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हजरत इमाम कासिम की याद में ताजिये पर मेहंदी पेश की, देर रात तक चला सिलसिला


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हजरत इमाम कासिम की याद में ताजिये पर मेहंदी पेश की, देर रात तक चला सिलसिला

हजरत इमाम कासिम की याद में ताजिये पर मेहंदी पेश की, देर रात तक चला सिलसिला

अजमेर : हजरत इमाम कासिम की याद में रविवार को आशिकान ए हुसैन ने ताजिये पर मेहंदी पेश की। दरगाह में देर रात तक मेहंदी पेश करने का सिलसिला चला। विभिन्न हिस्सों से अकीदतमंद मेहंदी लेकर दरगाह पहुंचे। मोहर्रम की सात तारीख के मौके पर मेहंदी की रस्म अदा करने के लिए आशिकान ए हुसैन में होड़ लगी थी। दरगाह में मकबरे में रखे ताजिये की जियारत का सिलसिला भी बना रहा।

मगरिब की नमाज के बाद से ही खादिम परिवार छोटी-बड़ी मेहंदी लेकर मकबरे पहुंचना शुरू हो गए। विभिन्न समूह मेहंदी में दीये भी रोशन कर के लाए थे। महिला अकीदतमंद खासी तादाद में मौजूद थीं। दरगाह में मकबरे और अन्य स्थानों पर विशेष लाइटिंग की गई थी। मर्सिया भी पेश किए गए। अहाता ए नूर में मगरिब की नमाज के बाद हजरत इमाम हुसैन और उनके जां निसार साथियों की शान में सलाम पेश किए गए। ए मोहम्मद के जिगर पारे सलाम… के दौरान अकीदतमंद हाथ बांधे और सिर झुकाए खड़े नजर आए।

केसरगंज से निकाली सवारी

इधर, केसरगंज से अब्दुल हमीद मंसूरी की अगुवाई में मेहंदी का जुलूस निकला। अब्दुल सत्तार एंड पार्टी मर्सियाख्वानी पेश करते हुए चल रही थी। ढोल ताशे बजाए जा रहे थे। मुन्ना मंसूरी, अब्दुल रशीद, हाजी मुश्ताक सहित विभिन्न गणमान्य लोग मौजूद थे। डिग्गी होते हुए जुलूस दरगाह पहुंचा। ताजिये पर मेहंदी पेश की गई। इधर, लौंगिया से भी मेहंदी का जुलूस निकला। बड़ी संख्या में अकीदतमंद शरीक हुए। यह जुलूस भी दरगाह बाजार होते हुए रात को दरगाह पहुंचा। ताजिये पर मेहंदी पेश की गई। तारा शाह से कुरैशी परिवार की ओर से मेहंदी का जुलूस दरगाह लाया गया। सदरूद्दीन कुरैशी, बदरुद्दीन कुरैशी के साथ ही अन्य लोग शामिल थे।

सद्दों का जुलूस: फकीरी पहनी, इमाम जामिन बांधा, अखाड़ेबाजी में करतब

हजरत अब्बास अलमदार की याद में रविवार को सोसाइटी पंचायत अंदरकोटियान की और से सद्दों का जुलूस निकाला गया। अलम हताई से शुरू हुए जुलूस में सबसे आगे आशिकान ए हुसैन ढोल ताशे व झांझ बजा रहे थे। अब्दुल हमीद उस्ताद के अखाड़े बाज उस्ताद अकबर, उस्ताद मोहम्मद इस्माइल और उस्ताद काजी मुनव्वर की अगुवाई में करतब पेश किए। खानकाह मोहल्ले के सामने भी जुलूस में शामिल लोगों को शरबत पिलाया गया। हताई में फातिहा हुई तोप के गोले दागे गए।

पंचायत सदर शामिर खान, सचिव शफीक नवाब, कन्वीनर रिजवान खान, एसएम अकबर शामिल हुए। 9 मोहर्रम यानी 16 जुलाई को रात 10 बजे हताई चौक में छोटा हाईदौस खेला जाएगा। सखी खिदमत फाउंडेशन की ओर से दरगाह में जायरीन को शरबत तकसीम किया गया।

तारागढ़ पर भी मेहंदी पेश: इधर, तारागढ़ पर मेहंदी पेश की गई। पंचायत खुद्दाम सैयदजादगान के सचिव सैयद रब नवाज जाफरी ने बताया कि अलम वाले घर से मेहंदी व अलम इमाम बारगाह लाया गया। नियाज हुई। लोगों ने मन्नत की फकीरी पहनी। मोहर्रम से पहले जिन परिवारों में लड़का हुआ और नया मकान बनाया है, उन परिवारों की ओर से विशेष रूप से मेहंदी चढ़ाई गई। जरीह मुबारक की जियारत की गई।

हजरत इमाम कासिम की याद में आशिकान ए हुसैन ने रविवार रात को दरगाह के मकबरे में रखे ताजिये पर मेहंदी पेश की।

अंदरकोट पहुंचा जुलूस: इधर दरगाह के सामने से हफीज खां व दुलारे मियां की ओर से मेहंदी का जुलूस रात को निकाला गया। भीलवाड़ा से आए बैंडवादकों ने कलाम पेश किए। कमानी गेट होते हुए मेहंदी का जुलूस देर रात अंदरकोट पहुंचा।

मोहर्रम के मौके पर मंगल-बुध को रोजे रखे जाएंगे। मौलाना मुबारक हुसैन फैजी ने बताया कि अल्लाह के रसूल भी इस माह में 9 और 10 तारीख को रोजा रखते थे। अगर कोई शख्स 9 मोहर्रम का रोजा नहीं रख सका तो उसे 10 और 11 मोहर्रम का रोजा रखना चाहिए।

2 रोजे अहम, 10-11 मोहर्रम का रोजा रखें: मौलाना

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