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पीड़ित की पत्नी को संविदा-नौकरी समेत 5 मांगों पर सहमति:5वें दिन परिजनों का धरना समाप्त; 11KV लाइन से ट्रक के टकराने से जिंदा जल गया था कंडक्टर


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

पीड़ित की पत्नी को संविदा-नौकरी समेत 5 मांगों पर सहमति:5वें दिन परिजनों का धरना समाप्त; 11KV लाइन से ट्रक के टकराने से जिंदा जल गया था कंडक्टर

पीड़ित की पत्नी को संविदा-नौकरी समेत 5 मांगों पर सहमति:5वें दिन परिजनों का धरना समाप्त; 11KV लाइन से ट्रक के टकराने से जिंदा जल गया था कंडक्टर

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : चारणवासी गांव में ट्रक में जिंदा जले मजदूर की मौत के मामले में सहमति बनने पर रविवार को धरना उठा लिया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन से करीब एक घंटा वार्ता चली।

इसमें मृतक की पत्नी को चूरू में मेडिकल विभाग में संविदा पर नौकरी, विभिन्न योजनाओं से 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी। साथ ही बच्चों को पालनहार योजना का फायदा देने, घायल को डिस्चार्ज के बाद इलाज के अनुसार आर्थिक मदद और बिजली विभाग के दोषी और कर्मचारियों पर जांच कर कार्रवाई करने की मांग पर सहमति बनने के बाद दोपहर 2ः30 के करीब धरना समाप्त कर दिया।

बैठक में जिला प्रशासन की ओर से जिला कलेक्टर, एसपी, एससी, एएसपी, एडीएम व एक्सईएन उपस्थित रहे। वही मृतक पक्ष की ओर से मृतक का भाई हजारीमल बाकोलिया, सीताराम खटीक, संदीप पाटिल, पार्षद घनश्याम, महिपाल पूनिया, पूर्व पार्षद मनोहरलाल बाकोलिया, बजरंग बजाड़, एडवोकेट राकेश सबलानिया, सांवरमल गहनोलिया, रामेश्वर लाल धौलपुरिया, अनीश धायल, मनोज, विकास आल्हा अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंपा

सहमति बनने के बाद मृतक लीलू राम का दोपहर बाद बीडीके अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। जिसके बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजन चूरू रवाना हो गए।

गौरतलब है कि 9 अक्टूबर को चूरू के वार्ड नंबर 50 निवासी लालचंद रैगर, सुरेंद्र रैगर, वार्ड नंबर 51 निवासी सुभाष रैगर, गौरीशंकर रैगर व घंटेल, चूरू निवासी चालक बनवारीलाल जाट ईंटों से भरा ट्रक लेकर चारणवासी गांव में खाली करने आए थे।

11 केवी लाइन से टकरा गया था ट्रक ईंटे खाली करने के बाद ट्रक लेकर वापस लौट रहे थे कि कुछ ही दूरी पर सडक़ के ऊपर से गुजर रही 11 केवी लाइन से ट्रक टकरा गया। बिजली लाइन के टकराने से ट्रक में करंट दौड़ गया और आग लग गई। इसी दौरान सुभाष रेगर, गौरीशंकर रैगर, सुरेंद्र रेगर व बनवारीलाल जाट ने कूदकर जान बचाई। जबकि लालचंद रैगर ट्रक से उतर नहीं पाया और अंदर ही फंस गया। करंट व आग की वजह से वह जिंदा जल गया था।

हड़बड़ाहट में कूदने के दौरान सुभाष रैगर भी घायल हो गया था। जिसे बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हादसे के बाद परिजन व रिश्तेदारों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक के परिवार को एक करोड़ रूपए मुआवजा, सरकारी नौकरी और घायल को 10 लाख रूपए देने की मांग करते हुए धरने पर बैठे गए थे। शव लेने से इंकार कर दिया था। काफी समझाइश के बाद पांचवें दिन परिजन धरना उठाने पर सहमत हुए।

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