सरदारशहर : चूरू जिले में अब सरदारशहर सरस डेयरी के सहयोग से पशुपालन विभाग अब ऊंटनी के दूध से आइसक्रीम, दही सहित अन्य उत्पाद तैयार करवाने के मकशद से शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र में एक दिवसीय ऊंटपालक संवाद का आयोजन किया।
ऊंटपालक संवाद कार्यक्रम गांधी विघा मंदिर के अध्यक्ष हिमांशु दुगड़ की अध्यक्षता में चूरू जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा ने उट पालकों किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऊंटनी का दूध पौष्टिक व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है। दूध और इससे बने उत्पादों का उपयोग जन स्वास्थ्य के लिए भी काफी कारगर होता है। ऊंटनी के दूध से दही जमना मुश्किल होता है, लेकिन नई तकनीक का उपयोग कर दही जमा लिया जाता है तो वह बहुत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। किसानों को दही जमाने की तकनीक बताई जाएगी। विभिन्न शोध के अनुसार ऊंटनी के दूध से रोगों की रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
बीकानेर ऊंट अनुसुधान केंद्र के डॉ काशीनाथ ने किसानों से कहा कि यह के दूध का सेवन करने से शरीर को बहुत ही जबरदस्त फायदे है। उन्होने कहा कि आम जिन्दगी में गाय भैंस के दूध का सेवन किया जाता है, लेकिन उठनी के दूध का सेवन बहुत ही कम लोगों ने किया होगा। उठनी का दूध सभी जानवरों के दूध से ताकतवर होता है, इसलिए इसे सफेद सोना कहा जाता है। ऊंटनी के दूध का प्रतिदिन सेवन करने वाले बच्चों का मस्तिष्क सामान्य बच्चों की तुलना में काफी तेजी से विकसित होता हैद्य इतना ही नहीं उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी सामान्य मनुष्य से काफी तेज होती है। ऊंटनी का दूध बहुत जल्द पचता है इस दूध में दुग्ध शर्करा, प्रोटीन,कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, फाइबर,लैक्टिक अम्ल,आयरन,मैग्निशियम, विटामिन ए,विटामिन ई,विटामिन बी 2,विटामिन सी, सोडियम,फास्फोरस,पोटेशियम, जिंक,कॉपर, मैग्नीज आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
एक ऊंटनी से एक दिन में 2-3 लीटर दूध का संकलन किया जा सकता है। ऊंटनी को उचित पोषण देकर दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। दूध को डेयरी द्वारा संचालित स्थानीय दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति या दुग्ध संग्रहण केंद्र के जरिए वैज्ञानिक विधि द्वारा संग्रहित कर सरदारशहर डेयरी चीलिंग प्लांट में एकत्र किया जाएगा। यहां से प्रोसेसिंग के बाद संबंधित विपणन एजेंसी या अस्पतालों को भेजा जाएगा। अतिरिक्त दूध का संकलन चूरू जिला डेयरी संघ सरदारशहर के जरिए किया जाएगा। कमेटी का गठन कर कार्य योजना के अनुसार काम किया जायेगा। कार्य योजना के तहत जिला प्रशासन, चूरू जिला दूध उत्पादक संघ (डेयरी) सरदारशहर, पशुपालन विभाग, डेयरी सरदारशहर की तरफ से प्रायोजित व संचालित सहकारी समितियां और जिले के ऊंटपालक मिलकर काम करेंगे। दुग्ध का मूल्य कमेटी तय करेगी। कमेटी में पशुपालन व चिकित्सा विभाग, सरदारशहर डेयरी के अधिकारी और दो ऊंटपालक होंगे। ऊंटपालकों को उचित दर पर दुग्ध का भुगतान किया जाना प्रस्तावित है।
इसी प्रकार इस कार्यकम में एसडीएम दिव्या चौधरी,केवीके डॉ वीके सैनी,नायब तहसीलदार प्रह्लाद राय पारीक, डेयरी एमडी जितेंद्र सिंह आदि ने विचार व्यक्त किया। संचालन केवीके के हरफूल सारण ने किया।