जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टिबडेवाला विश्वविद्यालय में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था “आंत्रप्रेन्योरशिप अ वायेबल कैरियर ऑप्शन” इस सेमिनार के मुख्य वक्ता मुंबई से आए हितेश पोरवाल वीज स्टार्ट कंपनी के संस्थापक ने विद्यार्थियों को वर्तमान युग में रोजगार कैसे मिले, किस तरह से शिक्षा प्राप्त की जाए, व्यवसाय व उद्योग की शुरुआत कैसी हो आदि बिंदुओं पर विस्तार से अपने विचार साझा किये पोरवाल ने कहा कि तीन धाराओं के रूप में एक व्यक्ति कमाई का जरिया बना सकता है। पहले उधमशीलता दूसरा व्यवसाय और तीसरा सेल्फ बिजनेस हितेश पोरवाल ने कहा कि व्यवसाय एक दुकान खोलकर शुरू किया जाता है जैसे कपड़े की दुकान खाने-पीने के सामान की दुकान या अन्य कोई भी व्यवसाय जिसमें निश्चित कमाई तक वह अपनी जीविका का पालन कर सकता है दूसरा है उधमाशीलता एक ऐसा उद्योग है जो स्वयं से जुड़ा होता है अगर आप स्वयं नहीं है तो व्यवसाय नहीं चलेगा जैसे इंटीरियर का कार्य ,एडवोकेट का पेशा, डॉक्टर की सेवाएं या फिर कोई भी ऐसा हुनर जो स्वयं में विद्यमान है।
तीसरी धारा में आता है स्टार्टअप जहां पर आप नई चुनौती को पहले पहचानते हैं और उसे चुनौती को अवसर में बदलते हैं भारत में उद्योग तो आ गया है लेकिन अभी भी एक गैप देखने को मिल रहा है और वह है क्या करना है और कैसे करना है इसी के लिए प्री इनक्यूवेशन पर जोर देते हैं ताकि हर आदमी उद्यम शुरू करने से पहले अपने अंदर की उधम शक्ति को पहचान सके और उसके अनुकूल उधम की शुरुआत कर सके उन्होंने कहा कि भारत को अगर विकसित देश होना है तो उधम को शिक्षा से जोड़ना पड़ेगा एक उद्योग ओसतन 6 लोगों को रोजगार देता है अगर हम दो से तीन प्रतिशत युवाओं को उद्यमी बना पाए तो हम बेरोजगारी की समस्या को दूर कर सकते हैं जैसा कि हम सबको विदित है नई शिक्षा नीति आ गई है और अब प्लेसमेंट कितने विद्यार्थियों का हुआ बस यही तक सीमित नहीं है बल्कि कितने विद्यार्थियों ने स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ाया है यह भी मायने रख रहा है और इसके लिए सरकार शिक्षा में इस विषय को समावेशित कर रही है।
इस अवसर पर जेजेटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ.अजीत कुमार ने हितेश पोरवाल का शाल,स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया तथा आए हुए विद्यार्थियों व जेजेटी स्टाफ का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम में एकेडमिक डीन डॉ.रामदर्शन फोगाट डॉ. राहुल बुडानिया डॉ.सुरेंद्र कुमार सहित विश्वविद्यालय स्टाफ मौजूद था