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धर्म परिवर्तन के नाम पर कैंसर ठीक करने का दावा:चंडीगढ़ से ली ट्रेनिंग; अंधविश्वास ऐसा… लोग कहते -बिना दवा सही हो गए


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धर्म परिवर्तन के नाम पर कैंसर ठीक करने का दावा:चंडीगढ़ से ली ट्रेनिंग; अंधविश्वास ऐसा… लोग कहते -बिना दवा सही हो गए

धर्म परिवर्तन के नाम पर कैंसर ठीक करने का दावा:चंडीगढ़ से ली ट्रेनिंग; अंधविश्वास ऐसा... लोग कहते -बिना दवा सही हो गए

भरतपुर : भरतपुर में धर्म परिवर्तन का सेंटर चलाने वाले दंपती प्रार्थना से कैंसर ठीक होने का दावा करते थे। शहर में चर्च फाउंडेशन चलाने वाले रविंद्र कुमार (39) की पत्नी रूबी (32) ने चंडीगढ़ (पंजाब) से बाकायदा ट्रेनिंग ली थी। ये लोग वॉट्सऐप ग्रुप से लोगों को जोड़ते थे। सेंटर से जुड़े लोगों पर अंधविश्वास इस कदर हावी है कि वे कहते हैं- हम बिना दवा के सही हो गए।

मथुरा गेट थाना इंचार्ज करन सिंह राठौड़ बताते हैं- 5 जुलाई को भरतपुर शहर में रीको के पास फाटक नंबर 39 पर चर्च फाउंडेशन रविंद्र के घर के आगे काफी भीड़ थी। धर्म परिवर्तन की बात को लेकर झगड़ा चल रहा था। स्थिति को देखते हुए 28 लोगों को हिरासत में लिया।

निरंजन सिंह की रिपोर्ट पर धारा 299 (किसी धर्म को लेकर विद्वेष पूर्ण कार्य करने) और 302 (शब्दों के माध्यम से किसी को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करने) में मुकदमा दर्ज किया। जांच में रविंद्र कुमार निवासी फाटक नंबर 39 थाना मथुरा गेट, फूलसिंह निवासी तेलीपाड़ा किशनपुरा मोहल्ला डीग थाना कोतवाली और रविंद्र की पत्नी रूबी पर अपराध प्रमाणित पाया।

रविंद्र को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को कोर्ट ने रविंद्र कुमार को जमानत पर छोड़ दिया। रूबी और फूलसिंह को धारा 35(3)-(6) BNSS का नोटिस दिया है। बाकी लोगों को शुक्रवार को ही 5-5 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी थी।

सभा में शामिल 27 लोगों को शुक्रवार शाम 5-5 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई थी।
सभा में शामिल 27 लोगों को शुक्रवार शाम 5-5 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई थी।

सबसे पहले जानते हैं FIR में क्या शिकायत दी गई
पुलिस को दी गई शिकायत में निरंजन सिंह ने लिखा- 5 जुलाई की सुबह 11 बजे रेलवे फाटक 39 के पास एक मकान में 3 लोग (रविंद्र, रूबी और फूलसिंह) ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे। इलाज के नाम पर इन्होंने सभा का आयोजन किया था। सभा में शामिल लोगों से ये कह रहे थे कि देवी-देवताओं की मूर्ति पूजा छोड़ ईसाई धर्म अपनाओ। हिंदू देवी-देवताओं ने कोई अवतार नहीं लिया। भगवान श्रीकृष्ण के बारे में अपशब्द कहे और हिंदू धर्म को सबसे नीचा बताया। यह भी कहा कि यीशु सबसे बड़े भगवान हैं। उनकी सेवा करोगे तो स्वर्ग मिलेगा।

