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दाउदी बोहरा समाज:सामुदायिक रसोई में रोज बनता है सात सौ लोगों का भोजन ताकि कोई भी भूखा न सोये


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दाउदी बोहरा समाज:सामुदायिक रसोई में रोज बनता है सात सौ लोगों का भोजन ताकि कोई भी भूखा न सोये

दाउदी बोहरा समाज:सामुदायिक रसोई में रोज बनता है सात सौ लोगों का भोजन ताकि कोई भी भूखा न सोये

सागवाड़ा : दाउदी बाेहरा समाज अपनेे बच्चाेंं से लेकर बुजुर्गाें तक के भाेजन की व्यवस्था करता हैै। समाज केे रसाेईघर में समाज के 700 परिवाराें के लिए राेज एक वक्त का भाेजन बनाया जाता है, वह भी बिलकुल मुफ्त। सागवाड़ा में बोहरा समाज के 1500 से ज्यादा परिवार है। इनमें से ज्यादातर विदेशाें में है लेकिन जाे परिवार यहां रहते हैं उनके लिए जुमात खाना से एक वक्त का भाेजन टिफिन के जरिये घराें तक पहुंचाया जा रहा है।

सागवाड़ा में इसका संचालन फेज अल-मवैद -अल-बुरहानिया (एफएमबी) सागवाड़ा की ओर से किया जा रहा है। इसेे बनाने और टिफिन काे सर्कुलेट करने मेंं करीब 40 लाेगाें का स्टाॅफ जुटा हुआ है। इसमें समाज के महिला और पुरुष सदस्य जुड़े हुए हैं। समाज के लोग इसे अपने धर्मगुरु डॉ सैयदना साहब की ओर से बहने वाली प्रचुर दुआओं का उपहार मानते हैं

। समाजजन बताते है कि टिफिन तीन साइज के हाेते है। बड़ा, मध्यम और छाेटा। यह इसलिए कि परिवार के सदस्याें के हिसाब से टिफिन उपलब्ध कराए जा सकें। वहीं परिवार काे नंबरिंग किए दाे टिफिन बाॅक्स दिए गए है ताकि एक टिफिन काे साफ किया जा सके, वहीं उसकी जगह अगले दिन दूसरा टिफिन काम में लिया जा सके। यह टिफिन राेज सुबह 8 से 12 बजे तक घर-घर सप्लाई कर दिए जाते है। हर दिन के भोजन का मेन्यू मुंबई में तय होता है। वहां पर कार्यरत कमेटी तय करती है और बाद में शहर की भोजन कमेटी को इसकी जानकारी भेजी जाती है।

समाज के 52 वे धर्मगुरु डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के आह्वान पर अगस्त 2011 में सामुदायिक रसोई की यह व्यवस्था शुरू की गई। बताया जाता है कि यह व्यवस्था आज दाउदी बोहरा समाज के दुनिया भर के 869 शहरों में 1 लाख 35 हजार से ज्यादा परिवारों को लाभ पहुंचा रही है।

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