जयपुर : राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने खुद स्वीकार किया कि हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं।
उन्होंने साफ कहा कि मैं किसी को दोष नहीं दूंगा। सभी ने बहुत मेहनत की। उप चुनावों में सत्ताधारी दल ही जीतता है। जनता को आस रहती है कि सरकार के पक्ष में वोट से उनके काम होंगे। विकास होंगे। पिछली कांग्रेस सरकार में भी उपचुनावों में 8 में से कांग्रेस 7 जीती थी। बीजेपी 1 ही सीट जीत पाई थी। डोटासरा से सवाल जवाब।
सवाल- रिजल्ट उलट गया, कांग्रेस ने अपने पास की सीटें ही खो दी? जवाब– हमने स्थानीय प्रतिनिधियों, सांसदों के आकलन के आधार पर टिकट दिए। समीक्षा की जाएगी। हमारे आब्जर्वर आदि से रिपोर्ट लेंगे।
सवाल- हार के लिए जिम्मेदार कौन है? जवाब– हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। सभी ने मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। हर कार्यकर्ता से लेकर सभी नेताओं ने खूब मेहनत की।
सवाल- झुंझुनूं में पार्टी की तरफ से एक भी स्टार प्रचारक की सभा नहीं हुई? जवाब– वहां से ब्रिजेंद्र ओला, उनके साथी सभी जयपुर आए थे। उनकी डिमांड होती तो जरूर दूसरे नेता सभाएं करते। जिस प्रत्याशी की भी डिमांड आई, वहां सभाएं हुई हैं।
सवाल- देवली उनियारा सहित पार्टी के प्रत्याशी कई जगह तीसरे स्थान पर रहे? जवाब– देवली उनियारा चिंता का विषय हैं। मंथन करेंगें। दौसा, झुंझुनूं और देवली उनियारा हमारी सीट थी। दोनों सीटें हारे इस पर मंथन करेंगें।
सवाल- दौसा में कांग्रेस की इकलौती जीत पर क्या कहेंगे? जवाब– सारे मंत्री नेता सरकार पूरी दौसा में लगी रही। फिर भी मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई को नहीं जीता पाए। यह सरकार की हार हैं। उप चुनाव में बीजेपी जीती, लेकिन सरकार हारी है। बीजेपी सरकार ने साम दाम दंड भेद अपनाए थे।
सवाल- क्या आपको लगता है बीजेपी ने चुनाव में गड़बड़ी की ? जवाब– दौसा में सरकार ने पूरी ताकत झोंकी । सरकार ने बूथ कैप्चर करवाए।मंत्री के भाई का हारना बड़ी बात है। यह सरकार की हार है।
सवाल- आखिर कहां चूक हुई? जवाब– लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 सीट हासिल की थी। लेकिन उपचुनाव में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। जहां हमारी हार हुई, वहां पर बेहतर प्रत्याशी उतार सकते थे।