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गहलोत राज में 804 जमीनें की थी रद्‌द:जमीनों की जांच के हर सरकार में अलग-अलग नियम, जांच कमेटियां दिखावटी, दबाव में होते हैं आवंटन रद्‌द


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गहलोत राज में 804 जमीनें की थी रद्‌द:जमीनों की जांच के हर सरकार में अलग-अलग नियम, जांच कमेटियां दिखावटी, दबाव में होते हैं आवंटन रद्‌द

गहलोत राज में 804 जमीनें की थी रद्‌द:जमीनों की जांच के हर सरकार में अलग-अलग नियम, जांच कमेटियां दिखावटी, दबाव में होते हैं आवंटन रद्‌द

जयपुर : सर्व समाज के बैनर तले भारी विरोध के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को उदयपुर के मावली में मदरसे के लिए आवंटित 4 बीघा 16 बिस्वा जमीन का आवंटन निरस्त करने के आदेश दे दिए। यह जमीन मदरसे के लिए अशोक गहलोत सरकार में 28 जनवरी 2022 को आवंटित की गई थी। मावली में मदरसा इस्लामिया गौसिया अंजुमन मावली को फ्री में जमीन दी गई थी। लेकिन वर्तमान सरकार ने ऐसी जमीनें की जांच के संबंध में मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर की अध्यक्षता में केबिनेट कमेटी बना रखी है। उस कमेटी ने तो अभी 128 जमीनों की छंटनी ही की है। अनुशंसा नहीं की है।

हालांकि हर सरकार की जमीनों के आवंटन व निरस्तीकरण पर नजर रहती है। पिछली गहलोत सरकार में भी एक साथ 804 जमीनों के आवंटन निरस्त करने के आदेश जारी हुए थे। लेकिन गहलोत राज में सबसे चर्चित मामला जयपुर के दुर्गापुरा में समग्र सेवा संघ की जमीन का पिछली भाजपा सरकार में निरस्त किए भूखंड की फिर से बहाली थी। मदरसा जमीन निरस्तीकरण का नया आदेश तूल पकड़ सकता है।

पहली गाज तेलंगाना हाउस पर

2018 में पिछली सरकार ने तेलंगाना हाउस के लिए अजमेर के कोटड़ा में जमीन आवंटित की थी। तेलंगाना हाउस के लिए आवंटित जमीन इस सरकार में निरस्त हुई पहली जमीन थी। फरवरी में की गई। इस जमीन का स्पीकर वासुदेव देवनानी ने विरोध किया था। इसी सरकार में बीकानेर के छतरगढ़ में बहु चर्चित फर्जी जमीन आवंटन प्रकरण में सीएस स्तर तक मानिटरिंग की गई। जांच के बाद मई में अराजीराज करीब 4200 बीघा भूमि का आवंटन निरस्त करने के आदेश जिला प्रशासन ने किए।

गहलोत राज में गूंजा था टहला कांड

पिछली सरकार में अलवर का टहला भूमि घोटाला गूंजा था। नदी, पहाड़. नाले, वन आदि प्रतिबंधित जगहों पर 804 भूमियां आवंटित कर दी गई थी। तत्कालीन कलेक्टर को जेल जाना पड़ा। जांच हुई। इन भूमियों के आवंटन निरस्त करने के आदेश हुए। अधूरी ही कार्रवाई हुई।

441 संस्थाओं – ट्रस्टों को दी थी जमीनें

गहलोत सरकार ने 441 सस्थाओं, धार्मिक ट्रस्टों को जमीनें आवंटित की गई थी। मात्र 3 साल में 2021 से 2023 दिसंबर तक इतनी बड़ी संख्या में पहली बार जमीनें आवंटित की गई थी। वर्तमान सरकार ने इन जमीनों की जांच के लिए कमेटी बनाई थी, लेकिन 9 माह में रिपोर्ट नहीं दी।

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