उदयपुरवाटी में बदली जाएगी रावण दहन की परंपरा:इस बार नहीं दागी जाएगी गोलियां, तलाशा जाएगा वैकल्पिक रास्ता
उदयपुरवाटी में बदली जाएगी रावण दहन की परंपरा:इस बार नहीं दागी जाएगी गोलियां, तलाशा जाएगा वैकल्पिक रास्ता
उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी के खास दशहरा उत्सव में लगभग 400 सालों से चल रही रावण मारने की परंपरा में इस बार थोड़ा बदलाव किया जाएगा। इस बार रावण और उसके परिवार को गोलियों से छलनी नहीं किया जाएगा। रावण मारने के लिए तीर कमान जैसा कोई वैकल्पिक रास्ता निकाला जाएगा। यह निर्णय गुरुवार की शाम दशहरा कमेटी की पुलिस प्रशासन के साथ वार्ता होने के बाद लिया गया है।
जानकारी के अनुसार दादूपंथी स्वामी समाज की सामाजिक संस्था पंचायत पांचो अखाड़ों के पंच भंडारी की ओर से करीब 400 साल से रावण मारने की परंपरा चल रही है। समिति की ओर से 10 दिवसीय दशहरा मनाया जाता है जिसमें समापन पर रावण मारने की परंपरा होती है। समिति के लोग और लाइसेंसधारी बंदूक रखने वाले लोग दशहरा मैदान में अपनी अपनी पिस्टल, बंदूक आदि लेकर पहुंच जाते हैं और रावण तथा उसके परिवार को गोलियों से छलनी करते हैं। इस बार दशहरा उत्सव की इजाजत लेने गई कमेटी को थाना प्रभारी राजेश चौधरी ने समझाया कि हाल ही में बनाए गए नियम के तहत सार्वजनिक स्थान पर हर्ष और त्योंहारों पर भी फायर नहीं किए जा सकते हैं।
थाना प्रभारी ने कहा कि लाइसेंसधारी भी इस कानून के दायरे में आते हैं। इसलिए इस प्रकार के किसी भी कार्य की स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं होगा। उन्होंने समय के साथ परंपरा और व्यवस्था में बदलाव करने का आग्रह किया जिसको कमेटी ने स्वीकार कर लिया। कमेटी के लोगों ने उदयपुरवाटी के दशहरा उत्सव को खास बनाए रखने के लिए आतिशबाजी बढ़ाने तथा कुछ अन्य खास आइटम जोड़ने के लिए शुक्रवार को समिति की बैठक बुलाई है। उत्सव का आकर्षण बनाए रखने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा।
थाना प्रभारी राजेश चौधरी के साथ समिति के लोग दशहरा उत्सव स्थल पहुंचे। उन्होंने मेले के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए रणनीति पर विचार किया। इस मौके पर समिति के मंत्री दयाराम स्वामी, थामायत शंकरदास स्वामी, पार्षद राजेंद्र मारवाल, पार्षद शिवदयाल स्वामी, दादू नवयुवक मंडल के अध्यक्ष घनश्याम स्वामी, मंत्री पंकज स्वामी, शंकरदास नेता आदि मौजूद थे।