बलौदा मर्डर प्रकरण में आरोपियों की अवैध सम्पति पर प्रशासन का चला पीला पंजा, आरोपी की मां बोली- बेटे को जान से मार दो, हमें सजा क्यों
बलौदा मर्डर प्रकरण में आरोपियों की अवैध सम्पति पर प्रशासन का चला पीला पंजा, आरोपी की मां बोली- बेटे को जान से मार दो, हमें सजा क्यों

सूरजगढ़ : झुंझुनूं के सूरजगढ़ थाना इलाके में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वाले आरोपियों में से 2 के घर गुरुवार को बुलडोजर चलाया गया। इस दौरान एक आरोपी की मां फूट-फूटकर रो पड़ी। महिला ने कहा- बेटे ने गलत किया है तो उसे जान से मार दो, हमें सजा क्यों दे रहे हो।

बलोदा हत्याकांड में 5 आरोपियों को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था। एक नाबालिग को डिटेन किया गया था। गुरुवार को दो आरोपियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया गया। इनके घर जोहड़ (तालाब) की जमीन पर बने थे। जिस शराब ठेका संचालक की रंजिश को लेकर हत्या को अंजाम दिया गया, उसका मकान भी तोड़ा गया है।
गुरुवार को पुलिस व प्रशासन ने 3 जगह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। पुलिस ने शराब ठेका ठेका संचालक सुशील जाट, आरोपी प्रवीण मेघवाल (निवासी बलोदा), प्रवीण उर्फ पीके (निवासी उरिका) के मकानों को तोड़ दिया गया। इनमें कच्चे-पक्के मकान शामिल थे।इस दौरान गांव में 5 थानों की पुलिस मौजूद रही। सूरजगढ़ एसडीएम के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

प्रशासन का अमला पहुंचा तो मची चीख-पुकार
जब पुलिस और प्रशासन आरोपियों के घरों को तोड़ने पहुंचा तो घरों में कोहराम मच गया। घर की औरतें और बच्चे मकान नहीं तोडने की मिन्नतें करने लगे। आरोपी प्रवीण की मां ने कहा कि बेटे ने गलत काम किया है तो उसे जान से मार दिया जाए, लेकिन घर तोड़कर हमें परेशान क्यों कर रहे हैं। अब हम कहां रहेंगे। रहने के लिए छत भी नहीं है।
पुलिस ने आरोपी की मां, बहनों और भाई को सामान खाली करने को कहा। बच्चों और महिला ने रोते हुए सामान निकाला। मौके पर मौजूद ग्रामीणों और परिजनों ने गरीबी का हवाला देते हुए मकान न तोड़ने की अपील की लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुनी और मकान पर जेसीबी चला दी।
सबसे पहले बदमाश प्रवीण उर्फ पीके के गांव उरिका में कार्रवाई की गई। बलोदा गांव के बंधड़ी की जोहड़ी में एक कमरा बना हुआ था। यह कमरा अवैध रूप से बना था। पुलिस और प्रशासन ने इस कमरे को तोड़ दिया। सूरजगढ़ एसडीएम दयानंद रूयल और चिड़ावा डीएसपी विकास धींधवाल के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।
इसके बाद बलोदा गांव में शराब ठेका संचालक सुशील जाट और आरोपी प्रवीण मेघवाल का मकान तोड़ दिया गया। यहां पर भी महिलाओं ने प्रशासन से खूब मिन्नतें कीं, लेकिन मकान तोड़ दिए गए।

वाल्मीकि समाज ने किया था कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
गुरुवार को वाल्मीकि समाज ने झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट के सामने जुटकर विरोध प्रदर्शन किया था। मृतक रामेश्वर (27) के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। आरोपियों को फांसी देने की भी मांग की गई।

ये है मामला
रामेश्वर वाल्मीकि(27) पुत्र हनुमान को 14 मई की सुबह 11 बजे उसके घर से दीपेंद्र उर्फ चिंटू, प्रवीण कुमार उर्फ पीके, सुभाष उर्फ चिंटू, सतीश उर्फ सुख निवासी बलोदा, प्रवीण उर्फ बाबा निवासी उरीका थाना सूरजगढ़ ने किडनैप कर लिया। वे उसे गांव में एक हवेली पर ले गए। उसे डंडे से पीटते रहे। शाम 7 बजे उसका शव घर के पास फेंक गए। शराब की रंजिश में आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया था। दो दिन बाद 16 मई को पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एक नाबालिग को भी डिटेन किया गया था।
गुरुवार को प्रशासन ने प्रवीण उर्फ पीके, प्रवीण मेघवाल उर्फ बाबा और शराब ठेका संचालक सुशील जाट के अवैध मकानों पर कार्रवाई की।
इससे पहले प्रवीण कुमार उर्फ पीके मेघवाल निवासी बलौदा – आरोपी, प्रवीण उर्फ बाबा मेघवाल निवासी उरीका आरोपी, सुशील जाट – शराब ठेकेदार, शराब ठेकेदार सुशील जाट का लाईसेंस निलंबित करवाया जा चुका है, जिसे जल्द ही निरस्त किया जावेगा। गौरतलब है कि जिले में हिस्ट्रीशीटर्स व अन्य सक्रिय अपराधिक तत्वों की सम्पति का आंकलन किया जा रहा है जिनके विरुद्ध भी भविष्य में विधि सम्मत कार्रवाई की जावेगी।
