[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

हेरिटेज वॉक पर पहली पसंद थी गोयनका हवेली:100 हवेलियां जर्जर, 8 साल में 150 बाजार में तब्दील…विवादों के कारण 400 पर ताला


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़राजस्थानराज्यसीकर

हेरिटेज वॉक पर पहली पसंद थी गोयनका हवेली:100 हवेलियां जर्जर, 8 साल में 150 बाजार में तब्दील…विवादों के कारण 400 पर ताला

हेरिटेज वॉक पर पहली पसंद थी गोयनका हवेली:100 हवेलियां जर्जर, 8 साल में 150 बाजार में तब्दील...विवादों के कारण 400 पर ताला

सीकर : देश-दुनिया में रह रहे राजस्थान के प्रवासी उद्योगपतियों की प्रदेश में स्थित ज्यादातर संपत्तियों का हाल खराब है। धर्म, संस्कृति, लोक कला, शिल्प और इतिहास का जीवंत दर्शन कराने वाली हवेलियां खंडहर हो रही हैं। नवलगढ़, मंडावा, मुकंदगढ़, रामगढ़ शेखावाटी, फतेहपुर, डूंडलोद में सैकड़ों साल पहले साहूकारों ने 1300 हवेलियां बनवाई थीं।

सरकारी स्तर पर संरक्षण नहीं मिलने से 150 हवेलियां तो अब कॉम्पलेक्स या मार्केट में बदल दी गई हैं। 100 हवेलियां जर्जर हो चुकी हैं। 300 हवेलियों में केयर टेकर और मालिकों में विवाद चल रहे हैं। ऐसे में 400 हवेलियों पर वर्षों से ताले लगे हुए हैं। ये जर्जर हो रही हैं। ​​​​​​

मंडावा में चार साल पहले तोड़ दी गई गोयनका हवेली
गोयनका चौक में हनुमान प्रसाद राधाकिशन गोयनका हवेली 150 साल पुरानी है। पार्षद राजकुमार ने बताया, हवेली 4 साल पहले तोड़ दी गई। यहां मार्केट बन रहा है। मार्केट से सटा हेवली का एक हिस्सा अपना इतिहास खुद बयां कर रहा है। गोयनका हवेली की पेंटिंग में मंडावा का इतिहास समाया था। हेरिटेज वॉक में स्थित 50 कमरों की यह हवेली पर्यटकों की पहली पसंद थी। इसमें मारवाड़, बूंदी, बणी-ठणी शैली की पेंटिंग बनी हुई थी।

नवलगढ़ में पाटोदिया हवेली पर 40 साल से ताला लगा है
नवलगढ़ में 175 साल पुरानी अणतराम बंशीधर पाटोदिया की हवेली के भारी-भरकम दरवाजे पर जंग लगा ताला लटका है। दीवार से प्लास्टर झड़ रहा है। स्थानीय निवासी लीलाधर चौखानी बताते हैं, हवेली मालिक वर्षों पहले पूना व कोलकाता चले गए। 40 साल से हवेली का ताला तक नहीं खुला। हवेली की दीवारों पर बनी आकर्षक पेंटिंग लुप्त हो गई है। 10 साल पहले इसमें चोरी हुई थी। चोरों से जब्त सामान भी पुलिस थाने में ही रखा है।

म्यूजियम खोला तो पर्यटन बढ़ा

मुकुंदगढ़ की डूंडलोद हवेली सेठ गोयनका ने 150 साल पहले बनवाई थी। परिवार के मोहन गोयनका ने बताया- 1990 के दशक में हवेली को म्यूजियम का रूप दिया, जिसमें 100 साल पुरानी जीवन शैली दिखती है। इससे पर्यटन भी बढ़ा।

कॉलेज, होटल खोल संरक्षित की हवेली

पीरामल, बिड़ला, पोदार, टीबडेवाल, डालमिया, खेतान आदि परिवार हवेलियों का अलग-अलग उपयोग कर रहे हैं। एनजीओ, होटल, कॉलेज, स्कूल आदि संचालित कर रहे हैं। इनके प्रतिनिधियों ने बताया- किसी भी परिवार को हवेली के संरक्षण के लिए सरकार से मदद की दरकार नहीं है।

फतेहपुर में लाल पत्थर की हवेली… 20 साल पहले तक ठीक स्थिति में थी, अब खंडहर हुई

फतेहपुर में 180 साल पहले नेवटिया परिवार ने लाल पत्थर की हवेली बनवाई थी। चारों ओर दीवारों पर बाड़मेर के लाल पत्थर लगाए गए। महीन नक्काशी की गई। झरोखे पर लाल पत्थर की जाली लगाई गई। लाल पत्थर में नक्काशी के कारण यह शेखावाटी की चुनिंदा हवेलियों में शामिल थी।

पश्चिमी राजस्थान में ऐसी अन्य हवेलियां भी हैं, जिनमें स्थानीय वेशभूषा, अतिथि सत्कार, देवी देवताओं से जुड़ी आकर्षक पेंटिंग बनी हुई थी। करीब 50 साल से हवेली पर ताला लगा है। मूल स्वरूप खो चुकी हवेली खंडहर हो गई है।

भजन लाल ने कहा- हवेलियों-जमीनों की सुरक्षा मैं करूंगा
“आपकी जमीन, हवेली और मकान राजस्थान में सुरक्षित रहेंगे। मैं आश्वासन देता हूं, आपकी संपत्ति पर अतिक्रमण नहीं होगा, इसके लिए व्यवस्था कर रहा हूं। आप निश्चित रहें, आप अपने उदेश्य में लगे रहें। प्रवासी राजस्थानी अपनी संपत्तियों की सूची बनाकर दें, उनकी सुरक्षा करना राजस्थान सरकार का काम है।”
-सीएम भजनलाल शर्मा ने चुनाव प्रचार के दौरान 8 मई को हैदराबाद में कहा

Related Articles