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मौलाना बोले-मुसलमानों की लिंचिंग करने वालों को सरकार बचाती है:अजमेर के सरवर चिश्ती ने कहा- मैं हेट स्पीच देता हूं, उनको मोदी की स्पीच नजर नहीं आती


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मौलाना बोले-मुसलमानों की लिंचिंग करने वालों को सरकार बचाती है:अजमेर के सरवर चिश्ती ने कहा- मैं हेट स्पीच देता हूं, उनको मोदी की स्पीच नजर नहीं आती

मौलाना बोले-मुसलमानों की लिंचिंग करने वालों को सरकार बचाती है:अजमेर के सरवर चिश्ती ने कहा- मैं हेट स्पीच देता हूं, उनको मोदी की स्पीच नजर नहीं आती

जयपुर : जयपुर में रविवार को तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। वक्फ के संबंधित जन जागृति लाने के लिए कार्यक्रम रखा गया। इसमें इत्तेहादे ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष ने मौलाना तौकीर रजा ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा- आज की हुकूमत तो सबसे ज्यादा बेईमान है। हमारे मामलों पर नजर रखती है। अपने मंदिर में जाकर नहीं देखती। जहां मंदिर के प्रसाद में गाय की चर्बी मिलाई जा रही है। अपने मामलों में अंधे और बहरे हो जाते हो। बाकी बारीक से बारीक बात पर नजर रखी जाती है।

मैं तमाम मुसलमान से कहना चाहता हूं। एक साथ आओ दिल्ली का घेराव करते हैं। पार्लियामेंट शुरू होने जा रही है। 24 तारीख को हमारा दिल्ली में प्रोग्राम होने जा रहा है। अगर आप तमाम लोग जिम्मेदारी के साथ इस कार्यक्रम को तवज्जो देंगे। हमें अपनी ताकत दिखानी है। अपनी बात मनवानी है।

उन्होंने कहा- दिल्ली तक तुम्हें आना है। यदि दिल्ली तक तुम आते हो तो मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूं, इसी पार्लियामेंट के सेशन में इन बेइमान बदमाशों ने जो गुस्ताखी की है। इनकी गिरफ्तारी इसी पार्लियामेंट के सेशन में होगी। इसके खिलाफ बिल भी पास कराया जाएगा। कानून बनाया जाएगा की रहनुमा के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाई जा सकती।

उन्होंने आगे कहा- मुसलमानों को तकलीफ पहुंचाओ, मुसलमानों की लिंचिंग करवाओ, रसूल की शान में गुस्ताखी कर दो बहुत वायरल होता है। बहुत लाइक मिलते हैं। बेईमान सरकार उन्हें बचाती है। उन्हें गिरफ्तार नहीं करती। मैं आप तमाम लोगों से दरखास्त करता हूं इसके खिलाफ कानून बनवाओं।

इत्तेहादे ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष ने मौलाना तौकीर रजा।
इत्तेहादे ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष ने मौलाना तौकीर रजा।

वक्फ कानून पर बोले

मौलाना तौकीर रजा ने कहा- किसी के बाप की ताकत नहीं है कि हमारी जायदादों पर कब्जा कर ले। मैं कहता हूं तुम आओ 24 तारीख को यह बात होगी। दिखाया जाएगा आज हम तिरंगा लेकर आए हैं। कानून अपने हाथ में नहीं लिया है। कानून के दायरे में आए हैं। हमारी मांगे नहीं मानी गई तो तो 15 दिन के बाद फिर आएंगे। उस दिन फिर तुम्हारी जिम्मेदारी होगी। हम अपने तरीके से आएंगे। हमारी तादाद छुपाते हो जिस दिन हम सड़कों पर आएंगे तुम्हारी रूह कांप जाएगी।

उन्होंने कहा- हम स्ट्रगलर हैं, अपने मजहब के लिए। अपने मुल्क के लिए जद्दोजहत करते हैं। हमारे नौजवान बुजदिल नहीं है। हमारे लोगों ने अपने नौजवानों को कंट्रोल करके रखा है। जिस दिन यह नौजवान हमारे कंट्रोल से बाहर हो गए तो तुम्हारे बस की बात नहीं है। इनको कब्जे में कर सको।

