कैग की रिपोर्ट- डिस्कॉम, ट्रांसपोर्ट, माइंस पर कई खुलासे:प्रदेश में फर्जी इंजन नंबर वाले 712 वाहन, 15 हजार का वजन 3 किलो
कैग की रिपोर्ट- डिस्कॉम, ट्रांसपोर्ट, माइंस पर कई खुलासे:प्रदेश में फर्जी इंजन नंबर वाले 712 वाहन, 15 हजार का वजन 3 किलो

जयपुर : कैग ने बुधवार को डिस्कॉम, ट्रांसपोर्ट माइंस पर चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की। कैग ने सारथी एप्लीकेशन के 10.14 लाख डंप डेटा का विश्लेषण कर बताया कि प्रदेश में 15,570 चार पहिया वाहन ऐसे दौड़ रहे हैं जिनका वजन शून्य से 3 किलो दिखाया है। 14 वाहन तो ऐसे हैं जिनका वजन 1 लाख किलो से अधिक दर्ज कर दिया गया है।
डुप्लीकेट चेसिस या इंजन नंबर वाले 712 वाहन परिवहन विभाग में पंजीकृत थे। यानी 2 चेसिस एक जैसे, दो इंजन एक ही नंबर के दौड़ रहे हैं। 166 लर्निंग लाइसेंस 18 वर्ष से कम आयु वालों के जारी हुए। 3.83 लाख प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र एक वर्ष से कम अवधि के लिए जारी हुए हैं। ऐसे ही 3310 वाहनों के एक साल से अधिक के प्रदूषण प्रमाण पत्र दिए गए। 680 वाहनों का मोटर वाहन कर राशि 3.37 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की जगह महिला-बाल विकास मंत्री मंत्री मंजू बाघमार ने कैग का 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा प्रतिवेदन सदन में पेश किया। राजस्थान में उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के नियंत्रण एवं निष्पादन लेखा परीक्षा का प्रतिवेदन भी सदन में पेश किया गया।
उदय योजना फेल, डिस्कॉम का कर्ज घटा नहीं, बढ़ गया
कैग रिपोर्ट में राजस्थान में बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए वसुंधरा सरकार द्वारा शुरू उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) को फेल बताया गया है। इसके अनुसार 2015 में डिस्कॉम पर कर्ज 80,529.90 करोड़ था। योजना के तहत बकाया ऋणों का 75% यानी 62,422.88 करोड़ डिस्कॉम्स को दिया गया। 2018-19 में घाटे को 15% पर लाना था।
इसी दौरान लागत और राजस्व को भी शून्य पर लाना था। लेकिन हुआ उल्टा। डिस्कॉम नए कर्ज लेते रहे और कर्ज मार्च 2020 में 48,260 करोड़, 2021 में 52,799.02 करोड़ और अब 1.30 लाख करोड़ (विधानसभा में बताया) पर है। डिस्कॉम्स को उदय का पैसा मिला तभी दो साल सरप्लस दिखा था, अन्यथा तीनों कंपनियों का कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
असर यह: डिस्कॉम्स की कुल ब्याज देनदारी 2014-15 में 8254 करोड़ थी जो 2020-21 में 9044 करोड़ हो गई। जबकि ब्याज घटना चाहिए था। तीनों डिस्कॉम अपने एसीएस और एआरआर के अंतर को शून्य पर नहीं ला सके। अजमेर डिस्कॉम में सुधार दिखा। जोधपुर सबसे अधिक घाटे में गया। डिस्कॉम फीडर निगरानी प्रणाली 100% स्वचालन नहीं हो सकी। खराब ट्रांसफार्मर समय पर नहीं बदले जा सके। मार्च 2021 तक 11,387 खराब ट्रांसफार्मर को बदलना शेष था।
डिस्कॉम: एक साल बाद भी 8 लाख मीटर नहीं बदले गए
डिस्काम्स खराब 8 लाख मीटरों को समय पर बदलने में भी विफल रहा। 3 माह से एक साल तक खराब मीटर पड़े रहे। गौरतलब है कि जयपुर डिस्काम में 2.25 लाख, अजमेर डिस्काम में 2.35 लाख और जोधपुर डिस्काम में 3.36 लाख खराब मीटर हैं। डिस्काम्स को 2016 से 2021 के बीच दोषपूर्ण मीटर के लिए 56.35 करोड़ रुपए की छूट देनी पड़ी।
अवैध खनन: 368 करोड़ लाइसेंस फीस ही नहीं ली
अवैध खनन में खनिज के मूल्य की मांग कायम नहीं की गई। 3757 केसेज में से 2857 में अवैध खनिज के लिए अल्पावधि लाइसेंस के 368.81 करोड़ लिए बिना प्रकरण निष्पादित दिए। ईंट के लिए मिट्टी खुदाई रोकने में विफलता दिखी। 9 कार्यालयों ने ई-एसटीपी जारी नहीं की।