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दिनभर व्यवधान, रातभर राम-ध्यान:प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में धरना, 56 विधायक गाते रहे-रघुपति राघव राजा राम


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दिनभर व्यवधान, रातभर राम-ध्यान:प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में धरना, 56 विधायक गाते रहे-रघुपति राघव राजा राम

दिनभर व्यवधान, रातभर राम-ध्यान:प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में धरना, 56 विधायक गाते रहे-रघुपति राघव राजा राम

जयपुर : प्रदेश की सबसे बड़ी महापंचायत (विधानसभा) में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर के निलंबन के खिलाफ 56 विधायकों का धरना रातभर जारी रहा। रात 2 बजे तक 56 विधायक एक स्वर में लगातार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम… गाते रहे। ढोल-मंजीरे नहीं थे, लेकिन तालियों के साथ एक स्वर में भजन गूंजते रहे। हाल ही विपक्ष के चीफ व्हिप बनाए गए आदर्श नगर विधायक रफीक खान व किशनपोल विधायक अमीन कागजी भजन गा रहे थे।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सबसे वरिष्ठ सीकर विधायक राजेंद्र पारीक की अगुवाई में कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे। पहली बार 7 महिला विधायक भी सदन में रात को धरने पर बैठीं। सबसे बुजुर्ग हरिमोहन शर्मा 84 साल के हैं और दिन में मार्शल व विधायकों में हुई धक्का-मुक्की में गिर गए थे, उनको आराम की सलाह दी गई

मार्शल बुलाने पर रात 1 बजे भी चर्चा
रात 1 बजे कांग्रेस के विधायक अचरज प्रकट कर रहे थे कि दिन में आखिर अचानक निलंबन की कार्रवाई कर मार्शल व पुलिस को सदन में क्यों बुलाया गया। ऐसी कोई बड़ी गलती भी नहीं थी। निलंबित मुकेश भाकर ने कोई शब्द भी नहीं बोला। फिर मार्शल से महिला-पुरुष विधायकों के साथ धक्का-मुक्की क्यों की गई?

पीसीसी चीफ डोटासरा को बुखार
लक्ष्मणगढ़ विधायक और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा रविवार से बुखार से पीडि़त हैं। इसके चलते सोमवार को न तो विधानसभा पहुंचे ना धरने में शामिल हुए।

कांग्रेस की 7 महिला विधायकों ने कहा- हम भी किसी से कम नहीं
कांग्रेस विधायक अनीता जाटव, शिखा मील बराला, इंद्रा मीणा, रमीला खड़िया, सुशीला डूडी, गीता बरवड़ और शिमलादेवी ने भी धरने में सक्रियता से भाग लिया। उन्होंने कहा- हम किसी से कम नहीं। अपने विधायक के साथ हैं और रातभर धरना देंगी।

पहले तकिए-गद्दे पहुंचे, फिर स्टील के लंबे टिफिन आए
रात करीब 9 बजे सदन में तकिए-गद्दे पहुंचे। उसके बाद स्टील के 6 डिब्बों के भव्य टिफिन पहुंचे। विधायकों ने विपक्ष की कुर्सियों की तरफ गद्दे लगाए और लेट गए। टिफिन आए तो खाना खाया, जबकि सदन में कैंटीन है, जहां से विधायकों के लिए खाना नहीं आया।

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