मोबाइल वो शैतान जो कानों से घुसता है, दिल में जगह बना लेता है

उन्होंने कहा- मेरी बहुत सी बातों पर लोगों ने तवज्जो नहीं दी। बहुत सी बातें ऐसी हुई, जो मैंने पहले ही कहीं। मैंने कहा था मोबाइल अपनी बच्चियों को मत दो। यह ऐसा शैतान है। जो कानों से घुसता है। दिल में जगह बना लेता है। मोबाइल जिस बच्ची के पास है। वह हमारे सामने है, लेकिन किस हद में है। हमें नहीं पता। उस वक्त इंटरनेट भी इतना आम नहीं हुआ था। तब से मैं चिल्ला रहा हूं, लेकिन मेरी बात को तवज्जों नहीं दी गई। नतीजा सबकी जड़ में मोबाइल है।

उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा- हमारे साथ जो न इंसाफी हो रही है। बेईमानियां हो रही है। अभी भी उसके फैसला आपके सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने जो बुलडोजर चलाएं। बुलडोजर चलाने वालों को 25-25 लाख मुआवजा देने के लिए पाबंद किया गया है। 30 दिन के अंदर नहीं दिया तो कार्रवाई की जाएगी। तुम्हारी सरकार को बर्खास्त किया जाएगा।

बिल्डिंग ने कोई जुर्म नहीं किया। तू अपने देश की बिल्डिंग पर बुलडोजर चला रहा है। अपने देश का दुश्मन है। हमारा दुश्मन बाद में है। हमारे देश का दुश्मन है, इसलिए हमारा दुश्मन है। यह फैसला अप्रैल में आया है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हवाले से यह फैसला आया।

उन्होंने कहा- जब हमने ऐलान किया। इन लोगों को यह खौफ हुआ। यदि हम इंटरनेशनल कोर्ट गए तो हमारे तमाम फैसलों की छिछालेदर हो जाएगी। हमारी बदनामी हो जाएगी। हम अपने मुल्क से मोहब्बत करते हैं। मुल्क की बदनामी हम नहीं चाहते। मुल्क की बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा रहे हो। मुल्क के हिंदुस्तानियों को नुकसान पहुंचा रहे हो। मुसलमान से दुश्मनी नहीं कर रहे हो, तुम अपने मुल्क से दुश्मनी कर रहे हो। इसलिए हम मजबूर थे कोर्ट ऑफ़ जस्टिस जाने के लिए। सुप्रीम कोर्ट को एहसास हो गया। यदि यह कोर्ट ऑफ जस्टिस चले गए तो कितने हमने जो बेईमानी के फैसले किए है। सभी पर बात की जाएगी।

अजमेर में अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती
अजमेर में अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती

अजमेर दरगाह के सैयद सरवर चिश्ती बोले- 65 का हो गया हूं, उम्र यदि मेरा साथ देती तो मैं तकरीर थोड़ी न कर रहा होता

अजमेर में अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा- सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजूए कातिल में है। तुम एक ईंट तो हिला कर दिखाओ औकाफ की। यदि हम सड़कों पर न आ जाए तो हमसे बोलना। न हम बटेंगे न हम कटेंगे। एक जन को 20 जने कूट लो तो कर सकते हो, बाकी तो नहीं।

उन्होंने कहा- 65 साल का हो गया हूं। उम्र यदि मेरा साथ देती तो मैं तकरीर थोड़ी न कर रहा होता।

हेट स्पीच पर चिश्ती बोले

उन्होंने अपने बयानों के मामले का जिक्र करते हुए कहा- एटीएस ने इन्वेस्टिगेशन किया। मीडिया ट्रायल हुई। मैं हेट स्पीच देता हूं। उनको मोदी की हेट स्पीच नजर नहीं आती। जो हमसे यह कह रहे हैं कि हमें अपनी वेशभूषा से पहचानों। ऐसी बात कभी किसी प्रधानमंत्री ने की। उनके लिए कोई हेट स्पीच नहीं। हमारा कोई शायर कुछ कहे तो उसको जेल में बिठा देते हैं।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा- मोहब्बत की दुकान ऑनलाइन चल रही है। नेटवर्क नहीं आ रहा। कनॉट प्लेस और चांदनी चौक में दुकान खोलो। किसी नेटवर्क की जरूरत नहीं आएगी।

रविवार को तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है।
रविवार को तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है।

जॉइंट कमेटी तहफ्फुज औकाफ के संयोजक मुहम्मद नाजिमुद्दीन ने बताया- कुछ समय पहले भारत सरकार वक्फ संशोधन बिल 2024 संसद में लेकर आई। जो अभी पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) में विचाराधीन है। इस बिल का पूरे देश में विरोध हो रहा है।

उन्होंने कहा- यह बिल औकाफ की स्वायत्ता को समाप्त करने और वक्फ जायदादो के संचालन व प्रबंधन की आजादी को समाप्त करने तथा मुसलमानों को वक्फ जायदादों से बेदखल करने की सजिश है। संविधान की धारा 25 व 26 में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी के खिलाफ है।

