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सिंघानिया विश्वविद्यालय के संस्थापक की जन्म जयंती पर रक्तदान शिविर और पौधारोपण कार्यक्रमों का किया गया आयोजन


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सिंघानिया विश्वविद्यालय के संस्थापक की जन्म जयंती पर रक्तदान शिविर और पौधारोपण कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

सिंघानिया विश्वविद्यालय के संस्थापक की जन्म जयंती पर रक्तदान शिविर और पौधारोपण कार्यक्रमों का किया गया आयोजन

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय संस्था के संस्थापक स्वर्गीय डी सी सिंघानिया की 93वी जन्म जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय परिसर में रक्तदान शिविर और पौधारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्र्म की शुरुआत में सिंघानिया के जन्मोत्सव पर प्रार्थना की गयी। इसके बाद कैंपस डायरेक्टर प्रोफेसर पी एस जस्सल, मुख्य अतिथि पूर्व सरपंच, पचेरी ओम प्रकाश बोहरा, विशिष्ट अतिथि डॉ राम निवास “मानव”, और सम्मानित अतिथि साहित्यकार डॉ राधे श्याम गोमला के द्वारा श्रद्वा सुमन अर्पित करते हुए रक्तदान कार्यक्रम की शुरआत की गयी। रक्तदान शिविर कैंपस डायरेक्टर प्रोफेसर पी एस जस्सल के दिशा निर्देश अनुसार, डीन मेडिकल विभाग, डॉ नीरज कुमार की देख रेख में लगाया गया।

रक्तदान शिविर में विश्वविद्यालय के टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। रक्तदान शिविर के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण अभियान चलाया गया। कैंपस डायरेक्टर प्रोफेसर पी एस जस्सल ने डी सी सिंघानिया को याद करते हुए कहा की वो एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व थे, जो अपने दृढ़ संकल्प से अपने सपनो को साकार रखने में विश्वास रखते थे। उनका नेतृत्व और दूरदृष्टि हज़ारों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं । अपने जीवन की विशेष उपलब्धियों के कारण उनको टाइम मैगज़ीन ने 2021 के टाइम एक्सीलेंस आइकोनिक अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। अब उनका लक्ष्य भी सिंघानिया द्वारा स्थापित इस संस्था को प्रगतिपथ पे आगे बढ़ाना का हैं।

मुख्य अतिथि ओम प्रकाश बोहरा ने सिंघानिया का जीवन परिचय करवाया और बताया कैसे उन्होंने सिंघानिया विश्वविद्यालय संस्था को खड़ा किया| एक छोटे से गांव में पल बढ़ कर भी देश-विदेश में अपने काम के साथ अपना और अपने गांव का नाम रोशन किया| इसके बाद साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ राम निवास ने कहा व्यक्ति अपने कर्मो से जाना जाता हैं और सिंघानिया अपने कर्मो से महान बने। वो एक कुशल वकील, अधिवक्ता, शिक्षाविद और कॉर्पोरेट जगत का जाना माना नाम थें। उन्होंने 1969 में Singhania & Co. फर्म की स्थापना की, जो अपने आप में विदेशो में UK और USA तक स्थापित होने वाली पहली फर्म बनी ।

सम्मानित अतिथि साहित्यकार डॉ राधे श्याम गोमला ने जीवन की सार्थकता पर कविता सुनाते हुए कहा की डी सी सिंघानिया के वटवृक्ष समान जीवन को सदियों तक याद रखा जायेगा। पत्रकार हरीश पंवार ने भी उनको इत्तिहास पुरुष बताया, जिन्होंने पचेरी जैसी वीरान और गुमनाम जगह को अपने प्रकाश पुंज से रोशन किया। उपकुलपति डॉ पवन त्रिपाठी ने सिंघानिया के साथ अपने काम करने के अनुभव को स्मरण करते हुए उनके जीवन के कुछ प्रसंगो को सभी के साथ सांझा किया। उन्होंने बताया की वो एक चलता फिरता स्कूल थे, जिनसे कोई भी प्रभवित हुए बिना नहीं रह सकता था| मंच संचालिका डॉ शर्मिला यादव ने कहा की वो अपने साथ काम करने वालो का पूर्ण रूप से ध्यान रखते थे और सभी को समान समझते थे। इस अवसर पर संस्था के सभी गणमान्य टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ मौजूद रहें।

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