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धनखड़ बोले-किसानों को बांटकर जाटों को अलग करने की कोशिश:कुछ लोग बोलते हैं 35 बनाम एक कर देंगे, नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे


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धनखड़ बोले-किसानों को बांटकर जाटों को अलग करने की कोशिश:कुछ लोग बोलते हैं 35 बनाम एक कर देंगे, नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे

धनखड़ बोले-किसानों को बांटकर जाटों को अलग करने की कोशिश:कुछ लोग बोलते हैं 35 बनाम एक कर देंगे, नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं होंगे

पुष्कर : उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- कुछ लोग कहते हैं कि हम 35 बनाम एक कर देंगे। इस देश में कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ है किसानों को विभाजित कर सके। जाट समाज किसान वर्ग का महत्वपूर्ण अंग है। किसान वर्ग को खंडित करने की योजना करने वाले लोगों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते।

धनखड़ ने कहा- किसानों के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले हुए हैं। उन्होंने किसानों को अपने बच्चों को व्यापार के क्षेत्र में उतारने की सलाह दी। इसके साथ ही महिलाओं से भी आरक्षण का फायदा लेने के लिए कहा।

दरअसल, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को पुष्कर दौरे पर आए। उन्होंने यहां जाट विश्राम स्थली में आयोजित 105वें राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें कही।

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भी साथ में थे।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भी साथ में थे।

किसान के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले

उप राष्ट्रपति ने कहा- मैं दूध हूं किसी में भी मिल जाता हूं। जहां भी मिलें, वहां ताकत देते हैं। इधर-उधर की बात मेरे कानों में आ रही है। विचलित नहीं होना है। किसान के लिए और आपके लिए 24 घंटे मेरे दरवाजे खुले हैं। ब्रह्माजी की नगरी और पावन पुष्कर में देशभर के किसान भाइयों को संदेश देना चाहता हूं कि आपका बेटा जहां बैठा है, उस जगह के द्वार आपके लिए 24 घंटे खुले हैं। किसान की समस्या, देश के किसी भी कोने में हो, मेरे जहन में है, मेरे दिल में है, मेरे दिमाग में है। किसान की समस्या का निराकरण कभी देरी से नहीं होना चाहिए, क्योंकि सृष्टि में जिंदा रहने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यकता अन्न की है और अन्नदाता किसान है।

कुछ लोग लंबी-लंबी फेंकते हैं

धनखड़ ने कहा- मैं आपको बताना चाहता हूं। अपने में भी कुछ लोग बड़बोली बात करते हैं। लंबी-लंबी फेंकने लगते हैं। जुबान खोलते समय होश खो देते हैं। जुबान इस काम के लिए नहीं बनी है। जुबान बहुत सोच समझकर बोलने के लिए है। मैं संकेत में आगाह करना चाहता हूं। समाज में बहुत बड़े-बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनके कद तक पहुंचना मेरे लिए और लंबी जुबान वालों की औकात से बाहर है।

किसानों को कोई विभाजित नहीं कर सकता

उन्होंने कहा- मेरे कानों में बात आ रही है कि राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है। कहीं नहीं जा रही है। तुम्हें थोड़ा सोचने की जरूरत है। कई लोग ये भी बात करते हैं कि हम 35 बनाम एक कर देंगे। इस देश में कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ है किसान को विभाजित कर सके। जाट समाज किसान वर्ग का महत्वपूर्ण अंग है। मैं आपको ये बात कह रहा हूं।

किसानों को जातियों में बांटने की साजिश

उप राष्ट्रपति ने कहा- मेरा संकल्प है- किसान वर्ग को खंडित करने की योजना करने वाले लोगों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते। किसान को जातियों में बांटने की एक साजिश है, ताकि एक विशेष वर्ग और खुल कर कहूंगा, अपने को अलग कर दें। दिल कभी शरीर से अलग नहीं हुआ है। पर हम तो दिल कहां है, हम तो आत्मा हैं, किसान वर्ग की आत्मा हैं। इस आत्मा का सर्जन, इस आत्मा का संरक्षण, हमको करना है।

धनखड़ ने कहा- किसान जो पैदा करता है। बड़ी मुश्किलों से पैदा करता है। व्यापार में किसान क्यों नहीं? मेरा आग्रह है कि किसानों को बैठकर चिंता करनी चाहिए, चिंतन करना चाहिए, मंथन करना चाहिए और जो खरबों का व्यापार है, वह उसके यहां पैदा होती है उसका व्यापार वो खुद करे। इतने बड़े खज़ाने को हम अपने से दूर कर रहे हैं। अपने बच्चों को सिखाओ। इस व्यापार में लक्ष्मी पूरी तरह से मेहरबान है और इस चीज़ पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

महिला आरक्षण का किया जिक्र

उन्होंने महिलाओं की शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा- मेरी मां अनपढ़ थी, मेरी दादी अनपढ़ थी, मेरी नानी अनपढ़ थी। लेकिन मैने उनसे बड़ा विद्वान नहीं देखा। तुम्हें पढ़ाई की दरकार नहीं तुम तो जन्म से ही पीएचडी हो। महिलाओं को जो आरक्षण मिला है न, उसका फायदा आपको मिलेगा।

मंच पर उप राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी, रिछपाल मिर्धा और ज्योति मिर्धा मौजूद रहे।
मंच पर उप राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी, रिछपाल मिर्धा और ज्योति मिर्धा मौजूद रहे।

उप राष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा- ‘एक जमाना था जब दो कहावत चलती थी। कहते थे जाट ने जाटनी से कहा, इसी शहर में रहना है, बिल्ली ऊंट खा गई। हां जी हां जी कहना है। दूसरी कहावत चली थी। जाट कहे सुन जाटनी यहीं गांव में रहना है, ऊंट बिलइया ले गई। हां जी हां जी कहना है। वो जमाना लद गया। आज के दिन किसान का बेटा आपके आशीर्वाद से भारत का उप राष्ट्र्पति बन गया। जाट हमेशा किसान के नाम से जाना जाता है। मुझे वहां किसान पुत्र कहा जाता है। मुझे कृषक पुत्र कहा जाता है।

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