सरकार बिल को संसद में पेश करने से अपने कदम पीछे हटाए

कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मलिक मुअतसिम खान (उपाध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द) ने कहा- आज जयपुर की जनता इतनी बड़ी संख्या में यहां इसलिए आई है कि यह वक्फ बिल लागू न हो। सरकार को चाहिए कि वो इस बिल को संसद में पेश करने से अपने कदम पीछे हटाए। आजादी के पहले से अब तक पिछले 100 सालों में वक्फ बिल में जो भी सुधार हुए हैं। यह बिल उन सब सुधारों पर पानी फेरने वाला बिल है। इसलिए इस बिल का विरोध है। वक्फ एक्ट 1995 के सेक्शन 40 में राज्यों के वक्फ बोर्ड के के कामकाज में बारे में बताया गया है, लेकिन इस नए बिल में उसको हटा दिया गया है। जो उसकी रूह था।

तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
तहफ्फुज औकाफ कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।

वक्फ की प्रॉपर्टी ईश्वर प्रॉपर्टी कहलाती

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद तहज़िबुल हसन रिज़वी (इमाम, शिया जामा मस्जिद, रांची, झारखंड) ने कहा- वक्फ की प्रॉपर्टी ईश्वर प्रॉपर्टी कहलाती है। हमारे पीएम का नारा सबका साथ सबका विकास है। उसके खिलाफ वक्फ एक्ट के साथ छेड़छाड़ कर भेदभाव की राजनीति पैदा करना, यह देश के लिए नुकसानदेह है। हम चाहते हैं कि वक्फ ट्रिब्यून को जो दर्जा प्राप्त है। वो बाकी रहना चाहिए। यह देश सद्भावना का देश है। सद्भावना से ही हमारे देश का भला हो सकता है।

मौलाना सैयद तहज़िबुल हसन रिज़वी (इमाम, शिया जामा मस्जिद, रांची, झारखंड) ने कहा- वक्फ की प्रॉपर्टी ईश्वर प्रॉपर्टी कहलाती है।
मौलाना सैयद तहज़िबुल हसन रिज़वी (इमाम, शिया जामा मस्जिद, रांची, झारखंड) ने कहा- वक्फ की प्रॉपर्टी ईश्वर प्रॉपर्टी कहलाती है।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉक्टर क़ासिम रसूल इलियास (स्पोक्स पर्सन, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) ने कहा- मौजूदा हुकूमत मुसलमानों पर लगातार हमले कर रही है। बुलडोजर, मोबलिंचिंग की घटना लगातार हो रही है। इसके साथ ही यूसीसी की शुरुआत उत्तराखंड से हो गई है। इसको अब पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। मदरसों को भी लगातार टारगेट किया जा रहा है। अब वक्फ बिल के जरिए से मदरसा, मस्जिद, ईदगाह, इमाम बारगाह आदि से भी मुसलमानों को बाहर करने की तैयारी की जा रही है। अब तक जितने भी वक्फ बिल में संशोधन हुए हैं। सबने वक्फ एक्ट को मजबूत किया है। सभी संशोधन स्टेक होल्डर से राय मशवरा कर के ही किए गए हैं। इस बार इस बिल को पेश करने से पहले मुसलमानों से कोई राय नहीं ली गई है।

वक्ताओं ने कहा- विरोध के सभी संवैधानिक रास्ते अपनाएंगे लेकिन इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।
वक्ताओं ने कहा- विरोध के सभी संवैधानिक रास्ते अपनाएंगे लेकिन इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा- जेपीसी सबसे राय ले रही है। अलग-अलग स्टेट में जाकर लोगों से मिल रही है। जो उसके दायरे से बाहर है, यह नहीं करना चाहिए। आज मुसलमानों के वक्फ बिल पर हमला है। कल सिख, ईसाई और हिन्दू धर्म स्थलों से जुड़ी प्रॉपर्टी और जमीन पर भी सरकार हमला करेगी। वक्फ की जमीन हमारी अपनी जमीन है। इसको लोगों ने दान किया है। हमारे लिए वक्फ बिल जिंदगी और मौत का मसला है। अगर सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया तो हम सड़के, विधानसभा, लोकसभा जाम कर देंगे। विरोध के सभी संवैधानिक रास्ते अपनाएंगे लेकिन इस बिल को लागू नहीं होने देंगे।

ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान की ओर से हो रहा आयोजन।
ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान की ओर से हो रहा आयोजन।

कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी (उपाध्यक्ष, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व राष्ट्रीय अध्यक्ष, जमाअते इस्लामी हिन्द) ने वहां मौजूद सभी लोगों से हाथ उठाकर इस बिल में किसी भी तरह के संशोधन को बरदाश्त नहीं करने की बात की और वक्फ संशोधन बिल को नामंजूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम सबका इत्तेहाद ही हमारी ताकत है, अगर हम सब मिलकर मुकाबला करेंगे तो हर साजिश को नाकाम कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमें 4 बातों पर अमल करना है, हमें सभी वक्फ प्रॉपर्टी और वक्फ बिल की की मालूमात हासिल करना है। हमें हमारे हम वतन भाइयों को अच्छे अंदाज़ में बताएंगे कि वक्फ क्या है और वक्फ को लेकर जो गलत प्रोपेगंडा किया जा रहा है उसको सबके सामने बेनकाब करेंगे। हम पॉलिटिकल पार्टीज, MLA, MP से मिलकर उन्हें अकाउंटेबल बनाएंगे। AIMPLB और मिल्ली जमाते जब भी बुलाएंगी हमें अपनी पूरी ताकत के साथ उनका साथ देना है।

मुस्लिम समाज की महिलाएं भी मौजूद रही।
मुस्लिम समाज की महिलाएं भी मौजूद रही।

कांफ्रेंस को मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी (मेम्बर ऑॅफ़ पर्लियामेन्ट, रामपुर, यूपी व जेपीसी मेम्बर), मोहम्मद इमरान मसूद (मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेन्ट, जेपीसी मेम्बर), मौलाना तौक़ीर रज़ा (अध्यक्ष, इत्तेहादे ए मिल्लत कॉउन्सिल) , सैयद सरवर चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह शरीफ़, अजमेर),मौलाना मुहम्मद राशिद (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), क़ारी मुहम्मद अमीन (प्रदेशाध्यक्ष, जमीअत उलमा ए हिन्द, राजस्थान), विधायक रफीक खान और विधायक अमीन कागजी ने भी संबोधित किया। तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ कॉन्फ्रेन्स में हजारों की संख्या में जयपुर और बाहर से आए हुए लोग मौजूद रहे, जिसमें महिलाओं ने भी बड़ी तादाद में शिरकत की।

आयोजन में मेडिकल और कोर्ट सहित अन्य प्रोफेशन से जुड़े मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए।
आयोजन में मेडिकल और कोर्ट सहित अन्य प्रोफेशन से जुड़े मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए।

इस अवसर पर ज्वाइंट कमेटी तहफ़्फ़ुज़े औक़ाफ़, राजस्थान के मेंबर मोहम्मद नाज़िमुद्दीन (कन्वीनर), शब्बीर ख़ान (राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम), हाफ़िज़ मन्ज़ूर अली (जमीअत उलैमा ए हिन्द), साजिद सहराई (वहदते इस्लामी हिन्द), डा. शहाबुद्दीन (एस. डी. पी. आई.), वक़ार अहमद (वेलफ़ेयर पार्टी ऑफ़ इण्डिया), एडवोकेट मुजाहिद नक़वी (मिल्ली कॉउन्सिल, राजस्थान), एडवोकेट शाहिद हसन (सदस्य, राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड), मौलाना नाज़िश अकबर (इमाम शिया जामा मस्जिद), एडवोकेट सआदत अली (अध्यक्ष, ए. पी. सी. आर., राजस्थान), नईम क़ुरैशाी (अध्यक्ष, जमीअत क़ुरैश), इलियास क़ुरैशी (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), शौकत क़ुरैशी (सचिव, राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), इस्लाम कारपेट (मुस्लिम मुसाफ़िर ख़ाना), हाजी सईद (कायमख़ानी समाज), मुफ़्ती शफ़ीक़ अहमद (जमीअत उलैमा ए हिन्द), मुफ़्ती अख़लाक़ अहमद (जमीअत उलैमा ए हिन्द), मुफ़्ती शहाबुद्दीन (जमीअत उलैमा ए हिन्द), मुफ़्ती ख़ालिद मिस्बाही (अहले सुन्नत वल जमाअत), पप्पु क़ुरैशी (समाज सेवा दल), नईम रब्बानी (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), लतीफ़ आरको (मुस्लिम तैली महापंचायत), मौलाना अब्दुल हमीद (जमीअत उलैमा ए हिन्द), एडवोकेट सरवर आलम (राजस्थान मुस्लिम फ़ौरम), मौलाना अब्दुल रहीम नक़वी (जमीअत अहले हदीस) आदि कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे।

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