सभा में ये लोग हिंदू धर्म को अपमानित कर रहे थे। यह भी कहा कि मूर्तियां तोड़कर फेंक दो। सभा में हिंदू धर्म के प्रति घृणा पैदा कर रहे थे। नियमित रूप से सभा में आने वालों को 10 हजार का बोनस और फ्री इलाज का लालच दिया गया। लगातार आने पर बोनस बढ़ने की बात कही। फ्री कैलेंडर, किताबें और पैंफलेट बांटे।

हमारे संगठन के लोग जब वहां पहुंचे तो रविंद्र ने कहा- भाग जा यहां से, वरना यीशु तुझे भस्म कर देंगे। तेरे देवता यीशु के सामने नहीं रुक सकते। यह सब चंघाई सभा (ईसाई धर्म में होने वाली प्रार्थना सभा) में हुआ।

विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह मकान से निकली सामग्री और पोस्टर दिखाते हुए।
विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह मकान से निकली सामग्री और पोस्टर दिखाते हुए।

3 वर्ष की कैद का है प्रावधान
भरतपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट ऋषिपाल तिवारी ने बताया- धारा 299 तब लगाई जाती है, जब किसी धर्म को लेकर विद्वेष पूर्ण कार्य किया जाता है। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जाती है या फिर धार्मिक विश्वास या मान्यताओं का अपमान किया जाता है। इसका दोषी पाए जाने पर 3 साल की कैद का प्रावधान है।

भरतपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट ऋषिपाल तिवारी ने धर्मांतरण की नई धाराओं और सजा के बारे में बताया।
भरतपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट ऋषिपाल तिवारी ने धर्मांतरण की नई धाराओं और सजा के बारे में बताया।

जब शब्दों के माध्यम से किसी को धर्म बदलने के लिए उत्प्रेरित किया जाता है तो धारा 302 लगती है। इसमें प्रार्थना सभा में मौखिक तौर पर उत्प्रेरित करना भी शामिल है। इसका दोषी पाए जाने पर 1 साल की सजा का प्रावधान है।

भारतीय दंड संहिता में धर्मांतरण की नई धाराओं और प्रावधानों का जिक्र है।
भारतीय दंड संहिता में धर्मांतरण की नई धाराओं और प्रावधानों का जिक्र है।

मकान से मिली थी बाइबिल और प्रचार सामग्री
पुलिस की जांच में रविंद्र के घर से करीब 5 बाइबिल, ईसाई धर्म की प्रचार सामग्री मिली, जिसे जब्त कर लिया गया है। रविन्द्र कुमार के मोबाइल में कई वॉट्सऐप ग्रुप मिले। जिनमें लोगों को सेंटर से जोड़ने के मैसेज थे। फिलहाल पुलिस रविंद्र के बैंक खातों को खंगाल रही है और फंडिंग के सोर्स के बारे में पता लगा रही है।

शहर के मथुरागेट थाना इलाके में रेलवे फाटक 39 एरिया में सिमको फैक्ट्री के पास मकान में आरोपी रविंद्र कुमार खुद के नाम से चर्च फाउंडेशन चला रहा था। वह इसे चर्च कहता है। चर्च से ज्यादातर महिलाएं जुड़ी हैं। अधिकतर लोग गरीब और दलित वर्ग से आते हैं।

अब जानिए रविंद्र के फाउंडेशन से जुड़े लोग क्या कहते हैं…

(नोट- जनमानस शेखवाटी किसी भी तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता)

सत्संग में जाने से शांति मिलती है- गुड्डी

रविंद्र कुमार की भाभी गुड्डी पत्नी सुरेश ने बताया- सेंटर पर प्रशु यीशु की प्रार्थना और सत्संग होता है। इसमें शामिल होने से मन की शांति मिलती है। बीमारियों में फायदा होता है। कल कुछ लोगों (VHP) ने घर में घुसकर मारपीट की। मेरी बेटी के कपड़े फाड़ दिए। उसकी पिटाई भी की।

