1 साल पहले उद्घाटन, तभी से बंद है म्यूजियम:तत्कालीन सीएम जिस गांधी वाटिका के ट्रस्टी थे, भाजपा सरकार ने ट्रस्ट ही खत्म कर दिया
1 साल पहले उद्घाटन, तभी से बंद है म्यूजियम:तत्कालीन सीएम जिस गांधी वाटिका के ट्रस्टी थे, भाजपा सरकार ने ट्रस्ट ही खत्म कर दिया

जयपुर : सेंट्रल पार्क में बनी गांधी वाटिका को लेकर राजधानी की राजनीति गर्माई हुई है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने गांधी वाटिका म्यूजियम को आमजन के लिए शुरू करने के लिए 28 सितंबर से सेंट्रल पार्क में धरने की चेतावनी दी थी। बुधवार को राज्य सरकार ने घोषणा कर दी कि 2 अक्टूबर से गांधी वाटिका को आमजन के लिए खोल दिया जाएगा। संचालन पर्यटन विभाग करेगा और प्रबंधन के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
दरअसल, गांधीजी की जीवनी के साथ उनका राजस्थान से क्या रिश्ता है, इसको बताने के लिए कांग्रेस सरकार ने गांधी वाटिका का निर्माण करवाया था। गांधीवादी और गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत के निर्देशन में गांधी वाटिका बनवाई थी। इसका 23 सितंबर 2023 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया था। इसके बाद आज भी यह गांधी वाटिका आमजन के लिए खुलने का इंतजार कर रही है।
विधानसभा में बिल लाकर बनाया था ट्रस्ट
गांधी वाटिका के संचालन और प्रबंधन के लिए कांग्रेस सरकार ने गांधी वाटिका ट्रस्ट बनाया था। इसके लिए बकायदा विधानसभा में गांधी वाटिका ट्रस्ट जयपुर अधिनियम 2023 बिल विधानसभा में आया। जेडीए को म्यूजियम इसी ट्रस्ट को सौंपना था। वाटिका के लोकार्पण के बाद सरकार बदल गई और भाजपा सरकार ने कैबिनेट में फैसला कर इस ट्रस्ट को ही खत्म कर दिया।
गांधी जी के विचारों के प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री का फैसला
गांधी जयंती से पर्यटन, कला व संस्कृति विभाग गांधी वाटिका का संचालन करेगा। पुरातत्व एवं संग्रहालय तथा पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महात्मा गांधी के मूल्यों, सिद्धांतों एवं संघर्ष को प्रदर्शित करने वाली सेंट्रल पार्क स्थित गांधी दर्शन म्यूजियम (गांधी वाटिका) के बेहतर संचालन के लिए यह निर्णय लिया है।
ट्रस्ट का अध्यक्ष मुख्यमंत्री को बनाया था
कांग्रेस सरकार के दौरान बने इस ट्रस्ट में मुख्यमंत्री को अध्यक्ष बनाया था। इसके अलावा 15 सदस्य और मुख्य सचिव, प्रमुख वित्त सचिव, पुरात्तव, गांधी एवं अहिंसा विभाग के सचिव और जेडीसी को इसका पदेन सदस्य बनाया था। इस ट्रस्ट में फैसले लेने के अधिकार उपाध्यक्ष के पास थे। सत्ता बदलते ही नई सरकार ने ट्रस्ट खत्म कर दिया और ऐसे में म्यूजियम का संचालन हो ही नहीं पाया।
गांधीजी का राजस्थान से रिश्ता और जीवनी को 5 कालखंड में देख सकेंगे
गांधी वाटिका की थीम गांधीवादी विचारकों की समिति के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। 14500 वर्गमीटर में फैला गांधी वाटिका में देश का पहला ऐसा म्यूजियम है, जहां होलोग्राफिक तकनीक वाली गांधी जी की तस्वीरें लगी हैं, जो बोलती हैं। भूतल पर अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक के कालखंड को 5 हिस्सों में अंकित किया गया है। प्रथम तल पर गांधीजी के आंदोलनों व उनके दर्शन को प्रदर्शित किया गया है।
इसके अलावा गांधीजी का राजस्थान से क्या रिश्ता रहा है, इस बारे में बताया है। द्वितीय तल पर विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल एवं कॉन्फ्रेंस कक्ष हैं। कॉन्फ्रेंस कक्ष तीन खंडों में बांटा है। सादगी व पर्यावरण संरक्षण के लिए दीवारें तैयार की गई हैं। 14 हजार पेड़-पौधे लगाए गए हैं। वाटिका में कैफेटेरिया, खुला नाट्य मंच, विमर्श कक्ष जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध है।