टोंक : राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर मतदान के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद शुरू हुआ बवाल जारी है। जिले के समरावता और अलीगढ़ कस्बे के आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव के हालात हैं, सुरक्षा के लिहाज से यहां पुलिस फोर्स तैनात है। कोर्ट ने नरेश मीणा को 14 दिन कि न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
हालांकि, अलीगढ़ कस्बे के पास टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे पर लगे जाम को करीब 10 घंटे बाद पुलिस ने खुलवा दिया है। घटना के विरोध में दो दिन से हड़ताल कर रहे आरएसएस एसोसिएशन के मेंबर्स ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की। यह मुलाकात सकारत्मक रही, लेकिन अभी तक हड़ताल खत्म होने का ऐलान नहीं किया गया है। उधर, गिरफ्तार किया गया नरेश मीणा सलाखों के पीछे आराम फरमाता नजर आया।
आईए अब जानते हैं थप्पड़ कांड की पूरी कहानी, नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ क्यों मारा, कब क्या हुआ? पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की?
सबसे पहले जानिए कैसे हुई बवाल की शुरुआत?
दरअसल, 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। समरावता गांव में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर धरना शुरू किया था। इस धरने में देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों और ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठा था। इस दौरान मीणा ने पोलिंग बूथ पर मौजूद अधिकारियों पर जबरन मतदान करने का आरोप लगाया और अंदर घुसने लगे। एसडीएम अमित चौधरी ने नरेश मीणा को रोकने का प्रयास किया, इस दौरान उन्हें कुछ कहासुनी हुई और मीणा ने थप्पड़ जड़ दिया। कुछ देर चले हंगामें के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन वोटिंग खत्म होने के बाद विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पोलिंग पार्टी को रोकने का प्रयास किया। लोगों ने एसपी विकास सांगवान की गाड़ी तोड़ दी। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने रात करीब 9.30 बजे मीणा को हिरासत में ले लिया। लेकिन, उसके समर्थकों को जानकारी लगते ही वे भड़क गए। सैकड़ों की भीड़ ने पुलिस को घेर लिया और समर्थक नरेश मीणा को छुड़ाकर ले गए। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उन्होंने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। इसमें 10 पुलिसकर्मी समेत 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
समर्थकों ने 100 से वाहन फूंके
समरावता में भड़की हिंसा के बाद नरेश मीणा के समर्थकों ने 100 से ज्यादा कार, बाइक और जीपों में आग लगा दी। हालात काबू में करने के लिए इलाके में इंटरनेट बंद कराया और रात करीब 12 बजे के बाद पुलिस ने गांव में दबिश देना शुरू की। रातभर दबिश और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी रहा। पुलिस फरार हुए नरेश मीणा को भी तलाश कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। प्रशासन की ओर से इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
अचानक गांव पहुंचा, पुलिस ने किया गिरफ्तार
14 नंबर की सुबह करीब 2:30 नरेश मीणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा- मैं ठीक हूं… न डरे थे, न डरेंगे। आगे की रणनीति बता दी जाएगी। इसके बाद करीब 9:30 बजे वह समरावता गांव पहुंचा और सोशल मीडिया पर जानकारी दी। उसने लाइव आकर मीडिया से बात की और पुलिस पर मारपीट के आरोप लगाए। इस दौरान उसने कहा कि मैं गिरफ्तारी देने के लिए यहां आया हूं, लेकिन पुलिस नहीं है। मैं भागा नहीं था, यह मेरा कैरेक्टर नहीं है। पुलिसवाले ही यहां से भागे थे। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची, दोपहर करीब 12 बजे नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी हुई तो फिर भड़के समर्थक
गुरुवार को नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थक फिर भड़क गए। विरोध में देवली-उनियारा के समरावता गांव की सड़क पर टायर जलाए गए, पुलिस की गाड़ियों को रोकने के लिए चक्काजाम किया है। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। जिन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर आंसू गैस के गोले छोड़े थे। उसके समर्थकों ने अलीगढ़ कस्बे के पास टोंक-सवाई माधोपुर हाईवे पर जाम लगा दिया, जिसे पुलिस ने आज सुबह खुलवाया।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से 8 धाराएं नए बीएनएस कानून और 2 पूर्व के आईपीसी कानून के तहत जोड़ी गई हैं। अजमेर रेंज आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि नरेश मीणा के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मुकदमे हैं, जिसमें उनकी गिरफ्तारी पेंडिंग है। मामले में 60 और लोग शामिल थे, उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब तक इस मामले में 50-60 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
डीएम बोलीं- विवाद से पहले नरेश मीणा को छह बार कॉल किया
थप्पड़कांड के बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा एसपी विकास सांगवान के साथ समरावता गांव पहुंची। उन्होंने गांव का जायजा लिया और ग्रामीणों से बात की। बवाल को लेकर उन्होंने कहा कि बुधवार को विवाद से पहले उन्होंने नरेश मीणा को छह बार कॉल किया था, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। कलेक्टर झा ने कहा कि हम सबकी बात सुनेंगे, अभी मामले की जांच की जा रही है। गांव वालों की मांगों को लेकर कलेक्टर ने कहा कि आचार संहिता खत्म होने बाद सभी पूरी होंगी।
14 दिन न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया मीणा
अब इस पूरे मामले के बाद नरेश मीणा को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए निवाई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया गया है।