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11 राज्यों के 75 इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन:रक्षा मंत्री बोले- भारत सबसे सुरक्षित और मजबूत देश बनेगा, BRO ने बनाई हैं 22 सड़कें और 51 पुल


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11 राज्यों के 75 इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन:रक्षा मंत्री बोले- भारत सबसे सुरक्षित और मजबूत देश बनेगा, BRO ने बनाई हैं 22 सड़कें और 51 पुल

11 राज्यों के 75 इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन:रक्षा मंत्री बोले- भारत सबसे सुरक्षित और मजबूत देश बनेगा, BRO ने बनाई हैं 22 सड़कें और 51 पुल

कोलकाता : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार 12 अक्टूबर को सिक्किम में बनी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कुपुप-शेराथांग रोड का वर्चुअली उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल, नगालैंड सहित 11 राज्यों के कुल 75 इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इनमें 22 सड़कें और 51 पुल हैं। रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल के सुकना में त्रिशक्ति कोर के हेडक्वाटर से इन परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

ये निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने किया है। चीन सीमा और अन्य दूरदराज इलाकों में बने इन प्रोजेक्ट्स की लागत करीब 2236 करोड़ रुपये है। इससे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की आवाजाही, राशन, ऑर्टिलरी जैसी चीजें पहुंचाने में आसानी होगी।

चीन सीमा और अन्य दूरदराज इलाकों में बने इन प्रोजेक्ट्स की लागत करीब 2236 करोड़ रुपये है।
चीन सीमा और अन्य दूरदराज इलाकों में बने इन प्रोजेक्ट्स की लागत करीब 2236 करोड़ रुपये है।

रक्षा मंत्री बोले- सोशियो-इकोनॉमिक और स्ट्रैटेजिक नजरिये से नॉर्थ-ईस्ट काफी अहम

राजनाथ सिंह ने 2024-25 के बजट में BRO के लिए आवंटित 6,500 करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि यह न केवल स्ट्रैटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान देगा, बल्कि नॉर्थ-ईस्ट सहित बॉर्डर के आस-पास के इलाकों में सोशियो-इकोनॉमिक प्रोग्रेस में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा-

ये प्रोजेक्ट देश की रक्षा तैयारियां बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। पिछले 10 सालों में हमने गांव से लेकर शहर तक सड़कों का नेटवर्क बनाया है। आने वाले समय में बॉर्डर वाले इलाकों में विकास में नए आयाम जुड़ेंगे और भारत सबसे सुरक्षित और मजबूत देशों में से एक होगा।

राजनाथ ने कहा- पहले की सरकारों का मानना ​​था कि बॉर्डर पर डेवलपमेंट का उल्टा असर प्रभाव हो सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल देश के विरोधी कर सकते हैं। वहीं, मोदी सरकार ने बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने को प्रॉयारिटी दी। इसका कारण है कि नॉर्थ-ईस्ट का इलाका सोशियो-इकोनॉमिक और स्ट्रैटेजिक नजरिये से अहम हैं।

BRO ने पिछले पांच सालों में 16 हजार करोड़ रुपये की लागत से 450 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।
BRO ने पिछले पांच सालों में 16 हजार करोड़ रुपये की लागत से 450 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।

इस साल अब तक 111 प्रोजेक्ट पूरे, पिछले साल 125 बनाए थे अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच सालों में सीमा पर चीन के इंफ्रा प्रोजेक्ट में तेजी आने के बाद भारत ने भी अपने निर्माण की गति बढाई है। इसी के साथ इस साल BRO के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की संख्या 111 हो गई। इनकी कुल लागत 3751 करोड़ रुपये है। पिछले साल BRO ने 3611 करोड़ रुपये के 125 प्रोजेक्ट पूरे किये थे।

इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेला टनल का उद्घाटन किया था। वह भी इस साल पूरी हुई 111 प्रोजेक्ट्स में से एक है। BRO ने उसे 825 करोड़ रुपये में रणनीतिक तवांग सेक्टर में सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की सहूलियत के लिए बनाया था। यह करीब 13 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी ट्विन-लेन सुरंग है।

एक ही वर्किंग सेशन में पूरे किए कई प्रोजेक्ट 75 नए प्रोजेक्ट में 19 जम्मू-कश्मीर, 11 लद्दाख, 18 अरुणाचल प्रदेश, 9 उत्तराखंड, 6 सिक्किम, 5 हिमाचल प्रदेश, 2-2 पश्चिम बंगाल और राजस्थान और 1-1 नगालैंड, मिजोरम और अंडमान-निकोबार में हैं। ये प्रोजेक्ट चीन सीमा और अन्य दूरदराज इलाकों में भारत के बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगे।

अधिकारियों ने बताया BRO ने इन रणनीतिक प्रोजेक्ट्स को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है और कई को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के प्रयोग से एक ही वर्किंग सेशन सत्र में बनाया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए BRO ने पिछले पांच सालों में 16 हजार करोड़ रुपये की लागत से 450 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।

इनमें नई सड़कें, पुल, सुरंगें, हवाई अड्डे और हेलीपैड शामिल हैं। भारत सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में चीन से पीछे है लेकिन 2020 में चीन के साथ हुई झड़प के बाद इस ओर तेजी से कदम बढाए जा रहे हैं।

सैनिकों के साथ मनाया दशहरा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में विजयादशमी पर शस्त्र पूजा भी की। सुकना कैंट में रक्षा मंत्री ने पहले अस्त्र-शस्त्र की पूजा की फिर वहां मौजूद जवानों को तिलक लगाया।

राजनाथ सिंह ने कहा- अगर हमारे हितों को खतरा है, तो हम बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा- अगर हमारे हितों को खतरा है, तो हम बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे।

शस्त्र पूजा के बाद रक्षा मंत्री ने तीन बड़ी बातें कहीं…

  • लोहे और लकड़ी से बनी चीजों की पूजा उस परंपरा का प्रतीक है, जिसमें हम किसी भी वस्तु के इस्तेमाल से पहले और बाद में उसके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यह प्रतीक है कि जरूरत पड़ने पर शस्त्रों को पूरी ताकत से प्रयोग किया जा सकता है।
  • हमने कभी भी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया है। हमें किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। हमने युद्ध तभी लड़ा, जब किसी देश ने हमारी अखंडता और संप्रभुता का अनादर किया हो। जब किसी देश ने धर्म, सत्य और मानवीय मूल्यों का अपमान किया हो।
  • सीमाओं पर सेनाओं की मौजूदगी से किसी भी घटना की संभावना नहीं है, लेकिन, मौजूदा हालात में अनदेखी नहीं कर सकते हैं। दुनिया में कुछ भी हो, तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

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