गुढ़ा बोले-संविधान में कहां लिखा पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बोल सकते:’दिल्ली में लगते हैं नारे, पाकिस्तान में होता है भारत का झंडारोहण’
गुढ़ा बोले-संविधान में कहां लिखा पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बोल सकते:'दिल्ली में लगते हैं नारे, पाकिस्तान में होता है भारत का झंडारोहण'

झुंझुनूं : झुंझुनूं विधानसभा सीट से उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार रात सुल्ताना कस्बे में चुनावी सभा में विवादित बयान दिया। वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा। वीडियो में राजेंद्र गुढ़ा एक सभा को संबोधित करते हुए मंच से कह रहे हैं- संविधान में कहां लिखा है कि ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नहीं बोल सकते।

सबसे पहले पढ़िए 36 सेकेंड के वीडियो में क्या कह रहे हैं राजेंद्र गुढ़ा
“पाकिस्तान हमारा पड़ोसी मुल्क है। 14 अगस्त 1947 को हमने उसे पड़ोसी के रूप में स्वीकार किया है। पाकिस्तान की ऐंबैसी हमारी हिंदुस्तान में दिल्ली में है। हमारी ऐंबैसी पाकिस्तान में है। 15 अगस्त को पाकिस्तान में भारत का झंडारोहण किया जाता है, भारत जिंदाबाद के नारे लगते हैं। दिल्ली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं। कौन से संविधान में लिखा है कि पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं कह सकते।”

झुंझुनूं के सुल्ताना कस्बे का है वीडियो
बता दें कि यह वीडियो झुंझुनूं के सुल्ताना कस्बे का है। राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी के तहत सोमवार रात वे सुल्ताना कस्बे में चुनावी सभा को संबोधित करने गए थे। इस दौरान उन्होंने यह बयान दिया।
राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि सुल्ताना कस्बे में मुस्लिम वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में मुस्लिम वोटर्स को लुभाने के लिए राजेंद्र गुढ़ा ने इस तरह के बयान दिए हैं।
पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पाकिस्तान जिंदाबाद को लेकर दिए बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मामले में पुलिस जांच करवाने की मांग की है। मदन दिलावर ने कहा कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन मुल्क है और गुढ़ा का बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है।

राजेंद्र गुढ़ा का रहा है विवादों से नाता
हाल ही उन्होंने एक जाति विशेष के अधिकारी और नेताओं को टारगेट किया था। कहा था कि झुंझुनू में सिर्फ एक ही जाति के नेता और अधिकारी क्यों हैं?
कुछ दिन पहले उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को धमकी दी थी। लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि पुलिस अधिकारी वर्दी पहनकर दादागिरी कर रहे हैं। वर्दी खोलकर आ जाओ, 60 सेकेंड नहीं लगेंगे। अगर लगा तो समझ लेना मैंने अपनी का मां का दूध नहीं पिया है।
उन्होंने झुंझुनूं से मौजूदा सांसद बृजेंद्र ओला पर भाजपा से मिलकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश रचने और 60 करोड़ रूपए का ऑफर मिलने का विवादित बयान दिया था। बृजेंद्र ओला पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के बेटे हैं। बृजेंद्र ओला झुंझुनूं से विधायक थे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया। वे जीते। इससे यह सीट खाली हो गई।
राजेंद्र गुढ़ा पिछले चुनाव से पहले लाल डायरी को लेकर भी काफी चर्चा में रहे। यह डायरी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंंद्र राठौड़ की थी, जिसमें वे अपनी रोजमर्रा की चीजें नोट करते थे। गुढ़ा ने दावा किया था कि धर्मेंद्र राठौड़ के घर सीबीआई छापे के दौरान उन्होंने और कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने राठौड़ के आवास पर जाकर लाल डायरी निकाल ली थी।

झुंझुनूं में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला
इस सीट पर अब भाजपा के राजेंद्र भाबूं, कांग्रेस के अमित ओला और निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। कांग्रेस से ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी से अमित ओला पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से ओला परिवार का किला ढहाने के लिए इस बार बीजेपी ने जाट उम्मीदवार राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने निर्दलीय मैदान में हैं।
गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।