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पशुपालन विभाग में उप निदेशक के एपीओ-ट्रांसफर पर रोक:तबादलों पर बैन के बाद भी एपीओ करने को माना गलत, विभाग से मांगा जवाब


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पशुपालन विभाग में उप निदेशक के एपीओ-ट्रांसफर पर रोक:तबादलों पर बैन के बाद भी एपीओ करने को माना गलत, विभाग से मांगा जवाब

पशुपालन विभाग में उप निदेशक के एपीओ-ट्रांसफर पर रोक:तबादलों पर बैन के बाद भी एपीओ करने को माना गलत, विभाग से मांगा जवाब

नीमकाथाना : नीमकाथाना में पशुपालन विभाग में उप निदेशक के पद पर कार्यरत डॉ रणजीत मेहरानिया के एपीओ (पदस्थापन की प्रतिक्षा में) आदेश पर राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण (रेट) ने रोक लगा दी है। रेट ने मेहरानिया की अपील पर सुनवाई करते हुए पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव, उप शासन सचिव को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

अपीलकर्ता के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया- प्रार्थी नीमकाथाना में उप निदेशक पशुपालन विभाग के पद पर कार्यरत है। विभाग के उप शासन सचिव ने 6 सितंबर को आदेश जारी कर प्रार्थी को एपीओ कर दिया। साथ ही एपीओ आदेश की पालना में उसे निदेशालय जयपुर के लिए कार्यमुक्त भी कर दिया है।

उन्होंने दलील देते हुए कहा- प्रार्थी को नियम विरुद्ध एपीओ किया गया है। प्रदेश में तबादलों पर बैन है, लिहाजा एपीओ आदेश को रद्द किया जाए। इस पर अधिकरण के सदस्य शुचि शर्मा एवं लेखराज तोसावड़ा की बेंच ने एपीओ आदेश एवं कार्यमुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी।

सरकार ने एपीओ-ट्रांसफर पर लगा रखा है प्रतिबंध याचिका में कहा गया कि प्रदेश में राज्य सरकार ने कर्मचारियों के ट्रांसफर एवं एपीओ करने पर एक परिपत्र जारी कर प्रतिबंध लगा रखा है। अगर आवश्यकता हो तो परिपत्र के अनुसार दिए गए दिशा निर्देशों की पालना में मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर ही ट्रांसफर और एपीओ किया जा सकता है।

लेकिन इस प्रकरण में विभाग ने ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई है। वहीं, राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 25 ए में कार्मिक को एपीओ करने की सात शर्त निर्धारित की गई है। उन्हीं के तहत कार्मिक को एपीओ किया जा सकता है। लेकिन प्रार्थी के इन 7 शर्तों में नही होने के बावजूद भी उसे एपीओ किया गया। इसलिए एपीओ आदेश नियम विरुद्ध है।

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