक युवक के परिजन मौजूद रहे।