जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
शिमला : राजकीय अनारदेवी सामुदायिक चिकित्सालय शिमला को कांग्रेस सरकार ने सीएचसी में क्रमोन्नत किया था। यहां पर उस समय से एक मात्र डॉक्टर हेमंत सोनी ही कार्यरत हैं। तथा गत दिनों चिकित्सा विभाग ने दो चिकित्सकों को नई नियुक्ति प्रदान की है। जिसमे से एक चिकित्सक ने तो कार्य ग्रहण कर लिया है। लेकिन दूसरे चिकित्सक ने अभी तक भी कार्य ग्रहण नहीं किया है। जानकारी के अनुसार सीएचसी में चिकित्सा प्रभारी का कार्य कर रहे डॉक्टर हेमंत सोनी को एक रुपए का सामान खरीदने के भी अधिकार नहीं है। इसके लिए भी उन्हें खेतड़ी जाकर डॉक्टर महेंद्र सैनी से मिलना पड़ता है। क्योंकि यहां के डीडी पावर डॉक्टर महेंद्र सैनी को दे रखे हैं जो महीने में एक दिन भी शिमला चिकित्सालय में नहीं आते हैं। स्थानीय चिकित्सालय की मांग के अनुसार जब भी कोई सामान खरीदने की आवश्यकता होती है तो इसके लिए डॉक्टर महेंद्र सैनी की परमिशन लेना अनिवार्य होता है। तथा उनके द्वारा भुगतान होता है ऐसे में इस चिकित्सालय में प्रभारी का कार्य कर रहे चिकित्सा अधिकारी को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि वो सीएचसी प्रभारी को अधिकार प्रदान करें ताकि वो आवश्यकताओं के अनुसार स्वयं ही समान खरीद सकें। या डीडी पावर वाले डॉक्टर को पाबंद करना चाहिए कि वह सप्ताह में एक दफा सीएचसी में जाकर उनकी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ले। तथा उनकी आपूर्ति करवाए ताकि चिकित्सालय का कार्य प्रभावित नहीं हो। इन दिनों डेंगू का प्रकोप चल रहा है तथा ग्राम में फॉगिंग करवाना भी आवश्यक है लेकिन अधिकार न होने के कारण स्थानीय चिकित्सा प्रभारी फागिंग करवाने में भी असमर्थ है। इसलिए ग्रामीणों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नीमकाथाना को पत्र लिखकर ग्राम शिमला में फॉगिंग करवाने की मांग की है।