171 वें दिन भी धरना जारी : घुम्मकड़ भोपा सपरिवार नहर आन्दोलन में शामिल
171 वें दिन भी धरना जारी : घुम्मकड़ भोपा सपरिवार नहर आन्दोलन में शामिल

चिडावा : चिडावा-सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर नहर मांग आन्दोलन में किसानों का धरना किसान सभा के बैनर तले लोक कलाकार विजेंद्र शास्त्री की अध्यक्षता में आज 171 वें दिन भी जारी रहा। धरने पर आज पानी की कमी से झूझ रही घुम्मकड़ भोपा जाती परसाराम भोपा का सामुहिक बड़ा परिवार खुद घर से चलाकर नहर के लिए शामिल हुआ उनका कहना था कि पानी की कमी जितनी घुम्मकड़ जातियों के सामने है इतनी बसवान लोगों के सामने नहीं है। हम पशुओं का पालन करते हुए पेट भरने के लिए एक से दूसरे गाँव जाने को मजबूर हैं। हमारी समस्या इस कदर है कि महीने में दस दिन तो बिना पानी के हमें व हमारे पशु पक्षियों को वंचित रहना एक तरह से लाजमी हो गया है और ये समस्या दिन ब दिन बढती जा रही है। हम क्या करें हमारा क्या होगा, पहले तो किसानों के कृषि फार्म खुल्ले पडे रहने से किसानों के निजी जलाशयों से हम पानी की पूर्ति प्रार्थना व निवेदन से हमें प्यास बुझाने का अवसर मिल जाता था। परन्तु आज के महौल में किसानों ने आवारा पशुओं से बचने के लिए अपने अपने खेतों के चारों ओर नुकीले तारों की बाड बना ली हैं जिससे हमारा प्रवेश बन्द हो गया है। तो पानी के लिए मशक्कत जो हमारा समाज करता है। वैसी कोई ओर समाज को नहीं है। जब हमें जानकरी मिली कि हमारे किसानों द्वारा लालचौक पर नहर के लिए धरना चल ही रहा है तो घुमते घुमते इन किसनों का समर्थन करने पहुंचे हैं। हमें भी पानी के बिना जीवन दुर्लभ दिखाई देता है। हमारे सम्पर्क में कई हजारों भोपा और अन्य घुम्मकड़ जातियों के लोग हैं वो सब के सब जुडेंग इस आन्दोलन से। उनका कहना था कि हम तन मन धन से साथ देंगे और पिछे नहीं हटेंगे।सरकार को हमें व हमारे शेखावाटी आश्रय दाता भूमि के लिए नहर देने का उपकार कर दे तो हमारा जीवन बचेगा वरना मौत तो बिना पानी निश्चित है तो फिर डटेंगे, लडेंगे, कूच करेंगे ताजेवाला किसानों के साथ हम भी मरने मारने वाले हैं। क्योंकि शेखावाटी ही वो धरा है जहाँ हमें आश्रय मिलता है बाकी देश के अन्य प्रान्तों में नहीं है।
धरने पर आज महामन्त्री मदनसिंह तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, ताराचंद तानाण,परसाराम भोपा के साथ उनकी पत्नी सावित्री, पोती मिला व देवकी, बेटा कुलदीप, नाहरसिंह, सन्दीप व पोते राजीव, जुहारसिंह, राजु, सोनु, प्रतुडा तथा भाई बिहारी लाल, राजाराम, हनुमान, तथा अन्य लोगों में जयसिंह, रिशाल, सन्दीप हीरवा, सौरभ सैनी, करण कटारिया, जयन्त चौधरी, विशाल सैनी, विजय सैनी, आयुष चाहर, अजीज चाहर, पवन योगी, महेन्द्र कुमावत सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।