हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स से कहा-आप बिजनेसमैन हो क्या?:हड़ताल गैरकानूनी, डॉक्टर बनते समय ली गई शपथ क्यों तोड़ रहे हो? लड़कर दुनिया नहीं जीती जाती
हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स से कहा-आप बिजनेसमैन हो क्या?:हड़ताल गैरकानूनी, डॉक्टर बनते समय ली गई शपथ क्यों तोड़ रहे हो? लड़कर दुनिया नहीं जीती जाती
जयपुर : राजस्थान में पिछले तीन दिन से चल रही रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल बुधवार को हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद खत्म हो गई। इस दौरान जस्टिस समीर जैन ने डॉक्टर्स से कहा कि हड़ताल वापस लेनी चाहिए। आपका पेशा पवित्र है। आप बिजनेसमैन हो क्या? डॉक्टर्स की हड़ताल गैरकानूनी है। लड़कर कोई दुनिया नहीं जीती जा सकती है। मरीज को इलाज मौलिक अधिकार है।
जस्टिस समीर जैन ने कहा- आपने कोविड में इतना अच्छा काम किया। अब क्यों ऐसा कर रहे हो? जैन ने सरकार को भी डॉक्टर्स की मांग पर कमेटी गठित करने के निर्देश दिया। मंगलवार सुबह कोर्ट खुलते ही जस्टिस समीर जैन की अदालत ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल पर सुओ-मोटो लिया था।
कोर्ट ने दिन में दो बार मामले की सुनवाई की। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और जार्ड अध्यक्ष सहित उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कोर्ट ने कहा कि हड़ताल आपका कानूनी अधिकार नहीं है। आपकी वजह से अगर किसी मरीज की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
डॉक्टर्स ने कहा-
हमारी आर्थिक और नीतिगत समस्याएं हैं। सरकार ने पिछली बैठक में हमें समाधान का आश्वासन भी दिया था, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
डॉक्टर्स की बात सुनकर कोर्ट ने कहा कि आपकी समस्याओं के समाधान के लिए हम कमेटी गठित कर देते हैं। पहले आप हड़ताल खत्म करके आइए। वहीं कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई तक डॉक्टर्स के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने पर रोक भी लगा दी है।
पहली सुनवाई के बाद प्रिंसीपल की तबीयत बिगड़ी, हार्ट में स्टेंट डाला
हाईकोर्ट में डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर कोर्ट में दो बार सुनवाई हुई। पहली सुनवाई के बाद जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल दीपक माहेश्वरी की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सीने में तेज दर्ज की शिकायत के बाद एसएमएस हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया। यहां से उन्हें बांगड़ परिसर के कार्डियक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उनके हार्ट में स्टेंट डालना पड़ा।
मांगों को लेकर कमेटी का गठन
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने तुरंत मामले में कमेटी का गठन कर दिया है। सचिव, मेडिकल एजुकेशन की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई है। कमेटी में डायरेक्टर, पब्लिक हेल्थ, प्रिंसिपल एसएमएस मेडिकल कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा नामित दो सीनियर प्रोफेसर, जार्ड के दो प्रतिनिधि (महिला-पुरुष) औऱ अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल कमेटी के सदस्य होंगे।
कमेटी की पहली बैठक 26 अक्टूबर को होगी। वहीं कमेटी 18 नवम्बर तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 21 नवम्बर को तय की हैं।