रविंद्र कुमार की भाभी गुड्डी ने बताया- सत्संग से बीमारी में फायदा मिलता है।
रविंद्र कुमार की भाभी गुड्डी ने बताया- सत्संग से बीमारी में फायदा मिलता है।

धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं, सिर्फ भजन होता है- संजनी

पुलिस हिरासत में ली गई युवती संजनी ने बताया- सेंटर पर हम भजन करते हैं। वहां धर्म परिवर्तन नहीं होता। यह फालतू का एजेंडा बनाया हुआ है। पहले मुझे हमेशा खांसी रहती थी। डॉक्टर ने कहा था कि दवा लेती रहोगी तो खांसी ठीक रहेगी। दवा बंद करती तो खांसी फिर शुरू हो जाती थी।

जब से सत्संग से जुड़ी हूं तब से खांसी बिल्कुल ठीक हो गई है। सभी तरह की बीमारियों से परेशान मरीज सेंटर पर आते हैं। हमें पैसे नहीं दिए जाते।

शुक्रवार को सभा में शामिल संजनी ने बताया- प्रार्थना सभा में धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाता।
शुक्रवार को सभा में शामिल संजनी ने बताया- प्रार्थना सभा में धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाता।

एक्सीडेंट से शरीर खराब हो गया, मन को शांति मिलती है- आरती

भरतपुर के बोरई गांव की रहने वाली आरती ने बताया- प्रभु यीशु की प्रार्थना से मन की शांति मिलती है। 6 साल से यीशु की प्रार्थना कर रही हूं। मुझे पथरी की परेशानी थी। एक एक्सीडेंट में मेरा शरीर भी खराब हो गया था।

जब से प्रभु यीशु से जुड़ी हूं मेरा दर्द और परेशानी ठीक हो गई है। पथरी मेरी नाक से बाहर निकल गई। सेंटर पर कोई दवा नहीं दी जाती। सिर्फ प्रभु की प्रार्थना की जाती है। हमें सत्संग में जाने के लिए कोई पैसे नहीं मिलते। न ही हमें धर्मान्तरण के लिए बोला जाता है।

मुझे डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए बोल दिया था। सत्संग से जुड़ने के बाद पहले ही हफ्ते में ठीक हो गई। सत्संग में प्रभु यीशु की प्रार्थना करते हैं। वहां बताया जाता है कि भगवान यीशु हमारे पापों की खातिर कुर्बान हुए। उन्होंने अपनी जान दी और लहू बहाया।

भरतपुर के बोरई गांव की रहने वाली आरती 6 साल से चर्च फाउंडेशन से जुड़ी है।
भरतपुर के बोरई गांव की रहने वाली आरती 6 साल से चर्च फाउंडेशन से जुड़ी है।

कैंसर तक के मरीज सत्संग में जाते हैं- शंभू

भरतपुर शहर के तिलक नगर के रहने वाले शंभू ने बताया- मेरी पत्नी धर्मवती पर ऊपरी हवा का चक्कर था। एक व्यक्ति ने हमें बताया की चर्च फाउंडेशन में जाने से सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। हम वहां गए हमें वहां फायदा मिला।

मेरी पत्नी के सिर में झनझनाहट रहती थी। सत्संग में जाने से उसे फायदा मिला। सत्संग के बारे में एक-दूसरे से पता लगता है। किसी के पास कोई सूचना नहीं आती। हमें फायदा होगा तो हम दूसरों को बताएंगे। सत्संग में कैंसर, पथरी जैसे रोगों से जूझ रहे मरीज आते हैं। हमें कोई पैसा नहीं मिलता। वहां धर्म परिवर्तन के बारे में भी नहीं कहा जाता।

सत्संग कराने वाले लोग बाहर से सीखकर आते हैं। इसके बाद वे हमें प्रवचन देते हैं।

भरतपुर शहर के तिलक नगर के रहने वाले शंभू को भी चर्च फाउंडेशन में यकीन है।
भरतपुर शहर के तिलक नगर के रहने वाले शंभू को भी चर्च फाउंडेशन में यकीन है।

