सादुलपुर : अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजगढ़ द्वितीय ने 10 साल पुराने अवैध डोडा पोस्त छिलका तस्करी के मामले में दो आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक सुनील बसेर ने बताया-23 जून 2014 को तत्कालीन सादुलपुर थाना अधिकारी गुरु भूरेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ मंत्री नंदलाल मीणा को भादरा से चूरू जाने पर दुधवा खारा तक एस्कॉर्ट कर रहे थे। इस दौरान वापस लौटते समय सिद्धमुख से पांच किलोमीटर दूसर सादुलपुर की तरफ से हरियाणा नंबर की एक कार जो आगे-आगे चल रही थी। वह पुलिस की गाड़ी को देखकर कार ड्राइवर ने गाड़ी को सिद्धमुख की ओर से तेजी से भगाया। जिसमें दो लोग सवार थे।
कार भगाने पर पुलिस ने लगभग एक किलोमीटर तक पीछा कर पॉवर हाउस सिद्धमुख के पास ओवरटेक करते हुए कार को रोकने में सफलता हासिल की। इस दौरान कार के ड्राइवर से भागने का कारण पूछा तो वह घबरा गया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना नाम कीमती लाल पुत्र बहादुर सिंह और दूसरे ने अपना नाम धर्मपाल बाजीगर पुत्र जागीर सिंह बाजीगर निवासी सिरसा (हरियाणा) होना बताया।
शक होने पर पुलिस ने कार की तलाशी ली तो कार में पिछली सीट पर एक सफेद रंगा प्लास्टिक का कट्टा मिला। जिसे खोलकर चेक किया तो कट्टे में कुल 28 किलो डोडा पोस्त छिलका भरा हुआ पाया गया। आरोपियों के पास कोई लाइसेंस व परमिट नहीं था। जिस पर पुलिस ने अवैध डोडा पोस्त छिलका और कार को जब्त कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद एनडीपीएस एक्ट अंतर्गत मामला दर्ज कर जांच शुरू की और चालान न्यायालय में पेश कर दिया। मामले में न्यायाधीश अपर जिला सेशन न्यायाधीश राजगढ द्वितीय लतिका दीपक पराशर ने पत्रावलियों पर आए साक्ष गवाहों और सबूत का गहन अवलोकन कर आरोपी कीमती लाल व धर्मपाल को दोषी माना तथा दोनों को सात-सात साल के कठोर कारावास व 50-50 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया है।