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भगवान श्री राम ने किया मारीच का वध:खेतड़ीनगर रामलीला महोत्सव; रावण ने किया सीता का हरण, राम-भरत मिलाप का हुआ मंचन


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भगवान श्री राम ने किया मारीच का वध:खेतड़ीनगर रामलीला महोत्सव; रावण ने किया सीता का हरण, राम-भरत मिलाप का हुआ मंचन

भगवान श्री राम ने किया मारीच का वध:खेतड़ीनगर रामलीला महोत्सव; रावण ने किया सीता का हरण, राम-भरत मिलाप का हुआ मंचन

खेतड़ी नगर : खेतड़ी नगर स्थित केसीसी के रामलीला मैदान में चल रहे दस दिवसीय रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा की नाक काटने, रावण द्वारा अपने मामा मारीच को स्वर्ण मृग बनाकर पंचवटी भेजने, भगवान श्रीराम द्वारा मारीच का वध करने और रावण का साधु का वेश धारण कर मां सीता का हरण करने तक की घटनाओं का सजीव मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया। इस रामलीला के मुख्य अतिथि समाजसेवी हरिराम गुर्जर और रविंद्र फौजी थे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में टीके घोष, नीतू राजोतिया, मुकेश शर्मा, जितेंद्र और बबलू यादव उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सनातन धर्म समिति के महामंत्री अभिषेक पारीक ने की।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि रामलीला का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाना है, साथ ही भगवान राम ने अपने माता-पिता और गुरुजनों के आदेशों का पालन कर समाज को प्रेरणा दी है।

रामलीला के दौरान शूर्पणखा रावण से अपनी नाक कटने की झूठी कहानी बताती है, जिससे क्रोधित होकर रावण सीता के हरण की योजना बनाता है। मामा मारीच को स्वर्ण मृग का रूप देकर वह चित्रकूट भेजता है, जिसे देखकर सीता मोहित हो जाती हैं और श्रीराम से उसे पकड़ने के लिए कहती हैं। राम के जाने के बाद, सीता की चिंता सुनकर लक्ष्मण भी राम की खोज में चले जाते हैं। इसी बीच रावण साधु के वेश में भीख मांगने आता है और सीता के बाहर आते ही उसका हरण कर ले जाता है। इस दृश्य में जटायु सीता को बचाने का प्रयास करते हैं और रावण से संघर्ष करते हैं।

राम-भरत मिलाप के दृश्य ने दर्शकों को भावुक कर दिया। रामलीला में संजय जिंदड़ ने राम, राजेश नारवाल ने सीता, हिमांशु ने लक्ष्मण, मुरारीलाल कर्मचंदानी ने भरत, चुन्नीलाल ने रावण, मनोहर ने शूर्पणखा, सुनील फाइटर ने मामा मारीच, गोपाल ने कौशल्या, हरिश शर्मा ने सुमंत, नेरश मीणा ने खर, तिपेश जांगिड़ ने दूषण, और सीताराम ने मंत्री का किरदार निभाया। डांसर बबली, भविष्य, कालू और सोनू ने भी मंचन में अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस रामलीला का निर्देशन राजकुमार, सह-निर्देशन नारू और नेमीचंद के नेतृत्व में हुआ।

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