सेंटर चलाने के लिए रविंद्र बदल चुका है कई ठिकाने

जिस घर में हंगामा हुआ उस घर के बाहर रविंद्र कुमार चर्च फाउंडेशन रेलवे फाटक नंबर 39 के पास भरतपुर के नाम से एक बैनर लगा हुआ है। इसके अलावा घर के बाहर WMF मानवाधिकार संघ के नाम से एक बैनर लगा हुआ है। यह घर रविंद्र कुमार का है। रविंद्र कुमार अपनी पत्नी के साथ इस घर में रहता है। रविंद्र का पैतृक गांव अजान है। भरतपुर आने के बाद रविंद्र कई ठिकाने बदल चुका है। फिलहाल पुलिस रविंद्र, उसकी पत्नी और उसके रिश्तेदार से पूछताछ कर रही है।

शुक्रवार को रविंद्र के घर में घुसकर विहिप कार्यकर्ताओं ने परिवार की पिटाई कर दी थी।
शुक्रवार को रविंद्र के घर में घुसकर विहिप कार्यकर्ताओं ने परिवार की पिटाई कर दी थी।

VHP जिलाध्यक्ष के आरोप- रविंद्र की पत्नी चंडीगढ़ से सीखकर आई धर्म परिवर्तन की प्रोसेस

शुक्रवार को मकान पर धावा बोलेने वाले विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष लाखन सिंह ने बताया- रविंद्र कुमार भरतपुर के अजान गांव का रहने वाला है। कई साल से भरतपुर में धर्म परिवर्तन का सेंटर चला रहा है। इस काम में उसकी पत्नी भी साथ देती है। रविंद्र की पत्नी ने चंडीगढ़ में धर्म परिवर्तन की ट्रेनिंग ली। इसके बाद दोनों ने अजान गांव में धर्म परिवर्तन का सेंटर शुरू किया। वे गांव-गांव बस्तियों में जाकर लोगों को ईसाई धर्म के बारे में बताने लगे।

सेंटर संचालक रविंद्र कुमार की पत्नी रूबी ने चंडीगढ़ से धर्म परिवर्तन की ट्रेनिंग ली है।
सेंटर संचालक रविंद्र कुमार की पत्नी रूबी ने चंडीगढ़ से धर्म परिवर्तन की ट्रेनिंग ली है।

गरीब और दलित को बनाते हैं टारगेट
लाखन सिंह ने बताया- अजान गांव से लोगों ने रविंद्र और रूबी को पीट कर भगा दिया था। फिर उसने भरतपुर में प्लाॅट ले लिया। वह रेलवे फाटक संख्या 30 के पास 3 साल तर रहा और सेंटर चलाया।

इस दौरान इस काम में रविंद्र का भाई भी जुड़ गया। तीनों बस्तियों में जाकर ईसाई धर्म का प्रचार करते हैं। इनके टारगेट पर गरीब और दलित लोग होते हैं। शुरुआत में ये लोगों को पैसे और राशन देकर लालच देते हैं। प्रवचन सुनाने के बहाने लोगों को लाल पानी (होली वॉटर) पिलाते हैं। इसके बाद बीमारी ठीक होने का दावा करते हैं।

जानिए, क्या कहते हैं मनोचिकित्सक

मनोचिकित्सक डॉ. कप्तान सिंह ने कहा- प्रार्थना से बीमारी ठीक होने का दावा करने वाले अंधविश्वास में फंसे होते हैं। इसे मानसिक विकृति मान सकते हैं। कोई कहता है कि ऐसा करने से ये बीमारी ठीक हो जाएगी तो वह भरोसा करने लगता है और उसे लगता भी है कि वह ठीक हो रहा है। बीमारियां इलाज से ही ठीक होती हैं। लाइलाज बीमारियों को प्रार्थना से ठीक करने का दावा खोखला और गलत है।

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