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मुस्लिम वोटरों के रूख से ओला की राह आसान नहीं


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

मुस्लिम वोटरों के रूख से ओला की राह आसान नहीं

मुस्लिम वोटरों के रूख से ओला की राह आसान नहीं

झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के साथ ही चुनावी पारा चढ़ गया है । हालांकि अभी दोनों प्रमुख दलों ने अभी उम्मीदवारो की घोषणा नहीं की है लेकिन संभावित उम्मीदवार जो टिकट की आस लगाए बैठे हैं सक्रिय हो गये है । झुंझुनूं विधानसभा सीट कांग्रेस का अजेय गढ़ रही है । इस अजेय दुर्ग के पीछे मुस्लिम समुदाय का वोटर कांग्रेस का वोट बैंक रहा है । बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने के बाद इस विधानसभा पर उपचुनाव होने है । वंशानुगत राजनीति के चलते बृजेन्द्र ओला के बेटे कांग्रेस पार्टी की तरफ से सशक्त दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं । उनकी सशक्त दावेदारी के पीछे बृजेन्द्र ओला का सांसद बनने से पहले कांग्रेस आलाकमान को इस बात के संकेत दे दिये थे यदि लोकसभा मे उनकी जीत होती है तो टिकट ओला परिवार को ही मिलनी चाहिए । लेकिन इस बार कांग्रेस का मूल वोटर मुस्लिम समुदाय ने मुस्लिम चेहरे को उम्मीदवार घोषित करने की मांग को लेकर झुंझुनूं में महा पंचायत का आयोजन किया था । उनका यह उद्घोष कि टिकट नहीं तो वोट नहीं ने कांग्रेस आलाकमान को ही नहीं बल्कि ओला परिवार के लिए मुश्किलें पैदा कर दी है ।

जैसा कि राजनीति संभावनाओं का खेल होती है ।‌ यदि संभावनाओं को देखे तो मुस्लिम समुदाय को यदि टिकट नहीं मिलती है तो एक विकल्प यह कि उनकी तरफ से निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा जाए । दूसरे विकल्प के रूप में यदि कांग्रेस को टिकट नहीं तो वोट नहीं पर कायम रहते हैं तो निर्दलीय उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया जाए क्योंकि यह समुदाय भाजपा को तो वोट करने में परहेज करता है । दूसरे विकल्प के रूप में निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक राजेन्द्र गुढा के पक्ष में मतदान कर सकते हैं । विदित हो गुढ़ा पिछले दो महीने से झुंझुनू में धरातल की राजनीति को लेकर सक्रिय हैं जिसका एक उदाहरण नगर परिषद आयुक्त व सभापति को एक अवैध निर्माण को गिराने को लेकर आमने सामने थी तो गुढा सभापति के समर्थन में उतर आये थै । गुढ़ा का चुनावी मैदान में आने से झुंझुनू में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं । कुल मिलाकर दोनों ही विकल्पों का अवलोकन करें तो निश्चित रूप से कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है और कांग्रेस के इस अजेय दुर्ग पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं । अब यह तो आने वाला समय ही निर्धारित करेगा कि झुंझुनूं में कमल खिलेगा या कांग्रेस अपनी साख बचाने में कामयाब होगा ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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