नवलगढ़ : भुवनेश्वर में चल रहे 23वें अंजली राष्ट्रीय बाल महोत्सव में ‘आशा का झरना’ संस्था के नौ दिव्यांग बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस पांच दिवसीय महोत्सव में बच्चों ने फोटोग्राफी, पोटरी, कैरिकेचर, पेपर मेशे, थियेटर, डांस, आर्ट क्राफ्ट और अन्य विविध कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। इस दौरान बच्चों को नए कौशल सीखने के साथ ही देश भर के 13 राज्यों से आए 800 से अधिक दिव्यांग बच्चों के साथ विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव प्राप्त हुआ।
संस्था के विशेष बच्चों ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए नृत्य की प्रस्तुति दी। भुवनेश्वर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों, जैसे जगन्नाथपुरी मंदिर और गोल्डन बीच समुद्री तट पर बच्चों को सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की कला देखने का भी मौका मिला। संस्था निदेशक डॉ. सुदीप गोयल ने बताया कि संस्था दिव्यांग बच्चों के शैक्षणिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेती है। उनका उद्देश्य इन बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना और उन्हें समाज में समानता का अनुभव कराना हैं।