राजस्थान में संविदाकर्मियों का मानदेय 17 हजार रुपए तक बढ़ा:जयपुर में हाईकोर्ट में सुसाइड के बाद फैसला; युवक को मिलते थे 5600 रुपए
राजस्थान में संविदाकर्मियों का मानदेय 17 हजार रुपए तक बढ़ा:जयपुर में हाईकोर्ट में सुसाइड के बाद फैसला; युवक को मिलते थे 5600 रुपए

जयपुर : हाईकोर्ट की जयपुर बेंच के जीए ऑफिस के अपील सेक्शन एक संविदाकर्मी ने शुक्रवार सुबह ऑफिस में ही फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। मृतक मनीष सैनी 19 साल से हाईकोर्ट में संविदा पर काम कर रहा था। उसका मानदेय मात्र 5600 रुपए था। ये भी उसे बीते 5 महीने से नहीं मिल रहा था। संविदाकर्मी की मौत के 12 घंटे बाद राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों का मानदेय 17 हजार रुपए तक बढ़ा दिया है।
वहीं, बांदीकुई (दौसा) के रहने वाले मनीष (40) के चाचा राजेंद्र सैनी ने बताया कि उन्हें शुक्रवार सुबह 8.45 बजे हाईकोर्ट से साथी संविदाकर्मियों ने मनीष के सुसाइड करने की जानकारी दी। मनीष ने सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें कहा है कि ‘मुझे वीरगति प्राप्त हो, राज्य सरकार ने मेरा तो भला नहीं किया, लेकिन मेरे भाइयों का भला हो।’

सरकार ने अलग-अलग स्लैब का मानदेय बढ़ाया
मनीष की मौत के 12 घंटे बाद रात में राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ा दिया। अब 6900 की जगह 17 हजार, 5600 की जगह 14 हजार और 4400 की जगह 11 हजार रुपए तक मानदेय मिलेगा।
जानकारी के अनुसार मनीष पिछले 18 साल से हाईकोर्ट में संविदा पर कार्यरत था और उसे हर महीने 5600 रुपए मानदेय मिल रहा था। पांच महीने से यह पैसा भी नहीं मिल रहा था।
परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। मनीष के परिवार का कहना है कि उन्होंने बताया कि मनीष घर से रोजाना हाईकोर्ट आने के लिए अप-डाउन करता था। मनीष की चार साल की बेटी व एक छोटा बेटा है।
राज्य सरकार की एसएलपी वापस लेने की संभावना
हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में करीब 60 से ज्यादा लोग 2005 से संविदा पर कार्यरत हैं। इनमें से 22 लोग स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर 2013 में हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 जनवरी 2022 को उनके पक्ष में फैसला देते हुए स्थायी नियुक्ति के आदेश जारी किए थे।पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगा दी। इसके बाद करीब ढाई साल से सुप्रीम कोर्ट में मामला पेडिंग है। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को भी वापस लेने पर कार्यवाही की जाएगी।
परिजनों को 11 लाख मुआवजा, पत्नी को संविदा पर नौकरी मिलेगी
हाईकोर्ट के गवर्नमेंट एडवोकेट (GA) ऑफिस के संविदाकर्मी मनीष सैनी की सुसाइड मामले में 12 घंटे बाद रात करीब 8.30 बजे राज्य सरकार व परिजनों के बीच मांगों को लेकर सहमति बन गई।
राज्य सरकार ने उसके परिजनों को 11 लाख रुपए मुआवजा व पत्नी को बांदीकुई में संविदा पर नौकरी देने के लिए कहा है। वहीं, एजी ऑफिस से भी परिजनों को एक लाख रुपए मुआवजा देने का निर्णय लिया।राज्य सरकार से मनीष के परिजनों की मांगों पर सहमति बनने के बाद मनीष के शव को हाईकोर्ट से एसएमएस हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया।