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पुस्तकों से जुड़ेंगी बालिकाएं तो मजबूत होगा भविष्य


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पुस्तकों से जुड़ेंगी बालिकाएं तो मजबूत होगा भविष्य

घांघू के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय कक्ष का निर्माण करवा रहे सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक (पशुपालन) प्रभुदयाल बरवड़, सरपंच विमला देवी, भामाशाह बरवड़ सहित अतिथियों ने रखी आधारशिला, ग्रामीणों ने की दानदाता के काम की सराहना

चूरू : जिले के गांव घांघू के शहीद सैनिक हवलदार लखुसिंह राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय घांघू में सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक (पशुपालन) डॉ प्रभुदयाल बरवड़ की ओर से अपने स्वर्गीय माता-पिता खेमाराम बरवड़ एवं जड़िया देवी की स्मृति में बनवाए जा रहे पुस्तकालय कक्ष का शिलान्यास सोमवार को किया गया। कक्ष निर्माण पर करीब 6-7 लाख रुपए खर्च होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरपंच विमला देवी दर्जी ने कहा कि वर्तमान समय शिक्षा, विज्ञान और तकनीक का है। जो बच्चे मन लगाकर पढ़ेंगे, वे निश्चित ही आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय विद्यालय का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। यदि बालिकाएं पुस्तकालय कक्ष में बैठकर अध्ययन करेंगी तो अपने भविष्य को मजबूत बनाएंगी और गांव का नाम रोशन होगा। उन्होंने पेंशन से मिलने वाली राशि से अर्जित धन का उपयोग पुस्तकालय निर्माण में करने के लिए सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक प्रभुदयालय बरवड़ की भरपूर सराहना की और कहा कि स्वयं जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा जिले के विद्यालयों में पुस्तकालयों को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

मुख्य अतिथि पन्नाराम बरवड़ ने कहा कि प्रभुदयाल का यह कार्य समाज को वापस लौटाने की एक अनूठी मिसाल है। हम समाज से बहुत कुछ अर्जित करते हैं लेकिन हमें अपनी क्षमता के अनुसार समाज को लौटाने पर भी विचार करना चाहिए।

दानदाता डॉ प्रभुदयाल बरवड़ ने बताया कि बाबा साहेब ने महिला शिक्षा पर विशेष जोर दिया था। इस पुस्तकालय से बालिकाओं के स्व- अध्ययन के प्रति रूचि विकसित होगी। उन्होंने अपने संस्मरण साझा करते हुए बताया कि हमने वह जमाना देखा है जब संसाधनों का बहुत अभाव था। आज के बच्चों को काफी अच्छी सुविधाएं मिल रही है। उन्हें इन सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए।

घांघू निवासी प्रधानाध्यापक दामोदर प्रजापत ने इस अवसर पर पुस्तकालय कक्ष में बिजली फिटिंग, इन्वर्टर, पंखे, ट्यूबलाइट आदि लगाने की घोषणा की।

विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद् ओमप्रकाश तंवर ने विद्यार्थियों को महापुरुषों की पुस्तकें पढने के लिए प्रेरित किया तथा पुस्तकालय कक्ष के निर्माण को बालिकाओं के लिए श्रेष्ठतम कार्य बताया। शिक्षाविद तनुराम माहिच ने कहा कि विद्यालय में इससे श्रेष्ठतम और कोई कार्य नहीं हो सकता।

इस दौरान पीईईओ प्रताप सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा, महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय घांघू के प्रधानाचार्य मनीष भार्गव, राजकुमार फगेड़िया, पशु चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश आर्य, शिक्षाविद जयराम निर्मल, शिक्षाविद अब्दुल हबीब अनवरी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विद्यालय प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद खेड़ीवाल ने डॉ बरवड़ द्वारा पुस्तकालय निर्माण की प्रशंसा की एवं उपस्थित आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ बरवड़ के बड़े भाई मास्टर मोहनलाल बरवड़, रामनाथ, बोयता राम एवं रेवन्ता राम, एसडीएमसी सदस्य अजीत सिंह, रामलाल फगेडिया, मनीराम, जगदीश दर्जी, विद्यालय स्टाफ के रणजीत सिंह मीणा, मधु फगेडिया, विजयलक्ष्मी, मुस्ताक अहमद, कमला कस्वां, हनुमान प्रसाद, सरिता महला, अमित कुलहरी, विकास शर्मा, श्रीचंद, रामधन एवं प्रेमलता आदि उपस्थित थे। संचालन व्याख्याता चिमनलाल शर्मा ने किया।

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