उदयपुर : पुलिस ने शुक्रवार को वही खुलासा किया, जो भास्कर ने गुरुवार को कर दिया था। प्रतापनगर थाना पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा किया है कि उसने 500-500 के 36.70 लाख रु. के नकली नोट पकड़े हैं। शहर के देबारी में एक किराये के मकान में नकली नोट छापते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास 26.50 लाख रुपए के नकली नोट मिले। फिर इनकी सूचना पर चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 10.20 लाख रुपए के नकली नोट व उपकरण भी बरामद किए हैं।
एसपी योगेश गोयल ने बताया कि प्रतापनगर थाने के कांस्टेबल बनवारी लाल व शंकरलाल को सूचना मिली कि देबारी के वैशाली नगर में प्रकाश लखारा के मकान में रौनक रातलिया, राहुल लोहार व अन्य नकली नोट छाप रहे हैं। थानाधिकारी योगी व सवीना थानाधिकारी अजय सिंह राव के नेतृत्व में टीम ने मकान पर दबिश दी तो वहां मकान के अन्दर राहुल लोहार, निवासी सरवानिया कानोड़, रौनक रातलिया निवासी नया बाजार कानोड़, अजय भारती निवासी संगेसरा मंगलवाड़ को गिरफ्तार किया।
आरोपी राहुल लोहार ने पुलिस को बताया कि वह अमीर बनना चाहता था। उसने घर वालों को बोल रखा था कि वह मर्चेंट नेवी मे नौकरी कर रहा है। जल्द पैसे कमाने के लिए उसने नकली नोट बनाने की ठानी। उसकी भीलवाड़ा निवासी गणेशलाल चौधरी से पहचान हुई। उसने चौधरी के साथ मिलकर नकली नोट बनाने का प्लान बनाया। उसी के जरिए प्रिंटिंग मशीन, रंगीन प्रिंटर, बैंक नोट पेपर की शीट, कटर मंगवाए।
अपने दोस्त रौनक जैन के किराये के मकान में इन उपकरणों का सेटअप कर जाली नोट बनाने का काम शुरू किया। राहुल छापे गए 36.70 लाख के जाली नोट को गणेशलाल के मार्फत बाजार में चलाने का प्लान बना रहा था। इसलिए मुख्य आरोपी राहुल लोहार ने योजना में रौनक जैन, अजय भारती, बबलू उर्फ समीर जाट, शहजाद, समीर मंसूरी व लखन उर्फ कालू को भी शामिल किया।
डॉक्टर की किडनैपिंग भी करना चाहता था मुख्य आरोपी राहुल लोहार ने पूछताछ यह भी बताया कि वह कानोड़ के एक नामी डॉक्टर का अपहरण कर फिरौती लेने की फिराक में था। इसके लिए उसने अपने दोस्तों के साथ योजना भी बनाई थी, लेकिन वो योजना सफल नहीं हो सकी।