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मौलाना अबुल कलाम आजाद के योमे ए विलादत पर खिराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि ) पेश की


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मौलाना अबुल कलाम आजाद के योमे ए विलादत पर खिराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि ) पेश की

मौलाना अबुल कलाम आजाद के योमे ए विलादत पर खिराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि ) पेश की

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : जिला मुख्यालय पर स्थित उस्मानाबाद कॉलोनी में मौलाना अबुल कलाम आजाद की योम ए विलादत को कौमी योमे ए तालीम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अपनी किताब, “गुबार ए खातिर” में अपनी कैदखाने की जिंदगी को पुर मुसर्रत बताते हुए लिखा है। कि जिंदा-दिली से जीना ही जिंदगी है। जिंदगी कैदखाने के अंदर हो या बाहर हमेशा खुश दिली से जिंदा रहना चाहिए आज आपके योमे ए विलादत के मौके पर आपको खिराजे ए अकीदत पेश करते हैं। आप स्वतंत्रता सेनानी रहे और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भी रहे और भारत के शिक्षाविद के साथ-साथ कवि साहित्यकार भी थे। संस्था के अध्यक्ष आजम अली खान पितीसर ने आपकी जीवनी पर प्रकाश डाला और दुआए कि अल्लाह ताला आपके दरजात बुलंद फ़रमाए आमीन।

खिराजे अकीदत पेश करने वालों में संस्था के इनायत खान, मोहम्मद अली पठान, मैनुद्दीन खान, रिजवान खान ,मुंशी खान चायल, अनवर खान, तौफीक खान, आदि उपस्थित थे। इसी क्रम में इंदिरा मेमोरियल स्कूल मदरसा में संस्था निदेशक अख्तर खान रूकनखानी और स्कूल स्टाफ ने मोलाना अब्दुल कलाम आजाद की तस्वीर पर फूल मालाएं चढ़ाकर खिराजे अकीदत पेश की।

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